सागर। Sagar बुंदेलखंड ही नहीं मध्यप्रदेश में जिस तरह से प्री मानसून की बारिश हुई थी, उसकी जोरदार दस्तक पर लग रहा था कि मानसून जमकर मध्य प्रदेश को तरबतर करेगा. पिछले एक हफ्ते से मानसून मानो भटक गया और लोग बढ़ती हुई गर्मी और उमस से परेशान है .आलम ये है कि लोग भारी उमस के चलते घर में ही रहने के लिए मजबूर हैं.वहीं दूसरी तरफ खेत जोतकर बुवाई कर रहे किसानों को भी चिंता सताने लगी है. हालांकि कृषि विभाग ज्यादा नुकसान नहीं होने की बात कर रहा है. मौसम विज्ञान का कहना है कि जितनी ज्यादा गर्मी पड़ेगी उतनी ज्यादा बारिश होगी.
बारीश न होने से उमस से परेशान है लोग
पिछले एक हफ्ते के मौसम के मिजाज पर नजर डालें,तो अनलॉक होने के बाद भी लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हैं. उमस भरी गर्मी लोगों को हाल बेहाल है. लोगों को अब बारीश आने का इंतजार है.
सागर संभाग में अब तक हुई बारिश के आंकड़े
शहर | मिलीमीटर |
सागर | 208.5 मिलीमीटर |
छतरपुर | 99.6 मिलीमीटर |
दमोह | 101.9 मिलीमीटर |
पन्ना | 66.7 मिलीमीटर |
टीकमगढ़ | 78.6 मिलीमीटर |
आंकड़े 1 जून 2021 से लेकर 30 जून तक की बरसात के हैं
सागर संभाग तापमान
तारीख | शहर | तापमान |
28 जून | सागर | 35 सेल्सियस (feels like 41) |
29 जून | 36 सेल्सियस (feels like 42) | |
30 जून | 36 सेल्सियस (feels like 41) |
दमोह संभाग तापमान
तारीख | शहर | तापमान |
28 जून | दमोह | 35 सेल्सियस ( feels like - 40) |
29 जून | 36 सेल्सियस ( feels like - 41) | |
30 जून | 37 सेल्सियस ( feels like - 42) |
पन्ना संभाग तापमान
तारीख | शहर | तापमान |
28 जून | पन्ना | 35 सेल्सियस ( feels like - 41) |
29 जून | 36 सेल्सियस ( feels like - 42) | |
30 जून | 40 सेल्सियस ( feels like - 44) |
छतरपुर संभाग तापमान
तारीख | शहर | तापमान |
28 जून | छतरपुर | 35 सेल्सियस ( feels like - 40) |
29 जून | 36 सेल्सियस ( feels like - 41) | |
30 जून | 39 सेल्सियस ( feels like - 43) |
टीकमगढ़ संभाग तापमान
तारीख | शहर | तापमान |
28 जून | टीकमगढ़ | 39 सेल्सियस ( feels like - 43) |
29 जून | 41 सेल्सियस ( feels like - 45) | |
30 जून | 39 सेल्सियस ( feels like - 44) |
मौसम और मानसून को लेकर ज्योतिषीय अनुमान
ज्योतिषाचार्य पंडित शांतनु आचार्य कहते हैं कि वर्तमान का कष्टकारी मौसम और मानसून भटकने की जो स्थिति है,वह ग्रहों के कारण बन रही है. इस साल ग्रहों का राजा मंगल है.मंगल एक उष्ण प्रकृति का ग्रह है और अपने अत्यंत ताप और तेज से जनमानस को प्रभावित करता है. क्योंकि भूमि पुत्र भी है, तो जमीन से हल्की नमी दे रहा है और तापमान के कारण उमस का सामना करना पड़ रहा है. यह मौसम भविष्य की वर्षा के लिए भी सुखद संकेत है. आगे चलकर तीव्र और भरपूर वर्षा होगी.
मानसून भटकने से किसानों पर असर
कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस मालवीय कहते हैं कि फिलहाल किसानों को इस मौसम के कारण ज्यादा नुकसान नहीं है.जिन लोगों की बुवाई हो गई है. वह बीज अंकुरित हो गया है.उनको किसी तरह का नुकसान नहीं है. इतना जरूर है कि जिन लोगों की बुवाई नहीं हो पाई है, उनकी फसल मौसम के लिहाज से लेट हो गई है.
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क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष और मौसम वैज्ञानिक आरडी मिश्रा का कहना है कि मानसून के लिए क्षेत्रीय और द्वीपीय स्तर पर गर्मी का होना बहुत जरूरी है. अगर गर्मी नहीं होगी, तो मानसून हवाएं वहां का रूख कर लेगा. जहां पर गर्मी होगी.पिछले कई सालों से हमारे यहां केरल में सबसे पहले मानसून आता है. केरल से फिर कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में आगे बढ़ता है.हमारे यहां मानसून की शुरुआत में बरसात हुई है.अब मध्य प्रदेश से ज्यादा गर्मी उत्तराखंड, नेपाल और चीन में पढ़ रही है. हवाएं तेज गति से उत्तर की तरफ आकर्षित हो रही हैं. पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल प्रदेश, पंजाब और कश्मीर की तरफ मानसून हवाओं को धकेलता है. यह हवाएं नेपाल की तरफ मुड़ गई है, वहां पर बरसात कर रही हैं. इसी वजह से आपने देखा होगा कि नेपाल में बारिश की वजह से बाढ़ आ गई है और यूपी बिहार तक की नदियां पानी से लबालब भर गई हैं. चीन में भी बाढ़ आ गई है. दक्षिण पूर्वी एशिया में भी भारी बारिश हो रही है. यह सामान्य प्रक्रिया है, जो बादल उत्तर की तरफ चले जाते हैं,तो यूपी बिहार में जब संतृप्त स्थिति में पहुंच जाते हैं.तब मध्य प्रदेश की तरफ आ जाते हैं. इसलिए मध्य प्रदेश में अक्टूबर और नवंबर तक बारिश होती है। ये स्थिति इन्हीं हवाओं की गड़बड़ी के कारण बनी है.