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अवैध तरीके से कोरोना जांच का प्रशासन ने किया पर्दाफाश

शहर के अमहिया थाना क्षेत्र में अंगूरी बिल्डिंग के पीछे डेंटल क्लीनिक में फर्जी तरीके से चल रही कोविड जांच का पर्दाफाश हुआ है. जिस पर रीवा कलेक्टर इलैया राजा टी के निर्देश पर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सील कर दिया.

The administration illegally exposed the Corona investigation
अवैध तरीके से कोरोना जांच का प्रशासन ने फोड़ा भांडा
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Published : May 6, 2021, 3:00 PM IST

रीवा। कोरोना काल में आम जनमानस परेशान है, लेकिन लोग आपदा में अवसर तलाशने से बाज नहीं आ रहे है. जिसे जहां से भी लाभ लेने का मौका मिल रहा है, वह लाभ उठा रहा है. फिर चाहे वह रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो या चाहे ऑक्सीजन की जो जितना आम आदमी को लूट सकता है लूट रहा है. ऐसा ही एक मामला रीवा में देखा गया. जहां डेंटल क्लिनिक चालने वाले चिकित्सक ने कोविड की जांच करानी शुरू कर दी. जिसकी जानकारी प्रशासन को होने के बाद कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सील कर दिया गया. कलेक्टर के आदेश के बाद स्वास्थ विभाग की टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया. सिरमौर चौक अंगूरी बिल्डिंग के पास फर्जी तरीके से कोरोना की जांच डॉ. धीरेंद्र तिवारी कर रहा था. जो दांतों का अस्पताल चलाते है, जो पैथोलॉजी में कोविड-19 की जांच की जा रहे था.

अवैध तरीके से कोरोना जांच का प्रशासन ने किया पर्दाफाश

केंद्रीय मंत्री तोमर के नाम पर डॉक्टर को किया परेशान, सोशल मीडिया पर मांगी मदद

  • चार दिन में गुड़गांव से आती थी कोरोना रिपोर्ट

कार्रवाई के दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सूचना प्राप्त हुई थी कि डॉ. धीरेंद्र तिवारी के डेंटल क्लिनिक में कोरोना की जांच की जा रही थी. जांच करने पर पाया गया की क्लिनिक के संचालक को इस तरह की परमीशन नहीं दी गई है. मौके पर पहुंचकर जांच करने पर पाया गया कि कोरोना जांच से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे. जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि क्लिनिक के संचालक खुद कह रहे है कि हम कोरोना की जांच कर रह है. क्लिनिक संचालक धीरेंद्र तिवारी बिना परमीशन के ही मरीज का कोरोना सेंपल लेकर जबलपुर भेजी जाती थी और इनके बाद जबलपुर से हवाई जहाज से गुड़गांव भेजी जाती थी और 4 दिन बाद वहां से रिपोर्ट वापस आती थी.

रीवा। कोरोना काल में आम जनमानस परेशान है, लेकिन लोग आपदा में अवसर तलाशने से बाज नहीं आ रहे है. जिसे जहां से भी लाभ लेने का मौका मिल रहा है, वह लाभ उठा रहा है. फिर चाहे वह रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो या चाहे ऑक्सीजन की जो जितना आम आदमी को लूट सकता है लूट रहा है. ऐसा ही एक मामला रीवा में देखा गया. जहां डेंटल क्लिनिक चालने वाले चिकित्सक ने कोविड की जांच करानी शुरू कर दी. जिसकी जानकारी प्रशासन को होने के बाद कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सील कर दिया गया. कलेक्टर के आदेश के बाद स्वास्थ विभाग की टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया. सिरमौर चौक अंगूरी बिल्डिंग के पास फर्जी तरीके से कोरोना की जांच डॉ. धीरेंद्र तिवारी कर रहा था. जो दांतों का अस्पताल चलाते है, जो पैथोलॉजी में कोविड-19 की जांच की जा रहे था.

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कार्रवाई के दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सूचना प्राप्त हुई थी कि डॉ. धीरेंद्र तिवारी के डेंटल क्लिनिक में कोरोना की जांच की जा रही थी. जांच करने पर पाया गया की क्लिनिक के संचालक को इस तरह की परमीशन नहीं दी गई है. मौके पर पहुंचकर जांच करने पर पाया गया कि कोरोना जांच से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे. जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि क्लिनिक के संचालक खुद कह रहे है कि हम कोरोना की जांच कर रह है. क्लिनिक संचालक धीरेंद्र तिवारी बिना परमीशन के ही मरीज का कोरोना सेंपल लेकर जबलपुर भेजी जाती थी और इनके बाद जबलपुर से हवाई जहाज से गुड़गांव भेजी जाती थी और 4 दिन बाद वहां से रिपोर्ट वापस आती थी.

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