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कीचड़ से भरी नौनिहालों की राह, कैसे करें उज्जवल भविष्य की तैयारी

शासन द्वारा लगभग चार साल पहले मॉडल स्कूल का निर्माण कराया गया. मॉडल स्कूल शुरू तो हो गया लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए जो सड़क है वो बेहद खराब है.

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Published : Sep 22, 2019, 10:29 AM IST

Updated : Sep 23, 2019, 10:58 AM IST

कीचड़ से भरी नौनिहालों की राह

सागर। बीना में मेधावी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से शासन द्वारा लगभग चार साल पहले मॉडल स्कूल का निर्माण कराया गया था. मॉडल स्कूल शुरू तो हो गया पर यहां कच्चा रास्ता, कीचड़ युक्त सड़क से बच्चे स्कूल जाते हैं.

बीना शहर से लगभग पांच किलोमीटर दूर ग्राम हिरण छुपा में मॉडल स्कूल का निर्माण इस उद्देश्य को लेकर कराया गया था कि यहां मेधावी छात्र छात्राएं अच्छी शिक्षा लेंगे और अपना भविष्य उज्जवल करेंगे. लेकिन सिर्फ स्कूल बिल्डिंग बना देने से शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है. यहां का लगभग 900 मीटर का जो रास्ता है वो इतना अधिक दुर्गम है कि उसकी किसी गांव के रास्ते से भी तुलना नहीं की जा सकती.

कीचड़ से भरी नौनिहालों की राह

इस 900 मीटर के रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर, मिट्टी युक्त रास्ता और पानी आ जाने के कारण कीचड़ भी हो जाता है . पिछले तीन सालों से यहां की ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि इस सड़क को नहीं बनवा पा रहे हैं. वहीं मॉडल स्कूल के प्राचार्य भी कई पत्र शासन और प्रशासन को लिखकर दे चुके हैं लेकिन अभी भी ये सड़क उत्तम गुणवत्ता की बनने की राह देख रही है.

मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि पढ़ाई करने के लिए लगभग 900 मीटर के मुख्य मार्ग से स्कूल तक का रास्ता काफी दुर्गम है. जहां किसी वाहन से नहीं जाया जा सकता. साइकिल से जाने पर गिरने का डर रहता है. वहीं बारिश के कारण ये पूरा रास्ता कीचड़ युक्त भी रहता है. जिसमें बच्चे कई बार फिसल कर गिर जाते हैं. देखना ये है कि आखिर कब तक शिक्षा के नाम पर इन छात्र-छात्राओं को इस दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ेगा.

सागर। बीना में मेधावी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से शासन द्वारा लगभग चार साल पहले मॉडल स्कूल का निर्माण कराया गया था. मॉडल स्कूल शुरू तो हो गया पर यहां कच्चा रास्ता, कीचड़ युक्त सड़क से बच्चे स्कूल जाते हैं.

बीना शहर से लगभग पांच किलोमीटर दूर ग्राम हिरण छुपा में मॉडल स्कूल का निर्माण इस उद्देश्य को लेकर कराया गया था कि यहां मेधावी छात्र छात्राएं अच्छी शिक्षा लेंगे और अपना भविष्य उज्जवल करेंगे. लेकिन सिर्फ स्कूल बिल्डिंग बना देने से शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है. यहां का लगभग 900 मीटर का जो रास्ता है वो इतना अधिक दुर्गम है कि उसकी किसी गांव के रास्ते से भी तुलना नहीं की जा सकती.

कीचड़ से भरी नौनिहालों की राह

इस 900 मीटर के रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर, मिट्टी युक्त रास्ता और पानी आ जाने के कारण कीचड़ भी हो जाता है . पिछले तीन सालों से यहां की ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि इस सड़क को नहीं बनवा पा रहे हैं. वहीं मॉडल स्कूल के प्राचार्य भी कई पत्र शासन और प्रशासन को लिखकर दे चुके हैं लेकिन अभी भी ये सड़क उत्तम गुणवत्ता की बनने की राह देख रही है.

मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि पढ़ाई करने के लिए लगभग 900 मीटर के मुख्य मार्ग से स्कूल तक का रास्ता काफी दुर्गम है. जहां किसी वाहन से नहीं जाया जा सकता. साइकिल से जाने पर गिरने का डर रहता है. वहीं बारिश के कारण ये पूरा रास्ता कीचड़ युक्त भी रहता है. जिसमें बच्चे कई बार फिसल कर गिर जाते हैं. देखना ये है कि आखिर कब तक शिक्षा के नाम पर इन छात्र-छात्राओं को इस दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ेगा.

Intro:यह जो कीचड़ युक्त और बड़े-बड़े पत्थरों से ढकी हुई सड़क आप देख रहे हैं यह कोई साधारण किसी गांव की सड़क नहीं बल्कि यह सड़क है उस मॉडल स्कूल तक पहुंचने की जहां से लगभग 1 किलोमीटर पैदल चलने के बाद मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले मेधावी छात्र छात्राएं पहुंचते हैं वे भी एक कठिन सफर तय करके बीना में मेधावी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से शासन द्वारा लगभग 4 साल पहले मॉडल स्कूल का निर्माण कराया गया मॉडल स्कूल शुरू तो हो गया पर यहां कच्चा रास्ता उबड़ खाबड़ कीचड़ युक्त मार्ग आज तक उपेक्षा का दंश भोग रहा हैBody:गौरतलब है कि बीना शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम हिरण छुपा में मॉडल स्कूल का निर्माण इस उद्देश्य को लेकर कराया गया था कि यहां मेधावी छात्र छात्राएं अच्छी शिक्षा लेंगे और अपना भविष्य उज्जवल करेंगे किंतु केवल स्कूल बिल्डिंग स्तर कि बना देने से शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है दरअसल में यहां का लगभग 900 मीटर का जो रास्ता है वह इतना अधिक दुर्गम है कि उसे किसी गांव के रास्ते से भी तुलनात्मक नहीं किया जा सकता इस 900 मीटर के रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर मिट्टी युक्त रास्ता और पानी आ जाने के कारण कीचड़ युक्त रास्ता में भी यह परिवर्तित हो जाता है पिछले 3 सालों से यहां की ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि इस सड़क को नहीं बनवा पा रहे हैं वही मॉडल स्कूल के प्राचार्य भी कई पत्र शासन और प्रशासन को लिखकर दे चुके हैं लेकिन अभी भी यह सड़क उत्तम गुणवत्ता की बनने की बाट जोह रही हैConclusion:मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का कहना है की पढ़ाई करने के लिए लगभग 900 मीटर का मुख्य मार्ग से स्कूल तक का रास्ता काफी दुर्गम है जहां किसी वाहन से नहीं जाया जा सकता साइकिल से जाने पर गिरने का डर रहता है और साइकिल पंचर होने का वहीं बारिश के कारण यह पूरा रास्ता कीचड़ युक्त भी रहता है जिसमें बच्चे कई बार फिसल कर गिर जाते हैं। संस्था के प्राचार्य का कहना है कि हमने शासन प्रशासन को पत्र लिखा है उनसे मिले भी हैं लेकिन अभी तक यह सड़क विकास की बाट जोह रही है ।
देखना यह है कि आखिर कब तक शिक्षा के नाम पर इन छात्र-छात्राओं के लिए इन दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ेगा
Last Updated : Sep 23, 2019, 10:58 AM IST
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