रीवा। जिले में खनिज माफिया बस के बाहर हो गए हैं. अब प्रशासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. यहां रायपुरकर्चुलियान तहसील के रामनई इलाके में एक पहाड़ था, जिसको यहां के लोग भलुहा पहाड़ के नाम से जानते थे. देखते ही देखते ये 150 फीट पहाड़ी इलाका पूरी तरह से साफ हो गया है. खनिज माफिया इसको हजम भी कर गए, और किसी को पता भी नहीं चला. मामला तब सामने आया, जब स्थानीय लोगों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में जाकर खनिज विभाग और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इस की शिकायत की और कार्रवाई करने की मांग की.
शिकायत करने वाले अनुपम कुमार पटेल ने इस मामले में पिटीशन दायर की है. इसके बाद मामले की जांच को लेकर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि NGT की टीम इस इलाके में पहुंची. संयुक्त टीम ने मामले में जांच शुरु कर दी है. इधर, जब अधिकारी पूरे मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे. उन्होंने प्रत्यक्ष तौर पर कैमरे पर कुछ कहने से मना कर दिया.
गायब हो गया 150 फीट का पहाड़: दरअसल, जिस पहाड़ी इलाके को लेकर पिटिशन दायर की गई, वो करीबन 32 एकड़ भूभाग में फैला हुआ है. यहां 150 फीट ऊंचा भलुहा पहाड़ अस्तित्व में नहीं है. यहां खनिज माफियाओं ने अवैध तरीके से स्टोन क्रेशर के जरिए पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया. बिना परमिशन के खनन प्रक्रिया शुरू की.
बताया जाता है कि साल 2014 से खनिज माफियाओं की इस पहाड़ पर नजर टिकी हुई थी. उसी दौरान माफियाओं ने पहाड़ पर अवैध उत्खनन शुरू कर दिया. बेखौफ खनिज माफिया दिन रात पहाड़ में अवैध पत्थर का खनन करते थे. मानों, यह पूरा काम किसी प्रशासनिक अधिकारी की देखरेख में किया जा रहा हो.
शासन को लगाया करोड़ो का चूना: इस मामले में तूल तो अब पकड़ा लेकिन स्थानीय लोग इसकी शिकायत पिछले कई सालों से कर रहे हैं. यहां किसी भी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई रोकथाम के लिए नहीं की गई. इस पहाड़ के उत्खनन से करोड़ों का चुना प्रशासन को लगा है.
स्थानीय लोग पूरे मामले को लेकर कई दफा खनिज विभाग, कलेक्ट्रेट कार्यलय, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिकारियो इस मामले में कार्रवाई को लेकर गुहार भी लगा चुके हैं.
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NGT की एक्शन पर पीटिशनर ने उठाए सवाल: इस पूरे मामले में अनुपम कुमार ने जांच के लिए पिटिशन दायर की. इसको लेकर उन्होंने भोपाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक पत्र लिखा. करीब 6 महीने बीत जाने के बाद, NGT केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल से 5 सदस्यीय टीम पहुंची.
टीम ने पंचनामा कार्रवाई करते हुए, स्थानीय लोगों के साथ शिकायतकर्ता के भी बयान दर्ज किए. इस दौरान पहाड़ पर स्टोन क्रेशर बंद मिले. पूरी कार्रवाई के बाद टीम ने अनूप कुमार से सरकारी दस्तावेज पर साइन के लिए कहा तो वे कार्रवाई से असंतुष्ट दिखे. उन्होंने साइन करने से मना कर दिया. उन्होंने कार्रवाई को सिर्फ खानापूर्ति करार दिया.
खनिज माफिया से प्रशासन के मिले होने के आरोप: इधर जब जांच के लिए पहुंची NGT की टीम से पूरे मामले पर बात करना चाही, तो उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया और वापस लौट गए. शिकायतकर्ता अनूप कुमार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा- कई बार मामले की शियाकत खनिज अधिकारियों से की गई, मगर उनके द्वारा यही कहा गया की किसी भी तरह का कोई उत्खनन नही किया गया. इन्हीं अधिकारियों की शह पर खनिज माफियाओं ने पहाड़ पर अवैध खनन किया और प्रशासन को करोड़ों की चपत लगाई है.