सागर। परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भाजपा के 30 साल पुराने नेता को पार्टी से निष्कासित क्या करवाया, मानो मुसीबत मोल ले ली. भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनोरा राजस्व मंत्री की नाक में दम किए हैं. रोजाना जमीनों की हेराफेरी के मामले खोलकर मंत्री और उनके परिवार की नाक में दम किए हुए हैं. ताजा मामला एक वायरल आडियो से शुरू हुआ, जिसमें राजकुमार सिंह धनोरा के भाई चंद्रेश सिंह राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जिला पंचायत भाई अध्यक्ष भाई हीरासिंह राजपूत से मोबाइल पर बात कर रहे है और दोनों के बीच बहस शुरू हो जाती है और गाली गलौच तक उतर आती है, इसके बाद पता चलता है कि चंद्रेश सिंह लापता है.
चंद्रेश सिंह के भाई राजकुमार धनोरा मोतीनगर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं और मंत्री और उनके भाई पर अपने भाई को गायब करवाने का आरोप लगाते हैं लेकिन तीन दिन बाद अचानक चंद्रेश सिंह वापस आ जाता है और पुलिस को बताता है कि मंत्री के भाई से बहस के कारण मन खिन्न हो गया था, तो तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए बीना चला गया था. अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि ये हकीकत है या फिर साजिश रची गयी थी. मंत्री के भाई ने भी पुलिस से शिकायत की है फिलहाल पुलिस ने राहत की सांस ली है, लेकिन राजनीति के इस खेल में पुलिस चुप्पी साधना बेहतर समझे हुए हैं.
क्या है मामला: राजकुमार सिंह धनोरा का कहना है कि पिछले हफ्ते के शनिवार को मेरे छोटे भाई चंद्रेश सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत को फोन लगाया था दरअसल वह मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के परिजनों के साथ ठेकेदारी का काम करता था. कुछ पैसों के लेनदेने का हिसाब बाकी रह गया होगा. पैसों के लेनदेने को लेकर दोनों में जमकर बहस हो गयी और गाली गलौज भी हो गयी. इस बहस का आडियो भी सामने आया था, बहस के कुछ देर बाद मुझे छोटे भाई के बच्चों का फोन आया कि वो घर नहीं पहुंचा है और मोबाइल भी बंद है. राजकुमार सिंह धनोरा ने इस मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके जिला पंचायत अध्यक्ष भाई अपने छोटे भाई को अगवा करने का आरोप लगाया कि मंत्री और उनके भाई ने चंद्रेश सिंह का अपहरण करवाया है.
पालिटिकल ड्रामा में पुलिस आई संकट में: मोतीनगर थाना में राजकुमार सिंह धनोरा की तरफ से अपने छोटे भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने और मंत्री और उनके भाई पर अपहरण का आरोप लगाने के बाद पुलिस मोहरा बनी नजर आयी और मामले में लापरवाही बरतने पर सागर एसपी अभिषेक तिवारी ने तत्कालीन थाना प्रभारी मानस द्विवेदी को लाइन अटैच कर दिया हांलाकि पुलिस ने इस मामले में चुप्पी साध ली, लेकिन चंद्रेश की तलाश मे एडी चोटी का जोर लगा दिया.
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अचानक मिली चंद्रेश की वापसी की सूचना: गुरूवार को अचानक चंद्रेश की वापसी की सूचना सामने आयी और पता चला कि चंद्रेश खुद वापस आ गया है और उसने मोतीनगर थाना पहुंचकर सूचना दी है कि मोबाइल पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई से झगडे़ के बाद मन खिन्न हो गया था इसलिए मैं कहीं तीर्थयात्रा जाने का सोचकर बीना चला गया था. इस मामले में पुलिस ने भी कोई ज्यादा खुलासा नही किया है और बचाव की मुद्रा में है.
पॉलिटिकल ड्रामा या साजिश: इस मामले में पुलिस मीडिया से बात करने तैयार नहीं है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरा सिंह राजपूत ने भी गोपालगंज थाना में एक शिकायत दर्ज करायी है और साजिश का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. वहीं अपहरण के आरोपों को लेकर भी उनका कहना है कि राजकुमार सिंह धनोरा ने अपने भाई को कहीं छिपाकर ये साजिश रची है हांलाकि फिलहाल चंद्रेश रहस्यमय ढंग से वापस आ गया है और हकीकत क्या है, वो पुलिस , राजकुमार सिंह धनोरा और जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत ही बता सकते हैं.