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कोरोना काल में बालविवाह के 4 दिन में सामने आए 9 मामले, केस दर्ज - सागर पुलिस

सागर जिले से एक के बाद एक बालविवाह के मामले सामने आए हैं. जिले में पिछले चार दिनों में 9 नाबालिग और बालविवाह के मामले दर्ज किए गए हैं, इन मामलों में विशेष पुलिस ईकाई द्वारा कार्रवाई कर शादियां रोकी गई हैं.

बालविवाह का मामला
बालविवाह का मामला
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Published : Apr 30, 2021, 10:18 PM IST

सागर। देश में बालविवाह रोकने के लिए कानून भी है और सरकार द्वारा जागरूकता के प्रयास भी किए जाते हैं, लेकिन बुंदेलखंड में लाख कोशिशों के बाद भी ऐसी शादियां रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. कोरोना काल में जब कर्फ्यू के कारण सामान्य शादियों पर कई तरह की बंदिश है. वहीं, सागर जिले में बालविवाह लगातार जारी हैं. जिले में पिछले चार दिनों में 9 नाबालिग और बालविवाह के मामले सामने आए हैं. जिसमें विशेष पुलिस ईकाई द्वारा कार्रवाई कर शादियां रोकी गई हैं.

बालविवाह का मामला

ग्रामीण इलाकों में शादियों की भरमार
दरअसल, सागर पुलिस की विशेष इकाई से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 4 दिनों में 9 बाल विवाह रोके गए हैं, जिसमें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा विशेष किशोर पुलिस इकाई और चाइल्डलाइन को सूचना मिली थी. स्पेशल टीम ने अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर अभिभावकों को समझाइश देकर लड़की और लड़के के बालिग होने पर शादी करने की समझाइश दी, तब जाकर परिवार जन माने हैं. विशेष किशोर पुलिस इकाई से मिली सूचना के अनुसार, बांदरी थाना के ग्राम मोटी देवरी, सागर के बाघराज वार्ड और सूबेदार वार्ड के अलावा गौरझामर थाना, बहरोल थाना और सागर के मोती नगर थाना अंतर्गत नाबालिग की शादी और बाल विवाह रोकने का काम किया गया है.

स्पेशल सेल की टीम पहुंची तो मची अफरा-तफरी
बता दें कि शहर में स्थित मशहूर बाघराज मंदिर के पास नाबालिग लड़की की शादी की सूचना विशेष किशोर पुलिस इकाई को मिली थी. जैसे ही स्पेशल सेल टीम पहुंची, तो अफरा-तफरी का माहौल हो गया और घर के सब लोग भागने लगे. बमुश्किल जब पूछताछ की तो पता चला कि बारात रायसेन से आ रही है और लड़की की उम्र 16 साल और लड़के की उम्र 19 साल है. परिवार के सदस्यों को बताया गया कि दोनों की उम्र शादी के लिहाज से गैरकानूनी और यह अपराध है, तो शादी ही रोक दी गई और बारात बिना दुल्हन के वापस हो गई.


फेसबुक पर प्यार चढ़ा परवान, फिर अचानक इस बात पर प्रेमिका ने दी जान

स्पेशल सेल की टीम देख अंधेरा कर भाग गए परिजन

इसी तरह एक नाबालिग आदिवासी जोड़े की शादी देवरी के बड़ागांव में होने की सूचना मिली थी. जब स्पेशल सेल की टीम पहुंची, तो हल्दी की रस्म चल रही थी. आदिवासी वर्ग के लड़का-लड़की दोनों नाबालिग थे. जब दोनों पक्षों से बात करने की कोशिश की, तो सब लाइट बंद कर इधर-उधर भाग गए. जब उन्हें बताया गया कि हमें सिर्फ पूछताछ करनी है, तो बातचीत को तैयार हुए. लड़के की उम्र 19 साल और लड़की की उम्र 15 साल थी. शादी रोकने के लिए दोनों पक्ष बमुश्किल राजी हुए.

सागर। देश में बालविवाह रोकने के लिए कानून भी है और सरकार द्वारा जागरूकता के प्रयास भी किए जाते हैं, लेकिन बुंदेलखंड में लाख कोशिशों के बाद भी ऐसी शादियां रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. कोरोना काल में जब कर्फ्यू के कारण सामान्य शादियों पर कई तरह की बंदिश है. वहीं, सागर जिले में बालविवाह लगातार जारी हैं. जिले में पिछले चार दिनों में 9 नाबालिग और बालविवाह के मामले सामने आए हैं. जिसमें विशेष पुलिस ईकाई द्वारा कार्रवाई कर शादियां रोकी गई हैं.

बालविवाह का मामला

ग्रामीण इलाकों में शादियों की भरमार
दरअसल, सागर पुलिस की विशेष इकाई से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 4 दिनों में 9 बाल विवाह रोके गए हैं, जिसमें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा विशेष किशोर पुलिस इकाई और चाइल्डलाइन को सूचना मिली थी. स्पेशल टीम ने अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर अभिभावकों को समझाइश देकर लड़की और लड़के के बालिग होने पर शादी करने की समझाइश दी, तब जाकर परिवार जन माने हैं. विशेष किशोर पुलिस इकाई से मिली सूचना के अनुसार, बांदरी थाना के ग्राम मोटी देवरी, सागर के बाघराज वार्ड और सूबेदार वार्ड के अलावा गौरझामर थाना, बहरोल थाना और सागर के मोती नगर थाना अंतर्गत नाबालिग की शादी और बाल विवाह रोकने का काम किया गया है.

स्पेशल सेल की टीम पहुंची तो मची अफरा-तफरी
बता दें कि शहर में स्थित मशहूर बाघराज मंदिर के पास नाबालिग लड़की की शादी की सूचना विशेष किशोर पुलिस इकाई को मिली थी. जैसे ही स्पेशल सेल टीम पहुंची, तो अफरा-तफरी का माहौल हो गया और घर के सब लोग भागने लगे. बमुश्किल जब पूछताछ की तो पता चला कि बारात रायसेन से आ रही है और लड़की की उम्र 16 साल और लड़के की उम्र 19 साल है. परिवार के सदस्यों को बताया गया कि दोनों की उम्र शादी के लिहाज से गैरकानूनी और यह अपराध है, तो शादी ही रोक दी गई और बारात बिना दुल्हन के वापस हो गई.


फेसबुक पर प्यार चढ़ा परवान, फिर अचानक इस बात पर प्रेमिका ने दी जान

स्पेशल सेल की टीम देख अंधेरा कर भाग गए परिजन

इसी तरह एक नाबालिग आदिवासी जोड़े की शादी देवरी के बड़ागांव में होने की सूचना मिली थी. जब स्पेशल सेल की टीम पहुंची, तो हल्दी की रस्म चल रही थी. आदिवासी वर्ग के लड़का-लड़की दोनों नाबालिग थे. जब दोनों पक्षों से बात करने की कोशिश की, तो सब लाइट बंद कर इधर-उधर भाग गए. जब उन्हें बताया गया कि हमें सिर्फ पूछताछ करनी है, तो बातचीत को तैयार हुए. लड़के की उम्र 19 साल और लड़की की उम्र 15 साल थी. शादी रोकने के लिए दोनों पक्ष बमुश्किल राजी हुए.

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