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अतिवृष्टि से फसलें हुईं चौपट, मुआवजे के लिए दर- दर भटक रहे हैं किसान

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Published : Oct 15, 2019, 6:39 AM IST

Updated : Oct 15, 2019, 9:35 AM IST

राज्य में हुई भारी बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. खेतों में पानी जमा होने से किसानों की फसले सड़ने लगी हैं. जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

अति बारिश में बर्बाद किसानों की फसल

सागर। प्रदेश भर में बारिश के थमने से भले ही आम जनता ने राहत की सांस ली हो, लेकिन किसानों के हालात बारिश थमने के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. अतिवृष्टि से किसानों की फसलें लगभग चौंपट हो चुकी हैं.

अति बारिश में बर्बाद किसानों की फसल

जहां एक ओर किसानों पर पुराने कर्ज चुकाने का दबाव है. वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में उन्हें न तो फसल बीमा की राशि ही मिली और न ही सरकारी मुआवजा, जिससे किसानों की उम्मीद लगातार टूटती जा रही है. सोयाबीन, उड़द, मूंग जैसी फसले बारिश में गल चुकी हैं, हालात ये हैं कि किसान नई फसल बोने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं.

कर्ज तले दबे किसानों के खुदकुशी की खबरें भी सामने आने लगी हैं, बीना के पास एक किसान ने खराब फसलों को देखकर ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली. कुदरत की मार झेल रहा किसान अब सरकार की ओर टकटकी लगाए राहत की उम्मीद में बैठा है.

सागर। प्रदेश भर में बारिश के थमने से भले ही आम जनता ने राहत की सांस ली हो, लेकिन किसानों के हालात बारिश थमने के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. अतिवृष्टि से किसानों की फसलें लगभग चौंपट हो चुकी हैं.

अति बारिश में बर्बाद किसानों की फसल

जहां एक ओर किसानों पर पुराने कर्ज चुकाने का दबाव है. वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में उन्हें न तो फसल बीमा की राशि ही मिली और न ही सरकारी मुआवजा, जिससे किसानों की उम्मीद लगातार टूटती जा रही है. सोयाबीन, उड़द, मूंग जैसी फसले बारिश में गल चुकी हैं, हालात ये हैं कि किसान नई फसल बोने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं.

कर्ज तले दबे किसानों के खुदकुशी की खबरें भी सामने आने लगी हैं, बीना के पास एक किसान ने खराब फसलों को देखकर ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली. कुदरत की मार झेल रहा किसान अब सरकार की ओर टकटकी लगाए राहत की उम्मीद में बैठा है.

Intro:सागर। लगातार बारिश के बाद भले ही अब आम जन को बारिश थमने से राहत मिली हो लेकिन किसानों की हालत बारिश थमने के बाद भी बत्तर ही है, वजह साफ है क्षेत्र में अतिवृष्टि से फसलें लगभग चौंपट हो चुकी हैं, वहीं जहाँ एक ओर किसानों को पुराने कर्ज़ को चुकाने का दबाव है वहीं वर्तमान में उन्हे अब तक न फसल बीमा की राशि मिली न ही सरकारी मुआवज़ा। जिससे किसानों की उम्मीद लगातार टूटती जा रही है।Body:सोयाबीन, उड़त, मूँग जैंसी फसले बारिश में गल चुकी हैं, हालात यह हैं कि किसानों को नई फसल बोने के लिए भी हिम्मत जुटाना बहुत मुश्किल दिख रहा है। कर्ज तले दबे किसानों के खुदकुशी की ख़बरें भी सामने आने लगी हैं, जहाँ बीना के पास एक किसान द्वारा लंबी बीमारी और ख़राब फसलों को देखकर ट्रेन से खुदकुशी करने का मामला सामने भी आ चुका है। कुदरत की मार झेल चुका किसान अब सरकार की ओर टकटकी लगाए कुछ राहत की उम्मीद में बैठा है कि शायद उन्हे उनका हक जल्द मिल जाए तो उनके माथे कि शिकन कुछ कम हो।
बाइट- जगत सिंह, किसान
बाइट- नरेन्द्र कुर्मी
Conclusion:
Last Updated : Oct 15, 2019, 9:35 AM IST
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