सागर। सागर नगर निगम की भाजपा पार्षद दल की बैठक में ही महिला पार्षदों की जगह पहुंचे और उन्होंने बैठक में खुद को पार्षद की तरह पेश किया. इस बात को लेकर जब कुछ महिला पार्षदों ने एतराज जताया, तो नगर निगम के अध्यक्ष ने भी पार्षद पतियों को कहा कि आप लोग अगली बैठक में ना आए. नगरीय निकाय चुनाव के बाद परिषदों का गठन हो जाने पर सरकार द्वारा खुद आदेश जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि परिषदों और अन्य समितियों की बैठक में महिला पार्षदों के पति या रिश्तेदार अगर मौजूद रहेंगे और खुद को पार्षद की तरह पेश करेंगे, तो कार्यवाही की जाएगी. (councilor husband attending meetings in mp)
ये है पूरा मामला: दरअसल सागर नगर निगम के सभाकक्ष में आज भाजपा पार्षद दल की बैठक की गई थी. इस बैठक में भाजपा पार्षदों के पतियों ने भी शिरकत की. उन्होंने बैठक के हर मुद्दों पर हस्तक्षेप किया और अपने आप को इस तरह से पेश किया जैसे वह खुद पार्षद हो. इस बात को लेकर कुछ महिला पार्षदों ने एतराज जताया तो नगर निगम के अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने पार्षद पतियों को अगली बैठक में ना आने के लिए कहा. लेकिन पार्षद पति तर्क वितर्क करते नजर आए और अगली बैठक में भी शामिल होने की बात कही. यह बैठक मंगलवार को दोपहर 2 बजे से नगर निगम के सभाकक्ष में रखी गई थी. भाजपा पार्षद दल की बैठक में पार्षद पति कैलाश हरियानी, नरेश यादव, पराग जैन,सोमेश जड़िया, नीरज जैन और बबलू कमानी मौजूद थे.
महापौर पति ने निकाला सरकारी आदेश का तोड़: सागर नगर निगम की महापौर भी महिला हैं. संगीता तिवारी भाजपा नेता सुशील तिवारी की पत्नी है. संगीता तिवारी अर्थशास्त्र से एमए हैं. लेकिन राजनैतिक और सामाजिक सक्रियता कम रही है. ऐसी स्थिति में सरकारी आदेश के बाद महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी ने एक नया तरीका निकाला है और वह सागर के भाजपा सांसद राजबहादुर सिंह के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में शामिल होते हैं. (BJP MP Raj Bahadur Singh)
Satna: महिला पार्षद का निगम अधिकारियों पर फूटा गुस्सा, उतारी चप्पल.... देखें Video
आरक्षण के बाद भी नहीं मिल रहा महिलाओं को हक: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने ही नगरीय निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 50% आरक्षण का ऐलान किया था. इसके पीछे महिलाओं को सशक्त और नेतृत्व क्षमता बढ़ाने का उद्देश्य था. जुलाई माह में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद भी सरकार द्वारा विस्तृत आदेश जारी किया गया था और पार्षद पतियों को परिषद और अन्य समितियों की बैठक में जाने पर रोक लगाई गई थी. लेकिन अपने ही सरकार के मंसूबों पर भाजपा पार्षद ही पानी फेरते नजर आ रहे हैं. (mp news ) (government order ignored in sagar)