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चुनावी चस्का ऐसा की हिमालय में 10 साल की तपस्या छोड़ चुनावी रण में उतरे सत्य महाराज, कहा- ऐसी लड़ाई लड़ेंगे कि दुनिया देखेगी

MP Election 2023: रीवा में एक उम्मीदवार ने नामांकन भरा है. उनकी चर्चा पूरे रीवा जिले में है. दरअसल, जो उम्मीदवार हैं, वो एक संत है. संत का नाम संत सुशील सत्य महराज है. वे 10 साल तक हिमालय में तपस्या करते रहे थे. अब चुनावी रण में उतरे हैं.

MP Election 2023
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 30, 2023, 10:46 PM IST

Updated : Oct 31, 2023, 11:39 AM IST

सत्य महाराज, निर्दलीय प्रत्याशी

रीवा। लोकतंत्र के महाकुंभ में हर कोई डुबकी लगाना चाह रहा है. ऐसे में तमाम राजनीतिक दल के प्रत्याशियों के अलावा साधु और संत भी अपना अपना भाग्य आजमाना चाह रहे है. विधान सभा चुनाव में नमांकन दाखिल करने की आज आखिरी तिथि थी. ऐसे में कई बड़े राजनितिक दलों के प्रत्याशीअपना- अपना नामांकन दाखिल करने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया.

इसी दौरान रीवा विधान सभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर एक संत ने भी अपना नामांकन दाखिल किया और कहा कि रीवा में विकास के नाम पर सिर्फ विनाश हुआ है. निर्दलीय प्रत्याशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा की अगर जनता ने चुना तो इस चुनाव में वह सत्य की लड़ाई लड़ेंगे.

लोकतंत्र के महापर्व में उतरे संत बोले रीवा में विकास के नाम पर विनाश: रीवा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान पर उतरे संत शुशील सत्य महराज ने आज नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि के दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान संत सत्य महराज ने मीडिया चर्चा करते हुए कहा कि रीवा में भ्रष्टाचार की मुहिम चलाकर उसे जड़ से समाप्त करना है. रीवा क्षेत्र में बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ़ रही है. रोजगार के क्षेत्र में आज तक कोई भी कार्य नहीं किए गए. चित्र में अभी व्यवस्थाओं का दौर जारी है क्षेत्र में विकास की जगह सिर्फ और सिर्फ विनाश हुआ है. यहां पर रोज हत्याएं हो रही हैं. क्षेत्र की जनता डरी और सहमी हुई है..

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10 बर्ष हिमालय में तपस्या फिर शुरु की राजनीति: संत सुशील सत्य महराज ने कहा कि उन्होंने 10बर्ष हिमालय में रहकर तपस्या की है. स्वतंत्र का मतलब ही ईश्वर होता है. ईश्वर और भगवान के चरणो में हूं और भगवान के सब हैं. भगवान के बगैर कोई सत्य नही है. अनैतिक कार्यों और यौन उत्पीडन के मामलों पर संलिप्त संतो के बारे में सत्य महराज ने कहा की मै उनकी बात नही करता.

"वेद और शास्त्रों के बारे में जो नही जानता है, वह हमेशा संदिग्ध कार्यो में सलिप्त रहता है, जो साधु और संत का जीवन जिया है. उसे पता है कि संत क्या होता है. मै अपने लिए 24 कैरेट सत्य हूं सत्य की बात करूंगा और इसके अलावा कोई बात नही करूंगा. अगर यहां की जनता मुझे चुनती है, तो हम सत्य का काम करेंगे और सारे काम ईमानदारी से करेंगे."

2018 के चुनाव में सिक्के लेकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे सत्य महराज: बता दें कि सुशील सत्य महराज इससे पहले भी 2018 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्यासी के तौर पर रीवा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान पर उतरे थे उस दौरान भी इन्होंने अन्य राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी थी. बर्ष 2013 में नामांकन दाखिल करने आए सत्य महराज सिक्के लेकर कर कलेक्ट्रेट कर्यालय पहुंचे थे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था जिसके बाद सिक्के गिनने में अधिकारियो के पसीने छूट गए थे. अब 2023 के इस चुनावी महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिऐ शुशील सत्य महाराज एक बार फिर मैदान पर उतर चुके है.

सत्य महाराज, निर्दलीय प्रत्याशी

रीवा। लोकतंत्र के महाकुंभ में हर कोई डुबकी लगाना चाह रहा है. ऐसे में तमाम राजनीतिक दल के प्रत्याशियों के अलावा साधु और संत भी अपना अपना भाग्य आजमाना चाह रहे है. विधान सभा चुनाव में नमांकन दाखिल करने की आज आखिरी तिथि थी. ऐसे में कई बड़े राजनितिक दलों के प्रत्याशीअपना- अपना नामांकन दाखिल करने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया.

इसी दौरान रीवा विधान सभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर एक संत ने भी अपना नामांकन दाखिल किया और कहा कि रीवा में विकास के नाम पर सिर्फ विनाश हुआ है. निर्दलीय प्रत्याशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा की अगर जनता ने चुना तो इस चुनाव में वह सत्य की लड़ाई लड़ेंगे.

लोकतंत्र के महापर्व में उतरे संत बोले रीवा में विकास के नाम पर विनाश: रीवा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान पर उतरे संत शुशील सत्य महराज ने आज नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि के दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान संत सत्य महराज ने मीडिया चर्चा करते हुए कहा कि रीवा में भ्रष्टाचार की मुहिम चलाकर उसे जड़ से समाप्त करना है. रीवा क्षेत्र में बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ़ रही है. रोजगार के क्षेत्र में आज तक कोई भी कार्य नहीं किए गए. चित्र में अभी व्यवस्थाओं का दौर जारी है क्षेत्र में विकास की जगह सिर्फ और सिर्फ विनाश हुआ है. यहां पर रोज हत्याएं हो रही हैं. क्षेत्र की जनता डरी और सहमी हुई है..

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10 बर्ष हिमालय में तपस्या फिर शुरु की राजनीति: संत सुशील सत्य महराज ने कहा कि उन्होंने 10बर्ष हिमालय में रहकर तपस्या की है. स्वतंत्र का मतलब ही ईश्वर होता है. ईश्वर और भगवान के चरणो में हूं और भगवान के सब हैं. भगवान के बगैर कोई सत्य नही है. अनैतिक कार्यों और यौन उत्पीडन के मामलों पर संलिप्त संतो के बारे में सत्य महराज ने कहा की मै उनकी बात नही करता.

"वेद और शास्त्रों के बारे में जो नही जानता है, वह हमेशा संदिग्ध कार्यो में सलिप्त रहता है, जो साधु और संत का जीवन जिया है. उसे पता है कि संत क्या होता है. मै अपने लिए 24 कैरेट सत्य हूं सत्य की बात करूंगा और इसके अलावा कोई बात नही करूंगा. अगर यहां की जनता मुझे चुनती है, तो हम सत्य का काम करेंगे और सारे काम ईमानदारी से करेंगे."

2018 के चुनाव में सिक्के लेकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे सत्य महराज: बता दें कि सुशील सत्य महराज इससे पहले भी 2018 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्यासी के तौर पर रीवा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान पर उतरे थे उस दौरान भी इन्होंने अन्य राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी थी. बर्ष 2013 में नामांकन दाखिल करने आए सत्य महराज सिक्के लेकर कर कलेक्ट्रेट कर्यालय पहुंचे थे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था जिसके बाद सिक्के गिनने में अधिकारियो के पसीने छूट गए थे. अब 2023 के इस चुनावी महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिऐ शुशील सत्य महाराज एक बार फिर मैदान पर उतर चुके है.

Last Updated : Oct 31, 2023, 11:39 AM IST
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