सागर। शहर में पिछले 2 दिनों से ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार को एक मरीज की सफल सर्जरी के बाद बुधवार को एक 55 साल के व्यक्ति का गंभीर स्थिति में ऑपरेशन किया गया. बताया जा रहा है कि अगर बुधवार को सर्जरी नहीं होती, तो ब्लैक फंगस मरीज की आंख और दिमाग पर असर कर सकता था. फिलहाल बीएमसी में ब्लैक फंगस के 4 मरीज भर्ती हैं. वहीं रोजाना ओपीडी में 4 से 5 मरीज ब्लैक फंगस के लक्षण वाले देखने के लिए आ रहे हैं. दूसरी तरफ एंटीफंगल थेरेपी के लिए जरूरी इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन बी सरकार द्वारा अभी बीएमसी के लिए नहीं मिला है. ऐसी स्थिति में सर्जरी के बाद भी मरीज की एंटीफंगल थेरेपी शुरू नहीं हो पा रही है.
तत्काल ऑपरेशन करने का फैसला
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर और नाक कान गला विशेषज्ञ डॉ. दिनेश जैन ने बताया कि एक निजी अस्पताल से ब्लैक फंगस से पीड़ित 55 साल के मरीज गंभीर स्थिति में बीएमसी रेफर किया गया था. उनके पूरे चेहरे में बहुत ज्यादा दर्द की शिकायत थी. बीएमसी में भर्ती होने के बाद माइक्रोबायोलॉजी लैब में की गई जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि की गई. उनकी नाक में फंगस तेजी से बढ़ रहा था और अगर उनकी सर्जरी में देरी होती तो आंख और दिमाग तक ब्लैक फंगस असर कर सकता था. दूरबीन पद्धति द्वारा सर्जरी करके ब्लैक फंगस की ग्रोथ को निकाल लिया गया है. ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज की एंटीफंगल थेरेपी शुरू की जाएगी.
नहीं मिल पा रही है एंटीफंगल थेरेपी
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों के पिछले 2 दिनों में दो ऑपरेशन हो चुके हैं. इन ऑपरेशन के जरिए ब्लैक फंगस की ग्रोथ को तो निकाल लिया गया है. लेकिन सर्जरी के बाद होने वाली एंटीफंगल थेरेपी में काफी दिक्कतें हो रही हैं. क्योंकि ब्लैक फंगस की एंटीफंगल थेरेपी के लिए जरूरी इंजेक्शन और दवाईयां सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय को भेजी जा रही हैं. ये इंजेक्शन और दवाईयां सरकार से आवेदन करने के बाद ही प्राप्त हो रही हैं. ऐसी स्थिति में अभी तक बीएमसी में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन बी प्राप्त नहीं हुआ है.
नरसिंहपुर में ब्लैक फंगस से तीसरी मौत, 32 साल के युवक ने तोड़ा दम
तेजी से बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मरीज
बीएमसी के एसोसिएट प्रोफेसर और नाक कान गला विशेषज्ञ डॉ. दिनेश जैन ने बताया है कि सागर में पिछले 2 दिनों में ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. मंगलवार को जहां बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सिर्फ दो ब्लैक थंडर के मरीज भर्ती थे वही उनकी संख्या बुधवार को 4 हो गई है। वहीं बुधवार को ओपीडी में भी 4 से 5 मरीज ब्लैक फंगस के लक्षण वाले सामने आए हैं.