सागर। कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान सागर ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष आनंद अहिरवार को रविदास महाकुंभ में आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जमीन घोटाले के आरोपों की जांच कराने की मांग करना भारी पड़ गया है. सागर एसडीएम के नेतृत्व में खाद्य विभाग और नापतौल विभाग की टीम ने सांसद के भांजे की गैस एजेंसी पर छापा मारकर सील कर दिया है. खास बात ये है कि यह कार्रवाई रुटीन चेकिंग के नाम पर की गई और पिछले 2 महीने में ये रूटीन चेकिंग सिर्फ कांग्रेस जिला अध्यक्ष के भांजे आशीष अहिरवार की गैस एजेंसी सागर गैस एजेंसी पर की गई है. नापतौल विभाग का कहना है कि ''एजेंसी के सिलेंडर में कम वजन पाया गया है''. जबकि गैस एजेंसी संचालक आशीष अहिरवार का कहना है कि ''जिन सिलेंडरों का वजन कम पाया गया है, वह सिलेंडर कंपनी द्वारा भेजे गए थे और उनमें कंपनी की सील लगी हुई है, फिर भी यह कार्रवाई की जा रही है''.
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क्या है मामला: शहर के तहसील इलाके में स्थित सागर गैस एजेंसी पर बुधवार को सागर एसडीएम के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग और नापतौल विभाग ने संयुक्त छापामार कार्रवाई की है. इस कार्रवाई को लेकर बताया गया है कि यही एक रूटीन कार्रवाई है. जिसमें गैस एजेंसी के 20 सिलेंडर की नापतौल की गई है. जिनमें से 3 सिलेंडर में वजन कम पाया गया है. फिलहाल गैस एजेंसी को सील कर दिया गया है. खास बात ये है कि यह गैस एजेंसी पूर्व सांसद और कांग्रेस के वर्तमान जिला अध्यक्ष (ग्रामीण) आनंद अहिरवार के भांजे आशीष अहिरवार की है. एजेंसी आनंद अहिरवार की बहन के नाम पर थी. बहन के निधन के बाद उनके भांजे आशीष अहिरवार के नाम पर ट्रांसफर हो गई थी.
क्या कहना है नापतौल विभाग का: नापतौल निरीक्षक आरके तिवारी ने ''बताया कि सागर गैस एजेंसी पर कार्रवाई की गई है. हमने 20 सिलेंडरों के वजन की नापतौल की थी. 15 सिलेंडर में तय सीमा से कम वजन पाया गया है. इसलिए प्रकरण पंजीबद्ध कर गैस एजेंसी को सील कर दिया गया है. तय नियम के अनुसार एक गैस सिलेंडर में गैस का वजन 14 किलो 200 ग्राम होता है और सिलेंडर का वजन अलग होता है. गैस एजेंसी संचालकों को 300 ग्राम वजन कम होने तक छूट दी जाती है, लेकिन इससे ज्यादा अगर वजन कम पाया जाता है, तो कार्यवाही की जाती है. हमने जिन 20 सिलेंडरों के वजन की नापतौल की थी, उनमें एक सिलेंडर में 400 ग्राम, दूसरे में 700 ग्राम और तीसरे सिलेंडर में 340 ग्राम वजन कम पाया गया है''.
पिछले 2 महीने में सिर्फ एक गैस एजेंसी की रूटीन जांच: वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग के निरीक्षक एस के यादव का कहना है कि ''गैस एजेंसियों के निरीक्षण एकाधिकार खाद्य सुरक्षा विभाग को होता है और इसी आधार पर सागर गैस एजेंसी की जांच की गई है. कलेक्टर द्वारा जांच प्रतिवेदन के बाद कार्रवाई की जाती है. यह एक रूटीन प्रक्रिया है, इसके पहले हमने 2 महीने पहले एक गैस एजेंसी पर कार्रवाई की थी, जिसमें प्रकरण दर्ज किया गया था.
क्या कहना है गैस एजेंसी संचालक का: गैस एजेंसी संचालक का कहना है कि ''कंपनी द्वारा जो हमें गैस सिलेंडर भेजे जाते हैं, उनके ट्रांसपोटेशन में हमारे पास पहुंचने पर गैस लिक्विड होने के कारण कम हो जाती है. तय मात्रा तक कम होने पर हम सिलेंडर का उपयोग कर सकते हैं, जिन गैस सिलेंडर में तय मात्रा से अधिक गैस कम हो जाती है, उन सिलेंडर को हम कंपनी को वापस करते हैं. अभी जिन सिलेंडर का वजन कम पाया गया है, उन सिलेंडर में कंपनी की सील लगी हुई थी, कोई भी सिलेंडर खोला नहीं गया था''.
क्या कहना है पूर्व सांसद अहिरवार का: पूर्व सांसद और सागर जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष आनंद अहिरवार का कहना है कि ''गैस एजेंसी मेरे भांजे की है और उस पर छापामार कार्रवाई मेरे कारण ही की गई है, अगर सच बोलने की यह सजा है, तो हमें मंजूर है. लेकिन हम सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ेंगे. हम संगठन का काम लगातार करते रहेंगे. प्रशासन द्वारा जो कार्रवाई की गई है, वह अपनी कार्रवाई करें, लेकिन इस तरह की कार्रवाई से संगठन के लिए जो हम काम कर रहे हैं,उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इन चीजों का जवाब जनता देगी''.
राजस्व मंत्री के खिलाफ खोला था मोर्चा: दरअसल पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 8 फरवरी को रविदास महाकुंभ महिसागर पहुंचे थे, तो कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने आनंद अहिरवार के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा था. गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ लगाए गए जमीनों के हेराफेरी के आरोपों की जांच की मांग की थी. तब मुख्यमंत्री के साथ गोविंद सिंह राजपूत खुद उपस्थित थे और असहज स्थिति बन गई थी. माना जा रहा है कि किसी वजह से कांग्रेस जिलाध्यक्ष के भांजे की गैस एजेंसी पर कार्रवाई की गई है.