सागर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी और शिवराज सरकार में राजस्व एवं परिवहन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पिछले तीन-चार महीनों से काफी परेशान थे. उनकी परेशानी की वजह भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनोरा थे. राजकुमार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सबसे करीबी मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार हैं. दरअसल राजकुमार सिंह धनोरा ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था और लगातार जमीनों की हेराफेरी के मामलों का खुलासा कर रहे थे.
मामला पहुंच गया था सुप्रीम कोर्टः इसके बाद स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. इन आरोपों को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे थे. माना जा रहा था कि भूपेंद्र सिंह अपने रिश्तेदार के जरिए गोविंद सिंह राजपूत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. मामला और भी गंभीर तब हो गया, जब 8 फरवरी को सागर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने राजकुमार धनोरा के लगाए गए आरोपों को लेकर मंत्री को बर्खास्त कर निष्पक्ष जांच की मांग कर डाली. मामला गंभीर होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हस्तक्षेप किया और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को राहत मिल गई.
निष्कासित नेता ने की थी मंत्री की नींद हरामः शिवराज सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के लिए परेशानी का सबब बने राजकुमार सिंह धनोरा मंत्री राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत आते हैं. भाजपा में रहते हुए किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष थे. उन्होंने चुनाव के एक साल पहले स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. सुरखी विधानसभा के लिए गोविंद सिंह राजपूत बाहरी हैं. इस अभियान को देखते हुए मंत्री की शिकायत पर भाजपा द्वारा राजकुमार सिंह धनोरा को निष्कासित कर दिया. जिस पार्टी में लगातार 30 साल से सक्रिय सदस्य के रूप में धनोरा काम कर रहे थे. पार्टी से निष्कासित होते ही राजकुमार सिंह धनोरा ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और एक के बाद एक कई जमीनों के हेराफेरी के मामलों का खुलासा करते हुए मंत्री की नाक में दम कर दिया. मंत्री जवाब दे देकर थक गए और आखिरकार मंत्री ने भी एक के बाद एक कई प्रकरण राजकुमार सिंह धनोरा के खिलाफ दर्ज करा दिए. इसके चलते धनोरा को भूमिगत होना पड़ा.
मंत्री भूपेंद्र सिंह की चुप्पी पर उठ रहे थे सवालः एक तरफ मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार गोविंद सिंह राजपूत पर एक के बाद एक आरोप लगा रहे थे तो दूसरी तरफ मंत्री भूपेंद्र सिंह की चुप्पी कई तरह के सवालों को जन्म दे रही थी. चर्चा तो यहां तक होने लगी थी कि भाजपा ने सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों को चुनाव के पहले ही निपटाना शुरू कर दिया है. राजकुमार सिंह धनोरा शिवराज संह के करीबी माने जाने वाले भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार है. इसलिए अपने साथी मंत्री पर रिश्तेदार द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही थी. हालांकि इस बारे में राजकुमार सिंह धनोरा का कहना था कि मंत्री भूपेंद्र सिंह भले ही उनके रिश्तेदार है लेकिन लेकिन उनका विधानसभा क्षेत्र खुरई है. वह दूसरे विधानसभा क्षेत्र जिला मंत्री के विभाग में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते है. बावजूद इसके सियासी गलियारों में चोरी छिपे यह चर्चा जोर पकड़ने लगी थी कि राजकुमार सिंह धनोरा के पीछे मंत्री भूपेंद्र सिंह और भाजपा का हाथ है.
BJP से निष्कासित नेता को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से जान का खतरा, जमीन की हेराफेरी का किया खुलासा
रविदास महाकुंभ में बनी असमंजस की स्थितिः करीब 3 महीने से चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बाद शिवराज सरकार या संगठन की तरफ से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के लिए राहत मिले,ऐसे कोई प्रयास नहीं किए गए थे.पिछले दिनों 8 फरवरी को जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सागर में रविदास महाकुंभ में शिरकत करने आए और हेलीपैड पर उतरते ही जनता से मुलाकात कर रहे थे,तो कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए मंत्री को बर्खास्त कर जांच की मांग कर डाली. खास बात ये है कि तब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत खुद मुख्यमंत्री के साथ मौजूद थे. जब कांग्रेस उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रही थी. ऐसी स्थिति से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी बचते हुए नजर आए.
शिवराज की पहल पर सुलह की चर्चाः रविदास महाकुंभ में बनी असमंजस की स्थिति के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री ने खुद मंत्री भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह से विषम परिस्थिति से जल्द निपटने के लिए कहा और मामले को सुलझाने के निर्देश दिए. चर्चा है कि मुख्यमंत्री की पहल के बाद मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री भूपेंद्र सिंह और राजकुमार धनोरा के बीच एक दौर की बातचीत हो चुकी है और बातचीत का सिलसिला अभी जारी है. बातचीत के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी थम गया है और शांति का माहौल नजर आ रहा है.
वीडियो वायरल और FIR का सिलसिला भी रुकाः सियासी गलियारों में सुलह की चर्चा पर इसलिए भी विश्वास किया जा सकता है कि पिछले कई दिनों से राजकुमार धनोरा नए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत या उनके परिजनों पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है और ना ही उनके खिलाफ कोई वीडियो जारी किया है। वहीं दूसरी तरफ मंत्री गोविंद सिंह राजपूत जहां एक के बाद एक एफ आई आर राजकुमार सिंह धनोरा पर दर्ज करा रहे थे, उस का सिलसिला भी थम गया है और एफ आई आर के डर से भूमिगत हो गए राजकुमार धनोरा भी अब नजर आने लगे हैं.