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रीवा से जुड़ी हैं शोमैन राज कपूर की यादें, यहीं से देखा था फिल्मी दुनिया में जाने का सपना

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Published : Jun 2, 2019, 5:58 PM IST

राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में उस वक्त कदम रखा जब उनकी शादी में फिल्म अभिनेता अशोक कुमार शरीक हुए. आज रीवा में उनकी याद में राजकपूर ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया.

रीवा से जुड़ी हैं शोमैन राज कपूर की यादें

रीवा। राज कपूर फिल्मी दुनिया का एक ऐसा नाम है जिसने बतौर अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के रूप में फिल्मी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई. राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में आने का ख्वाब रीवा में संजोया. राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में उस वक्त कदम रखा जब उनकी शादी में फिल्म अभिनेता अशोक कुमार शरीक हुए. आज रीवा में उनकी याद में राजकपूर ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया. आइए जानते हैं रीवा से जूड़ी राजकपूर की यादें.

रीवा से जुड़ी हैं शोमैन राज कपूर की यादें

रीवा से संजोया अभिनेता बनने का ख्वाब
राज कपूर की काफी अहम यादें रीवा से जुड़ी हुई हैं. राज कपूर साहब की शादी रीवा में ही उस वक्त के पुलिस महानिरीक्षक करतार सिंह की बेटी कृष्णा से हुई थी. राज कपूर की बारात 1949-50 में मुम्बई से रीवा आई और शादी बड़े धूमधाम के साथ हुई. रीवा में जहां पुलिस अधीक्षक का बंगला था उसी जगह पर राजकपूर की बारात की अगुआई की गई थी और वेंकट भवन में राजकपूर ने कृष्णा के साथ सात फेरे लिये.
राज कपूर की शादी रीवा में हुई और शादी के दौरान राज कपूर की पत्नी कृष्णा शादी में शरीक हुए अशोक कुमार को देखने के लिए उत्सुक थीं. लिहाजा राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में जाने का उसी वक्त मन बना लिया. आज रीवा में उनकी याद में राजकपूर ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया.


लोगों के दिलों में बसे हैं राज कपूर
फिल्मों में खलनायक का किरदार निभाने वाले प्रेमनाथ, हास्य अभिनेता राजेन्द्र नाथ ने भी कुछ सालों तक रीवा में पढ़ाई की और दोनों भाईयों ने फिल्मी दुनिया में जाकर नाम कमाया. 14 दिसम्बर 1924 को पेशावर पाकिस्तान में जन्में राज कपूर अब भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादें आज भी लोगों के दिल और दिमाग को बसी हुई हैं. सबसे मशहूर गीत 'मेरा जूता है जापानी' या फिर 'जाने कहां गये वो दिन' ऐसे गानों को आज भी कोई भुला नहीं सका.
रीवा के नाम पर रखा अपनी बेटी का नाम
द शोमैन राज कपूर को बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड दादा साहब फाल्के आवर्ड और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. रीवा को हमेशा राज कपूर याद किया करते थे. इसी वजह से उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी रीमा रखा था. आज भी रीवा को रीमा नाम से ही संबोधित करते है. 2 जून सन 1988 को महान अभिनेता राजकपूर ने आखिरी सांसे ली.

रीवा। राज कपूर फिल्मी दुनिया का एक ऐसा नाम है जिसने बतौर अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के रूप में फिल्मी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई. राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में आने का ख्वाब रीवा में संजोया. राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में उस वक्त कदम रखा जब उनकी शादी में फिल्म अभिनेता अशोक कुमार शरीक हुए. आज रीवा में उनकी याद में राजकपूर ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया. आइए जानते हैं रीवा से जूड़ी राजकपूर की यादें.

रीवा से जुड़ी हैं शोमैन राज कपूर की यादें

रीवा से संजोया अभिनेता बनने का ख्वाब
राज कपूर की काफी अहम यादें रीवा से जुड़ी हुई हैं. राज कपूर साहब की शादी रीवा में ही उस वक्त के पुलिस महानिरीक्षक करतार सिंह की बेटी कृष्णा से हुई थी. राज कपूर की बारात 1949-50 में मुम्बई से रीवा आई और शादी बड़े धूमधाम के साथ हुई. रीवा में जहां पुलिस अधीक्षक का बंगला था उसी जगह पर राजकपूर की बारात की अगुआई की गई थी और वेंकट भवन में राजकपूर ने कृष्णा के साथ सात फेरे लिये.
राज कपूर की शादी रीवा में हुई और शादी के दौरान राज कपूर की पत्नी कृष्णा शादी में शरीक हुए अशोक कुमार को देखने के लिए उत्सुक थीं. लिहाजा राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में जाने का उसी वक्त मन बना लिया. आज रीवा में उनकी याद में राजकपूर ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया.


लोगों के दिलों में बसे हैं राज कपूर
फिल्मों में खलनायक का किरदार निभाने वाले प्रेमनाथ, हास्य अभिनेता राजेन्द्र नाथ ने भी कुछ सालों तक रीवा में पढ़ाई की और दोनों भाईयों ने फिल्मी दुनिया में जाकर नाम कमाया. 14 दिसम्बर 1924 को पेशावर पाकिस्तान में जन्में राज कपूर अब भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादें आज भी लोगों के दिल और दिमाग को बसी हुई हैं. सबसे मशहूर गीत 'मेरा जूता है जापानी' या फिर 'जाने कहां गये वो दिन' ऐसे गानों को आज भी कोई भुला नहीं सका.
रीवा के नाम पर रखा अपनी बेटी का नाम
द शोमैन राज कपूर को बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड दादा साहब फाल्के आवर्ड और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. रीवा को हमेशा राज कपूर याद किया करते थे. इसी वजह से उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी रीमा रखा था. आज भी रीवा को रीमा नाम से ही संबोधित करते है. 2 जून सन 1988 को महान अभिनेता राजकपूर ने आखिरी सांसे ली.

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