सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को सरकार की तरफ से 300 करोड़ का बजट भी मिल चुका है. लेकिन यहां बढ़ी हुई सीटों के लिहाज से अस्पताल और छात्रावास की कमी के चलते परेशानी आ रही है. छात्रावास के लिए तो जगह मिल गयी है. लेकिन अस्पताल के लिए जगह की तलाश की जा रही है. फिलहाल माना जा रहा है कि मौजूदा सत्र में बुंदेलखंड कॉलेज में बढ़ी हुई सीटों पर एडमीशन की संभावना नहीं है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शुरूआत से एमबीबीएस की 100 सीटें थीं.
सिर्फ 125 सीटों पर एडमिशन : साल 2019 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 100 से 250 सीटें करने की अनुमति दे दी थी. इसी तरह पीजी कोर्स में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के लिए 2022 में सीटें बढ़कर 103 सीटों की अनुमति मिल गयी. पीजी सीट पर एडमिशन के लिए तो जबलपुर मेडिकल कॉलेज की टीम ने निरीक्षण के बाद अनुमति दे दी है. अब एनएमसी से एडमीशन के लिए मंजूरी मांगी गयी है. लेकिन एमबीबीएस की सीटें 2019 में 100 से बढ़ाकर 250 कर दी गयी हैं. लेकिन बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज अब तक सिर्फ 125 सीटों पर एडमिशन दे पा रहा है. जबकि सीटों के लिहाज से सरकार द्वारा करीब 300 करोड़ का बजट मिल चुका है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में एडमिशन शुरू नहीं हो पा रहे हैं.
एनएमसी से अनुमति मांगी : इस मामले में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.आरएस वर्मा का कहना है कि हमें अलग-अलग ब्रांच में 103 पीजी सीट्स की अनुमति है. जिनमें से 66 सीटों पर एडमिशन हो चुके हैं. बाकी हुई सीटों पर एडमिशन के लिए जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी निरीक्षण कर अनुमति दे चुकी है और अब हमने एनएमसी से अनुमति मांगी है. अनुमति मिलते ही हम बाकी सीटों पर एडमिशन करेंगे. 2019 में एमबीबीएस में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की सीटें 100 से बढ़ाकर 250 कर दी गयी थीं. लेकिन फिलहाल हम सिर्फ 125 सीटों पर एडमिशन कर पा रहे हैं.
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क्या कहते हैं स्थानीय विधायक : विधायक शैलेन्द्र जैन कहते हैं कि हमारे पास एक भी विभाग में पीजी नहीं था. आज एक-एक करके सभी विभागों में पीजी कक्षाएं शुरू हो रही हैं. पीजी के हिसाब से मेडिकल कॉलेज के उन्नयन के लिए हमें 100 करोड के अतिरिक्त बजट का इंतजाम करना पड़ा. अब हम एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. हमें करीब 300 करोड़ बजट मिल चुका है. हॉस्टल और अन्य सुविधाओं के 50 एकड़ जमीन पर समतलीकरण का काम शुरू हो गया है. अस्पताल की जरूरत के मामले में दिक्कत आ रही है.