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रीवा का रॉकी हत्याकांड, टीआई सहित 8 पुलिसकर्मी आरोपी, CID की तफ्तीश पूरी, देखें क्या है जांच रिपोर्ट में - टीआई सहित 8 पुलिसकर्मी आरोपी

Rewa Rocky murder case : रीवा के बहुचर्चित रॉकी हत्याकांड में सीआईडी ने 7 साल बाद जांच पूरी कर ली. इसकी रिपोर्ट जिला न्यायालय को सौंप दी गई है. इस मामले में तत्कालीन टीआई साहित 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप है. CID ने तफ्तीश पूरी करके मामले में खात्मा लगाया है.

Rewa Rocky murder case
रीवा का रॉकी हत्याकांड, टीआई सहित 8 पुलिसकर्मी आरोपी,
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 19, 2024, 10:24 AM IST

रीवा। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में हुए बहुचर्चित अतीक खान उर्फ रॉकी हत्याकांड मामले में CID की टीम ने 7 साल बाद जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी है. मामले में आरोपी सिटी कोतवाली टीआई शैलेंद्र भार्गव समेत 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या के आरोप लगे थे. इसके बाद शहर में बवाल मच गया था. गुस्साई भीड़ ने पोस्टमार्टम के बाद शव को अस्पताल चौराहे पर रखकर जमकर बवाल किया था. जिसके बाद पुलिसकर्मियों पर अपराध पंजीबद्ध किया गया था. घटना के बाद मामले की जांच CID को सौंपी गई. घटना के 7 साल बाद मामले के जांच पूरी करते हुए CID ने आरोपी बनाए गए सभी कर्मियों को निर्दोष पाया और मामले की जांच रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश कर दी.

मकान से शुरू हुआ विवाद : 13 जनवरी 2016 को सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गुढहाई बाजार निवासी सुल्ताना मंसूरी को उसके पति द्वारा तलाक दे दिया गया था. इसके बाद वह अपने छोटे बच्चों के साथ अपने पति के मकान में रहती थी. सुल्ताना मंसूरी ने अपने पति के खिलाफ तलाक का प्रकरण दर्ज करवाया था. पति की मंशा थी कि उसकी पत्नी किसी तरह मकान खाली करके चली जाए. महिला के पति ने अपना मकान सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित घोघर निवासी अतीक खान उर्फ रॉकी की पत्नी सूफिया और उनकी पार्टनर रंजना सिंह को बेचा था. उस मकान की रजिस्ट्री इन दोनों के नाम से कराई गई थी.

बवाल के बीच पुलिस की सख्ती : 13 फरवरी 2016 की शाम 5 बजे अतीक खान अपने साथियों के साथ मकान में कब्जा करने के लिए गुडहाई बाजार पहुंचा. महिला का सामान निकाल कर बाहर फेंकने लगा. इस दौरान घर के बाहर फेंकी गए सामग्री की लूटपाट भी हुई थी. इसके बाद सिटी कोतवाली के तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेंद्र भार्गव को घटना की सूचना प्राप्त हुई. थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे. पुलिस टीम ने मामले को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन जब ममाला नहीं सुलझा तो पुलिस टीम को हल्का बल का प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने रॉकी की पिटाई की थी. इसका वीडियो किसी व्यक्ति द्वारा अपने मोबाइल कैमरे के कैद कर लिया गया था. बाद में वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

अस्पताल में हुई मौत : रीवा DSP सीआईडी असलम खान ने बताया कि अतीक उर्फ रॉकी खान अपने वार्ड का पूर्व पार्षद था. उस दौरान वर्तमान में रॉकी की पत्नी वार्ड की पार्षद थी. घटना के बाद रॉकी को गिरफ्तार करके पुलिस की टीम जब सिटी कोतवाली थाना ले गई तो थाने के बाहर काफी लोग जमा हो गए. इस दौरान रॉकी ने खुद के बीमारी की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद उसे दवाइयां दी गईं और फिर मेडीकल चेकअप के लिए संजय गांधी अस्ताल ले जाया गया. उसे सीने में दर्द था, जिसका इलाज असपताल में कराया गया. लेकिन 14 फरवरी की रात इलाज के दौरान अतीक की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस द्वारा अतीक के साथ की गई मारपीट की घटना से लोग उग्र हो गए और अस्पताल में तोड़फोड़ की. इस दौरान पुलिस के कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.

भीड़ ने किया था चक्काजाम : परिजन और भीड़ ने अस्पताल चौराहे में शव रखकर चक्काजाम करते हुए बवाल किया. पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. जिसके बाद धारा 144 लगाई गई. उनकी मांग थी की दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया जाए. सीआईडी डीएसपी असलम खान ने बताया कि परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार घटना वैसी नहीं थी. अस्पताल परिसर से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किए गए. जिसमें पुलिस अतीक का मेडिकल कराने के लिए अस्पताल लेकर गई थी और उस फुटेज में अतीक पैदल जाते हुए दिखाई दे रहा था. रॉकी की मौत के बाद जब उसका पीएम कराया गया तो रिपोर्ट में 22 चोटों का जिक्र था.

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जांच रिपोर्ट में क्या मिला : इसके बाद मामले की जुडिशियल इन्क्वायरी हुई और 8 पुलिसकर्मियो के विरुद्ध 302 का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया. विवेचना के दौरान पाया गया कि जांच में जो भी साक्ष्य आए, उसमे धारा 302 हटाई गई और 323, 294, 506, 34 का अपराध पाया गया. विवेचना में यह पाया गया कि हत्या का कारण मारपीट नहीं है. डीएसपी ने बताया कि अतीक उर्फ रॉकी के विरुद्ध पूर्व से 15 से 20 अपराध पहले से दर्ज थे. इस मामले में ये आरोपी बने थे -शैलेंद्र भार्गव तत्कालीन थाना और पर प्रभारी सिटी कोतवाली, श्याम नारायण सिंह उप निरीक्षक, रामेंद्र शुक्ल उप निरीक्षक, पीएन दाहिया सहायक उप निरीक्षक, महेंद्र पाण्डेय प्रधान आरक्षक, जय सिंह अराक्षक, तनय तिवारी आरक्षक, जितेंद्र सेन आरक्षक.

रीवा। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में हुए बहुचर्चित अतीक खान उर्फ रॉकी हत्याकांड मामले में CID की टीम ने 7 साल बाद जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी है. मामले में आरोपी सिटी कोतवाली टीआई शैलेंद्र भार्गव समेत 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या के आरोप लगे थे. इसके बाद शहर में बवाल मच गया था. गुस्साई भीड़ ने पोस्टमार्टम के बाद शव को अस्पताल चौराहे पर रखकर जमकर बवाल किया था. जिसके बाद पुलिसकर्मियों पर अपराध पंजीबद्ध किया गया था. घटना के बाद मामले की जांच CID को सौंपी गई. घटना के 7 साल बाद मामले के जांच पूरी करते हुए CID ने आरोपी बनाए गए सभी कर्मियों को निर्दोष पाया और मामले की जांच रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश कर दी.

मकान से शुरू हुआ विवाद : 13 जनवरी 2016 को सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गुढहाई बाजार निवासी सुल्ताना मंसूरी को उसके पति द्वारा तलाक दे दिया गया था. इसके बाद वह अपने छोटे बच्चों के साथ अपने पति के मकान में रहती थी. सुल्ताना मंसूरी ने अपने पति के खिलाफ तलाक का प्रकरण दर्ज करवाया था. पति की मंशा थी कि उसकी पत्नी किसी तरह मकान खाली करके चली जाए. महिला के पति ने अपना मकान सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित घोघर निवासी अतीक खान उर्फ रॉकी की पत्नी सूफिया और उनकी पार्टनर रंजना सिंह को बेचा था. उस मकान की रजिस्ट्री इन दोनों के नाम से कराई गई थी.

बवाल के बीच पुलिस की सख्ती : 13 फरवरी 2016 की शाम 5 बजे अतीक खान अपने साथियों के साथ मकान में कब्जा करने के लिए गुडहाई बाजार पहुंचा. महिला का सामान निकाल कर बाहर फेंकने लगा. इस दौरान घर के बाहर फेंकी गए सामग्री की लूटपाट भी हुई थी. इसके बाद सिटी कोतवाली के तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेंद्र भार्गव को घटना की सूचना प्राप्त हुई. थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे. पुलिस टीम ने मामले को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन जब ममाला नहीं सुलझा तो पुलिस टीम को हल्का बल का प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने रॉकी की पिटाई की थी. इसका वीडियो किसी व्यक्ति द्वारा अपने मोबाइल कैमरे के कैद कर लिया गया था. बाद में वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

अस्पताल में हुई मौत : रीवा DSP सीआईडी असलम खान ने बताया कि अतीक उर्फ रॉकी खान अपने वार्ड का पूर्व पार्षद था. उस दौरान वर्तमान में रॉकी की पत्नी वार्ड की पार्षद थी. घटना के बाद रॉकी को गिरफ्तार करके पुलिस की टीम जब सिटी कोतवाली थाना ले गई तो थाने के बाहर काफी लोग जमा हो गए. इस दौरान रॉकी ने खुद के बीमारी की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद उसे दवाइयां दी गईं और फिर मेडीकल चेकअप के लिए संजय गांधी अस्ताल ले जाया गया. उसे सीने में दर्द था, जिसका इलाज असपताल में कराया गया. लेकिन 14 फरवरी की रात इलाज के दौरान अतीक की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस द्वारा अतीक के साथ की गई मारपीट की घटना से लोग उग्र हो गए और अस्पताल में तोड़फोड़ की. इस दौरान पुलिस के कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.

भीड़ ने किया था चक्काजाम : परिजन और भीड़ ने अस्पताल चौराहे में शव रखकर चक्काजाम करते हुए बवाल किया. पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. जिसके बाद धारा 144 लगाई गई. उनकी मांग थी की दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया जाए. सीआईडी डीएसपी असलम खान ने बताया कि परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार घटना वैसी नहीं थी. अस्पताल परिसर से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किए गए. जिसमें पुलिस अतीक का मेडिकल कराने के लिए अस्पताल लेकर गई थी और उस फुटेज में अतीक पैदल जाते हुए दिखाई दे रहा था. रॉकी की मौत के बाद जब उसका पीएम कराया गया तो रिपोर्ट में 22 चोटों का जिक्र था.

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जांच रिपोर्ट में क्या मिला : इसके बाद मामले की जुडिशियल इन्क्वायरी हुई और 8 पुलिसकर्मियो के विरुद्ध 302 का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया. विवेचना के दौरान पाया गया कि जांच में जो भी साक्ष्य आए, उसमे धारा 302 हटाई गई और 323, 294, 506, 34 का अपराध पाया गया. विवेचना में यह पाया गया कि हत्या का कारण मारपीट नहीं है. डीएसपी ने बताया कि अतीक उर्फ रॉकी के विरुद्ध पूर्व से 15 से 20 अपराध पहले से दर्ज थे. इस मामले में ये आरोपी बने थे -शैलेंद्र भार्गव तत्कालीन थाना और पर प्रभारी सिटी कोतवाली, श्याम नारायण सिंह उप निरीक्षक, रामेंद्र शुक्ल उप निरीक्षक, पीएन दाहिया सहायक उप निरीक्षक, महेंद्र पाण्डेय प्रधान आरक्षक, जय सिंह अराक्षक, तनय तिवारी आरक्षक, जितेंद्र सेन आरक्षक.

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