रीवा। जिले के सिविल लाइन थाने के बाहर शनिवार को कई मजदूरों ने चक्का जाम लगा दिया, जिस पर प्रशासनिक टीम की समझाइश के बाद जाम को खोला गया. दरअसल दो सरकारों के बीच में फंसे छत्तीसगढ़ के लोग अपने घरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और भूख प्यास से परेशान इन मजदूरों के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा.
वैश्विक महामारी कोरोना के बाद केंद्र सरकार के द्वारा देशभर में किए गए लॉकडाउन से परेशान जनता को राहत दिलाने के लिए अब सरकारें मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के प्रयास में जुट गई हैं, मगर प्रदेश की सीमा सील होने की वजह से अब भी कई मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
गुजरात से रीवा पहुंचे ऐसे ही तकरीबन सैकड़ों मजदूरों की परेशानी का आलम भी अभी यही है कि वह अपने घरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जिसके कारण अब अपनी गुहार लगाने के लिए वह चक्का जाम तक की स्थिति निर्मित कर रहे हैं. रीवा की सिविल लाइन थाने के बाहर मजदूरों ने अपनी गुहार लगाने के लिए चक्का जाम कर दिया. जिसके बाद प्रशासनिक टीम की कोशिशों के बाद जाम को खोला गया.
दरअसल गुजरात से आए मजदूर छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं पर दो सरकारों के बीच में फंस गए हैं और अब अपने घर तक नहीं पहुंच पा रहे. यह मजदूर कई छोटे-छोटे बच्चों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इन्हें इनके घरों तक छोड़ा जाए, हालांकि अब प्रशासन के द्वारा इनकी बातों को सुनते हुए घर तक पहुंचाने के इंतजाम किए जा रहे हैं.
गुजरात प्रशासन द्वारा करीब 200 मजदूरों को ट्रेन द्वारा उत्तरप्रदेश भेजा गया था, मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ की सीमा लगे होने की वजह से उत्तर प्रदेश प्रशासन ने बस के माध्यम सभी मजदूरों को रीवा भेज दिया, लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन ने उन्हें भेजने के लिए कोई इंतेजाम नही किया जिससे मजदूर नाराज हो गए.