सागर । प्रदेश के 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से एक बेहद जरुरी सीट सागर है. जिले की सुरखी विधानसभा सीट से प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी के उम्मीदवार होंगे. सुरखी विधानसभा क्षेत्र से गोविंद सिंह राजपूत का दशकों पुराना वास्ता है. 1998 में पहली बार सुरखी विधानसभा सीट से ही वे चुनाव लड़े थे, हालांकि वह चुनाव में हार गए थे.
उसके बाद लगातार एक ही क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए वे यहां से 5 बार विधानसभा चुनाव लड़े, जिसमें तीन बार जीते और दो बार हारे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से राजनीति करने वाले गोविंद सिंह राजपूत अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे और लगातार कांग्रेस की राजनीति करते हुए सुरखी विधानसभा से तीन बार विधायक और कमलनाथ सरकार में राजस्व एवं परिवहन मंत्री भी रहे.
सिंधिया गुट के साथ कांग्रेस का हाथ झटक बीजेपी का कमल थाम चुके गोविंद सिंह राजपूत अब अपने भविष्य को संवारने के लिए झोली फैलाते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं मंत्री बनने के 3 महीनों के भीतर उन्होंने सुरखी विधानसभा क्षेत्र में करीब 200 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास भी कर दिया है.
जातिगत समीकरणों को साधने में जुटे
वे कभी ब्राह्मण तो कभी लोधी तो कभी दूसरे जातियों का लगातार सम्मेलन कर उनसे समर्थन मांग रहे हैं. 15 जून फिर जुलाई और अब 29 अगस्त को तीसरी बार शिवराज सिंह चौहान का सागर दौरा रद्द हुआ है. 15 जून को सुरखी विधानसभा क्षेत्र के बांसा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आना था और जिसके लिए तैयारियां पूरी थीं, लेकिन अचानक हुई तेज बारिश ने हेलीपैड और राजपूत के अरमानों पर पानी फेर दिया और सीएम का आना कैंसिल हो गया.
येलो मोजैक वायरस बना कांग्रेस का मुद्दा
इस बीच सोयाबीन की फसल में अफलन और पीला मोजेक की वजह से हुए नुकसान को कांग्रेस ने मुद्दा बनाना शुरू कर दिया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर किसानों के हित में जल्द से जल्द सर्वे कर मुआवजा देने की मांग उठने लगी. गोविंद सिंह राजपूत ने फसलों का जायजा लिया और किसानों को मुआवजा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि 15 महीनों की सरकार में कमलनाथ ने कभी भी किसानों की सुध नहीं ली है. मुख्यमंत्री के एक के बाद एक दौरे आयोजित करना यह साफ दिखाता है कि विकास की राजनीति आम लोगों के लिए कम और चुनाव के लिए ज्यादा जरुरी है.