सागर। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को अपने साले से मिली 50 एकड़ जमीन को लेकर कांग्रेस लगातार घेर रही है. खुरई में हाथ जोड़ो अभियान और कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर की जा रही झूठी कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा "अगर कार्रवाई करनी है तो उस मंत्री पर करो, जिसके कारण मान सिंह पटेल पिछले 5-6 साल से गायब है. अगर कार्रवाई करनी है तो भाजपा नेताओं पर करो, जो 50 एकड़ जमीन दान करवा रहे हैं.
50 एकड़ जमीन का मामला : बता दें कि राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनकी पत्नी और बच्चों को ससुराल पक्ष से 50 एकड़ जमीन दान में मिली थी. इस बात का खुलासा होने पर जमकर बवाल हुआ था. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो पंजीयन विभाग द्वारा ये दान पत्र खारिज कर दिए गए है. हालांकि इस मामले पर पंजीयन विभाग और प्रशासन के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है. लेकिन प्रशासनिक और सियासी गलियारों में इस बात की जमकर चर्चा है. दरअसल, भाजपा से निष्कासित किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह धनोरा ने गोविंद सिंह राजपूत के साले हिमाचल सिंह, करतारसिंह और सास लाड़ कुंवर बाई ने सागर- राहतगढ़ मार्ग पर भापेल में कल्पना सिंघई से 8 सितंबर 2021 को खसरा नंबर 1322 से 0.176 हेक्टेयर, खसरा नंबर 1323 का रकबा 2.88 हेक्टेयर, खसरा नंबर 1327 का रकबा 2.335 हेक्टेयर जमीन खरीदी और एक साल बाद जुलाई-अगस्त 2022 में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, उनकी पत्नी सवितासिंह और बेटे आदित्य सिंह और आकाश सिंह के नाम पर दान कर दी.
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धनौरा फिर उठाया मामला : बता दें कि राजकुमार सिंह धनोरा को गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर भाजपा से निष्कासित कर दिया गया. तब राजकुमार सिंह धनोरा ने एक के बाद एक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जमीनों की हेराफेरी के मामले उजागर किए. इन मामलों में ससुराल से मिली 50 एकड़ जमीन के दान का मामला काफी गंभीर है. अब भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनोरा ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा है कि " सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. मुझे जानकारी मिली है कि राजस्व परिवहन मंत्री ने ससुराल पक्ष से जो जमीन दान में ली थी, उसका दान पत्र प्रशासन ने निरस्त कर दिया है. मैं प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि कोई चोर चोरी करे और उससे सामान बरामद हो जाए, तो क्या उसका गुनाह मिट जाता है. आखिर जिसने जो कृत्य किया है, उसको उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए."