रीवा। कोरोना संक्रमण के खौफ में अब धीरे-धीरे लोगों की संवेदनाएं भी मारती जा रही है, लोग इस कदर भयभीत हैं कि अनजान व्यक्ति चाहे तड़प-तड़प कर मर जाए, पर कोई उसको हाथ लगाने की हिम्मत नहीं करता. ऐसा ही एक नजारा गढ़ थाने के कलवारी में देखने को मिला. जहां मुंबई से लौट रहे दो युवकों की बाइक डिवाइडर से टकरा गई, लेकिन उन्हें एम्बुलेंस में बैठाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया और दो घंटे तक वो सड़क पर पड़ा रहा.
मुंबई से लौट रहे दो युवकों की बाइक सुबह 5 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलवारी के समीप डिवाइडर से टकरा गई, जिसमें सारांश मिश्र और उसका एक मित्र घायल हो गया. दोनों युवक बनारस उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. स्थानीय लोगों ने डायल 100 व 108 एम्बुलेंस को सूचना दी. पुलिस के देर से पहुंचने पर लोगों ने नाराजगी जताई, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस में भी महामारी का डर साफ दिख रहा था.
पुलिसकर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के उसे हाथ लगाने को तैयार नहीं थे, एंबुलेंस पहुंची तो उनके कर्मचारियों ने भी हाथ लगाने से इनकार कर दिया. खून से लथपथ दोनों युवक सड़क पर पड़े रहे. बाद में एक आरक्षक ने कुछ स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को एंबुलेंस में बैठाकर इलाज के लिए अस्पताल लेगया. दोनों युवक मुंबई में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. यही कारण है कि कोई भी उनको हाथ लगाने को तैयार नहीं था.