सागर/भोपाल। साइबर क्रिमिनल के निशाने पर अब सरकारी योजनाओं के हितग्राही भी आ गए हैं. सागर में एक विधवा को संबल योजना के अंतर्गत मिले 4 लाख में से 2 लाख 17 हजार रुपये साइबर ठगों ने ठग लिए. अपराधियों ने विधवा को 12 लाख रुपए का लालच देकर बैंक खाते से संबंधित सभी जानकारियां मांगी और ठगी को अंजाम दिया. भोपाल में नेट फोन के जरिए एसबीआई बैंक की एक शाखा में करीब 26 लाख की ठगी को भी अंजाम दिया गया है.
क्या है मामला
कैंट थाने में मालथौन तहसील की मढ़खेरा गांव निवासी रानी अहिरबार ने 18 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई थी कि दुर्घटना की अनुकंपा सहायता 4 लाख रूपये उसके एसबीआई बैंक के खाते में आई थी. खाते में राशि आने के बाद उनके फोन पर 3 मोबाइल नंबर 9097799417, 8343827721, 92945 58756 से फोन आए और कहा कि 4 लाख रूपए आपके खाते में डाले गए हैं और अभी आपको 12 लाख रुपए और मिलेंगे. इसके लिए आपको कुछ राशि हमारे खाते में डालनी होगी. महिला से इन ठगों ने पहले 4 हजार, फिर 8 हजार, फिर 90 हजार और बाद में 1 लाख रूपए अलग-अलग खातों में डलवाए. कुल 2 लाख 17 हजार की ठगी की शिकायत कैंट थाना में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.
![cyber crime in MP](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14546367_thumbn.jpg)
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भोपाल में 26 लाख की ठगी
भोपाल के बैरागढ़ स्थित भारतीय स्टेट बैंक को एक साइबर ठग ने निशाना बनाया. ठग ने इंटरनेट के जरिए फोन करके खुद को भोपाल के प्रतिष्ठित सुराना मोटर्स का मालिक राजेंद्र सुराना बताते हुए इमरजेंसी में 3 अलग-अलग खाते में 25 लाख 96 हजार 500 ट्रांसफर करने को कहा. बैंक मैनेजर को खातों की डिटेल ई-मेल से भेजी गई. चूंकि सुराना मोटर्स बैंक के पुराने ग्राहक है और उनके खाते में हमेशा राशि रहती है, तो ई-मेल वेरिफाई करने के बाद मैनेजर ने राशि ट्रांसफर कर दी. मामले का खुलासा तब हुआ जब मैनेजर ने कंपनी के असली मालिक को फोन कर राशि ट्रांसफर किए जाने की बात कही.
बैंक मैनेजर ने दर्ज कराया केस
दअसरल, ठग ने कर्मचारी द्वारा चेक भेजने की बात कही थी, लेकिन जब कोई नहीं पहुंचा तो मैनेजर दर्शन दांगी ने असली राजेंद्र सुराना को कॉल किया. ठगी का खुलासा होने के बाद मैनेजर ने इसकी सूचना बैरागढ़ थाने को दी.जिसके बाद ठगी की रकम फ्रीज कर दी गई.बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्होंने ईमेल आईडी का नाम देखकर कंफर्म किया कि यह शोरूम संचालक की ही आईडी है. ई-मेल पर राजेंद्र सुराना के लेटर पैड में लिखे अकाउंट नंबर की जानकारी भेजी गई थी, जिसे देखकर हस्ताक्षर का मिलान करने के बाद रकम ट्रांसफर की गई.
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ठगी की रकम वापस लाने की कोशिश
बैंक मैनेजर ने मुंबई, हिमाचल प्रदेश और कुशीनगर के बैंक खातों में बताई गई रकम ट्रांसफर कर दी थी. 2 महीने से चल रही पुलिस विवेचना का फायदा हुआ है. तत्काल कार्रवाई करने से जो राशि दिए गए तीनों प्राइवेट बैंक में भेजी गई थी, वह राशि फ्रीज करवा दी गई थी. अब उन प्राइवेट बैंक प्रबंधकों के साथ पुलिस संपर्क में है और धोखे से भेजी गई राशि को वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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