सागर। प्रदेश की 28 सीटों में होने वाले उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. वहीं सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव होना है, जहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से राजनीति करने वाले उनके करीबी गोविंद सिंह राजपूत पूर्व में सुरखी से ही कई बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. अब बीजेपी की ओर से संभावित प्रत्याशी हैं. गोविंद सिंह राजपूत के समर्थन में सुरखी विधानसभा क्षेत्र के जैसीनगर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंच रहे हैं. जहां वो करीब 804 करोड़ के विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण करेंगे.
सीएम शिवराज सिंह चौहान इससे पहले भी करीब 3 बार सुरखी विधानसभा क्षेत्र में आने का विफल प्रयास कर चुके हैं. कभी मौसम की बेरुखी, तो कभी कोरोना महामारी की वजह से शिवराज सिंह चौहान सुरखी विधानसभा क्षेत्र में अपने निर्धारित दौरे पर नहीं आ सके. सीएम शिवराज सिंह का पहला दौरा बांसा में था, लेकिन ऐन वक्त पर हुई तेज बारिश और आंधी की वजह से रद हो गया. इसके बाद राहतगढ़ में सोयाबीन की फसलों को हुए नुकसान को देखने के लिए सीएम आने वाले थे, लेकिन तब भी अचानक खराब हुए मौसम की वजह से एक बार फिर उनका दौरा निरस्त हुआ. वहीं तीसरी बार भी कोरोना की चपेट में आने की वजह से वो विधानसभा क्षेत्र के प्रस्तावित कार्यक्रम में नहीं आ सके और कार्यक्रम रद हो गया. इस बार शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सुरखी विधानसभा क्षेत्र के जैसीनगर पहुंच रहे हैं. यहां सुरखी सीट पर गोविंद सिंह राजपूत के पक्ष में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, क्योंकि फसलों को हुए नुकसान और प्राकृतिक आपदा के बाद आज तक मुख्यमंत्री यहां नहीं पहुंच सके. जिससे कहीं ना कहीं जनता में आक्रोश भी है. साथ ही इसका सीधा असर चुनाव पर भी पड़ सकता है.
सुरखी विधानसभा में होने वाली सभा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि अब बीजेपी से कांग्रेस का दामन थाम चुकी पूर्व सुरखी विधायक पारुल साहू ने भी क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाते हुए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है और अब गोविंद सिंह राजपूत के लिए चुनौतियां बढ़ चुकी हैं. 2013 में सुरखी विधानसभा में गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस से तो पारुल साहू बीजेपी से प्रत्याशी के तौर पर आमने-सामने थे. पारुल ने ही गोविंद सिंह राजपूत को शिकस्त दी थी. यही वजह है कि, गोविंद सिंह राजपूत कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते.