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नौरादेही अभ्यारण्य के विस्थापन को लेकर दिग्विजय सिंह ने लिखा CM को पत्र, विशेष पुनर्वास नीति बनाए जाने की मांग - एमपी सागर न्यूज

नौरादेही अभ्यारण्य के विस्थापन पर राजनीति शुरू हो गई है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. उन्होंने विशेष पुनर्वास नीति बनाए जाने की मांग की है. (Mp Sagar News)

Politics on displacement of Nauradehi Sanctuary
नौरादेही अभ्यारण्य के विस्थापन पर राजनीति
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Published : Jul 3, 2023, 3:41 PM IST

सागर। जल्द ही प्रदेश के सातवें टाइगर रिजर्व में तब्दील होने जा रहे नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य के विस्थापन का मामला अब सियासी मोड़ ले चुका है. नौरादेही विस्थापन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नौरादेही वन अभ्यारण्य के तहत विस्थापित हो रहे सभी पीड़ित और प्रभावित परिवारों के लिये "विशेष पुनर्वास नीति" बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री को लिखा कि वे खुद शीघ्र ही नौरादेही अभ्यारण्य क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने अभ्यारण्य के गांव में जाएंगे. (Politics on Displacement Nauradehi Wildlife Sanctuary)

mp sagar news
नौरादेही अभ्यारण्य के संबंध में पत्र विस्थापन को लेकर पत्र

क्या लिखा दिग्विजय सिंह ने: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि बुंदेलखंड के तीन जिलों में फैले नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए आधे-अधूरे विस्थापन और सरकारी लाल फीताशाही में फंसे अनेक गांवों के ग्रामवासी बिना उचित मुआवजे के विस्थापन की वेदना भोग रहे हैं. एक दशक से सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले के करीब 1200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण के प्रतिबंधित क्षेत्र में करीब 17 गांव शामिल हैं. विंध्याचल पर्वत श्रंखला में मां नर्मदा और गंगा के बेसिन में स्थित पर्वत श्रंखलाओं के बीच घने जंगल में एक तरफ टाइगर रिजर्व जैसा अभ्यारण्य बनाया. जंगल एवं जैव विविधता की रक्षा की जा रही है. दूसरी तरफ वन अभ्यारण के बीच रहने वाले वनवासियों के विस्थापन में भेदभाव किया जा रहा है.

mp sagar news
नौरादेही अभ्यारण्य के संबंध में सीएम शिवराज को लिखा पत्र
पीड़ित परिवारों के प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात: पीड़ित परिवारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान बताया कि अभ्यारण्य में रहने वाले परिवारों को सिर्फ 15 लाख रूपये मुआवजा दिया जा रहा है, जो न्याय संगत नहीं है. इतने कम मुआवजे में परिवारों का सही रूप से विस्थापन नहीं हो पायेगा. वहीं पीड़ित परिवारों ने बताया है कि "वन विभाग द्वारा उन्हें बरसात के मौसम में बेदखल करने की कार्रवाई की जा रही है.पुनर्बसाहट की कार्रवाई की जाये."

मेरी मांग है...

  1. प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपए की जगह 25 लाख दिये जाये.
  2. प्रत्येक के 18 वर्ष से ऊपर के सदस्य को पृथक परिवार मानते हुए 25 लाख दिये जाये
  3. कृषि भूमिधारक परिवार को भू-अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुरूप कलेक्टर गाइड लाइन से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाना चाहिये.
  4. पात्रतानुसार वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहित करने पर भूमि दी जाये.

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विशेष पुनर्वास नीति बनाए जाने की मांग: दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से अनुरोध किया है कि नौरादेही वन अभ्यारण्य के विस्थापित हो रहे समस्त पीड़ित और प्रभावित परिवारों के लिये "विशेष पुनर्वास नीति" बनाकर क्रियान्वित की जाये. साथ ही बढ़ा हुआ मुआवजा दिये जाने के पश्चात अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग सहित विस्थापित परिवारों का उचित स्थान पर पुनर्वास किया जाना उचित होगा. मैं स्वतः भी शीघ्र ही नौरादेही अभ्यारण्य क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने अभ्यारण क्षेत्र के गांवों में जाऊंगा.

सागर। जल्द ही प्रदेश के सातवें टाइगर रिजर्व में तब्दील होने जा रहे नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य के विस्थापन का मामला अब सियासी मोड़ ले चुका है. नौरादेही विस्थापन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नौरादेही वन अभ्यारण्य के तहत विस्थापित हो रहे सभी पीड़ित और प्रभावित परिवारों के लिये "विशेष पुनर्वास नीति" बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री को लिखा कि वे खुद शीघ्र ही नौरादेही अभ्यारण्य क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने अभ्यारण्य के गांव में जाएंगे. (Politics on Displacement Nauradehi Wildlife Sanctuary)

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नौरादेही अभ्यारण्य के संबंध में पत्र विस्थापन को लेकर पत्र

क्या लिखा दिग्विजय सिंह ने: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि बुंदेलखंड के तीन जिलों में फैले नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए आधे-अधूरे विस्थापन और सरकारी लाल फीताशाही में फंसे अनेक गांवों के ग्रामवासी बिना उचित मुआवजे के विस्थापन की वेदना भोग रहे हैं. एक दशक से सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले के करीब 1200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण के प्रतिबंधित क्षेत्र में करीब 17 गांव शामिल हैं. विंध्याचल पर्वत श्रंखला में मां नर्मदा और गंगा के बेसिन में स्थित पर्वत श्रंखलाओं के बीच घने जंगल में एक तरफ टाइगर रिजर्व जैसा अभ्यारण्य बनाया. जंगल एवं जैव विविधता की रक्षा की जा रही है. दूसरी तरफ वन अभ्यारण के बीच रहने वाले वनवासियों के विस्थापन में भेदभाव किया जा रहा है.

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नौरादेही अभ्यारण्य के संबंध में सीएम शिवराज को लिखा पत्र
पीड़ित परिवारों के प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात: पीड़ित परिवारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान बताया कि अभ्यारण्य में रहने वाले परिवारों को सिर्फ 15 लाख रूपये मुआवजा दिया जा रहा है, जो न्याय संगत नहीं है. इतने कम मुआवजे में परिवारों का सही रूप से विस्थापन नहीं हो पायेगा. वहीं पीड़ित परिवारों ने बताया है कि "वन विभाग द्वारा उन्हें बरसात के मौसम में बेदखल करने की कार्रवाई की जा रही है.पुनर्बसाहट की कार्रवाई की जाये."

मेरी मांग है...

  1. प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपए की जगह 25 लाख दिये जाये.
  2. प्रत्येक के 18 वर्ष से ऊपर के सदस्य को पृथक परिवार मानते हुए 25 लाख दिये जाये
  3. कृषि भूमिधारक परिवार को भू-अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुरूप कलेक्टर गाइड लाइन से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाना चाहिये.
  4. पात्रतानुसार वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहित करने पर भूमि दी जाये.

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