सागर। शहर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अन्तर्गत नेशनल लोक अदालत का आयोजन सागर मुख्यालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में किया गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश केपी सिंह ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के समाधान में दोनों पक्षों को सहूलियत होती है. एक तरफ वादी को न्याय शुल्क की छूट मिलती है तो प्रतिवादी को प्रकरण के खर्च से मुक्ति मिल जाती है.
उन्होंने कहा कि लोक अदालत में जल्द न्याय मिल जाता है और विभागों की छूट का लाभ भी मिलता है. लोक अदालत में मोटर दुर्घटना के 52 मामलों का निराकरण कर 51 लाख 35 हजार 500 रुपए के अवार्ड पारित किए गए, जबकि चेक बाउंस के 90 मामले, आपराधिक प्रकृति के 43 मामले, बिजली के 54 मामले, पारिवारिक विवाद के 38 मामले, दीवानी और अन्य प्रकृति के 106 मामलों का निराकरण किया गया.
विभिन्न बैंकों के 104 मामले, बिजली विभाग के 222 मामले, नगर निगम के 681 मामले और 233 प्री-लिटिगेशन का निराकरण भी किया गया. जिसमें 91 लाख 36 हजार 771 का राजस्व प्राप्त हुआ. जिले की 45 खंडपीठों में लंबित मामलों में से 331 मामले और प्री-लिटिगेशन के 1240 मामलों का समाधान किया गया. वहीं कई पारिवारिक मामले भी जो सालों से चले आ रहे मनमुटाव को दूर कर समझौता कराया गया.