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टिकट नहीं मिलने से नाराज पुष्पराज सिंह ने कुछ इस अंदाज में किया 'शक्ति प्रदर्शन' - Madhya Pradesh

रीवा रियासत के महाराज पुष्पराज सिंह ने स्वर्गीय महाराज मार्तंड सिंह की 96वीं वर्षगांठ पर रैली निकाली और जनता को रियासत द्वारा किए गए कार्यों को बताया.

पुष्पराज सिंह
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Published : Apr 5, 2019, 6:04 AM IST

रीवा। शहर में रियासत के पूर्व महाराज स्वर्गीय मार्तंड सिंह की 96 वर्षगांठ पर बेटे पुष्पराज सिंह ने अपने समर्थकों के साथ रीवा किले से चाकघाट तक रैली निकाली है. रैली द्वारा क्षेत्र की जनता के लिए किए गए उनके कार्य और योगदान को जनता तक पहुंचाया गया है.

रीवा में रैली निकालते पुष्पराज सिंह


रीवा रियासत का 500 वर्षों का इतिहास रहा है, प्रजातंत्र में रीवा संसदीय सीट से सबसे ज्यादा तीन चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी महाराज मार्तण्ड सिंह के नाम दर्ज है. पुष्पराज सिंह भी तीन बार रीवा से विधायक बने और मंत्री भी रहे हैं. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का टिकट देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उन्हें टिकट नहीं मिला है. लिहाजा, पुष्पराज सिंह अपनी ताकत दिखाने के लिए जनता के बीच उतर गए हैं.


पुष्पराज सिंह ने बताया कि रीवा राजघराने ने विंध्य में सबसे पहली कन्या शिक्षा शाला राजघराने के प्रयासों से खोली गई थी. वन अधिकार ,सैनिक कानून समेत कई सौगातें राजघराने द्वारा क्षेत्र को दी गई हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि जनता राजघराने के कार्यों को भूल चुकी है. हम महाराजा की 96 वर्षगांठ मना रहे हैं, हम जनता के बीच जाकर जनता को बताएंगे कि राजघराने ने क्षेत्र को क्या दिया है.

रीवा। शहर में रियासत के पूर्व महाराज स्वर्गीय मार्तंड सिंह की 96 वर्षगांठ पर बेटे पुष्पराज सिंह ने अपने समर्थकों के साथ रीवा किले से चाकघाट तक रैली निकाली है. रैली द्वारा क्षेत्र की जनता के लिए किए गए उनके कार्य और योगदान को जनता तक पहुंचाया गया है.

रीवा में रैली निकालते पुष्पराज सिंह


रीवा रियासत का 500 वर्षों का इतिहास रहा है, प्रजातंत्र में रीवा संसदीय सीट से सबसे ज्यादा तीन चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी महाराज मार्तण्ड सिंह के नाम दर्ज है. पुष्पराज सिंह भी तीन बार रीवा से विधायक बने और मंत्री भी रहे हैं. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का टिकट देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उन्हें टिकट नहीं मिला है. लिहाजा, पुष्पराज सिंह अपनी ताकत दिखाने के लिए जनता के बीच उतर गए हैं.


पुष्पराज सिंह ने बताया कि रीवा राजघराने ने विंध्य में सबसे पहली कन्या शिक्षा शाला राजघराने के प्रयासों से खोली गई थी. वन अधिकार ,सैनिक कानून समेत कई सौगातें राजघराने द्वारा क्षेत्र को दी गई हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि जनता राजघराने के कार्यों को भूल चुकी है. हम महाराजा की 96 वर्षगांठ मना रहे हैं, हम जनता के बीच जाकर जनता को बताएंगे कि राजघराने ने क्षेत्र को क्या दिया है.

Intro:रीवा रीवा रियासत के पूर्व महाराज स्वर्गीय मार्तंड सिंह की 96 वर्षगांठ पर उनके पुत्र महाराजा पुष्पराज सिंह ने अपने समर्थकों के साथ रीवा किले से चाकघाट तक रैली निकालकर उनके योगदान को रीमा रीमा की जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया


Body:हम आपको बता दें रीवा रियासत का 500 वर्षों का इतिहास रहा है प्रजातंत्र में रीवा संसदीय सीट से सबसे ज्यादा तीन चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी रीवा रियासत के महाराज मार्तण्ड सिंह के नाम दर्ज है पुष्पराज सिंह भी तीन बार रीवा से विधायक और मंत्री भी रहे कांग्रेस में लोकसभा चुनाव टिकट देने का वादा किया था लेकिन अब तक टिकट नहीं दी लिहाजा महाराजा अपनी ताकत दिखाने की जनता के बीच उतर गए। रीवा राजघराने ने विंध्य को क्या दिया पहली कन्या शिक्षा, वन अधिकार ,सैनिक कानून समेत कई सौगातें दी है बावजूद नई पीढ़ी रियासत के
कार्यों को भूल चुकी है महाराजा की 96 वर्षगांठ मना रहे हैं हम जनता के बीच जाकर जनता को जागरूक करें महाराजा पुष्पराज सिंह चाहते हैं कि जनता स्वर्गीय महाराजा के कार्यों को पता होना चाहिए इतिहास तो याद रखेगा की वर्तमान पीढ़ी को यह पता होना चाहिए कि स्वर्गी महाराज रीवा की जनता की भलाई के लिए किस तरीके से जुटे रहते थे हम आपको बता दें रीवा की पहचान सफेद शेर स्वर्गीय महाराज मार्तण्ड सिंह की ही देन है रीवा में रेलवे लाइन की सौगात दिलाने में उनकी सबसे प्रमुख भूमिका रही है रीवा का सैनिक स्कूल भी उन्हीं की देन है रीवा का गांधी मेमोरियल अस्पताल साथ ही वहां लगी पहली एक्सरे मशीन के साथ बांधवगढ़ नेशनल पार्क जिसे आज पूरी दुनिया के पहचाना जाता है उनके अथक प्रयास का नतीजा है।

बाइट - महाराजा पुष्पराज सिंह,


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