रीवा। मऊगंज पुलिस ने एक अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश किया है. 6 साल पहले मऊगंज थाना क्षेत्र में 16 वर्षीय नाबालिग की घर के अंदर जली लाश को पुलिस ने बरामद किया था. घटना की जानकारी नाबालिग के परिजनों ने ही पुलिस को दी थी. पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा था और घटना की जांच में जुट गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर ने नाबालिग की मौत के कारणों का उल्लेख किया था. लेकिन विवेचना अधिकारी के साथ-साथ थाना प्रभारी ने इस मामले पर गंभीर लापरवाही बरती. जिसके कारण आगे की जांच नहीं हो सकी. जिसके बाद मामला कमजोर होता गया और घटना हुए कई साल बीत गए. बता दें पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
6 साल बाद खुला नाबालिग के हत्या का राज: साल 2017 में मऊगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग का जला हुआ शव उसके ही घर से पुलिस ने बरामद किया था. बताया जा रहा है शव मिलने के बाद बच्ची के परिजनों ने ही पुलिस को घटना की सूचना दी थी. पुलिस के मुताबिक बच्ची के परिजन गांव में ही एक आरोपी के यहां काम करते थे. 6 जून 2017 को घटना दिनांक वाले दिन आरोपी की बेटी की शादी होनी था. नाबालिग के परिजन भी आरोपी के यहां कार्यक्रम में थे और उनकी 16 वर्षीय बेटी घर पर अकेली थी. इसी बीच बब्बू सिंह नाबालिग के घर पहुंचा और उसके साथ जबरजस्ती करने के कोशिश की.
नाबालिग की मां के आरोपी से थे अवैध संबंध: बताया जा रहा है कि आरोपी और नाबालिग की मां के बीच अवैध संबंध थे. नाबालिग के परिजन भी आरोपी के घर पर कार्यरत थे. आरोपी का अक्सर उसके घर पर आना जाना भी था. इसी बीच आरोपी की नजर महिला की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी पर पड़ी. आरोपी ने कई बार उससे उसकी बेटी की पेशकश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. घटना वाले दिन आरोपी की बेटी की शादी. नाबालिग के पिता और घर के अन्य सदस्य भी काम के सिलसिले से अरोपी के घर पर थे. इस बीच आरोपी ने अपनी बाइक उठाई और नाबालिग के घर जा पहुंचा. नाबालिग बच्ची की मां को बाइक पर बैठाकर वह अपने साथ वैवाहिक स्थल पर ले गया. जिसके बाद नाबालिग अपने घर पर अकेली रह गई.
छेड़खानी विरोध करने पर बेरहमी से मारा: नाबालिग ने जब आरोपी का विरोध किया तो उसने नाबालिग के सिर पर रोटी पकाने वाले तावे से हमला कर दिया. सिर पर गंभीर चोट लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई. इसके बाद आरोपी ने पहले उसका गला घोंटकर बेरहमी से हत्या कर दी. फिर साक्ष्य छुपाने के लिए उसके शव को आग के हवाले कर दिया.
नाबालिग बेटी की जली हुई लाश: घटना के बाद जब नाबालिग के परिजन घर पहुंचे तो समाने बेटी की जली हुई लाश को देखकर उनके पैरो तले जमीन खिसक गई. परिजनों ने तत्काल घटना की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पुलिस की टीम पहुंची और पंचानामा कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजकर कर घटना की जांच में जुट गई. पुलिस को घटना स्थल देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था की नाबालिग ने किसी कारण के चलते आत्महत्या की है. पुलिस जांच में जुटी रही. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने नाबालिग की मौत के कारणों का उल्लेख किया था. नाबालिग का गला घोंट कर उसकी हत्या की गई थी. इसके बाद शव को आग के हवाले किया गया है.
थाना प्रभारी व विवेचना अधिकारी ने बरती थी लापरवाही: घटना के करीब तीन माह बाद मृतका की बिसरा रिपोर्ट आई. इसके बाद मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ा, लेकिन थाना प्रभारी हरीश दुबे व विवेचना अधिकारी ने दोबारा लापरवाही बरती और बिसरा रिपोर्ट की जांच किए बिना ही उसे रद्दी के भाव अलमारी में रख दिया. मामले पर लपरवाही बरतने पर पुलिस के बड़े अधिकारियों के द्वारा थाना प्रभारी हरीश दुबे और विवेचना अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया था.
ऐसे हुआ खुलासा: वहीं इस पूरे मामले में एसपी विवेक सिंह ने बताया कि "6 जून 2017 को नाबालिग का संदिग्ध अवस्था में जली लाश मिली थी. परिजन सुसाइड मानकर मऊगंज पुलिस को खबर दी. जानकारी के बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया. इसके बाद मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने मौत का कारण आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या बताया. ऐसे में तीन साल बाद धारा 302 बढ़ाई गई.