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MP को मिली बड़ी सौगात, एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना का पीएम मोदी ने किया लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश में रीवा के अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया. यह एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है, जिसकी क्षमता 750 मेगावाट है.

Ultra Mega Solar Project Launched
अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण
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Published : Jul 10, 2020, 12:30 PM IST

रीवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश को उर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात दी हैं. पीएम मोदी ने आज रीवा के अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण किया है. पीएम ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना राष्ट्र को समर्पित की. इस परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन भी भोपाल से जुड़े.

Solar power project
सौर ऊर्जा परियोजना

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, वर्तमान के लिए ही नहीं, सौर ऊर्जा 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों का एक माध्यम होगी. क्योंकि सौर ऊर्जा सुनिश्चित, शुद्ध और सुरक्षित है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि, अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से गरीबों और किसानों को लाभ मिलेगा और एमपी सस्ती बिजली का हब बनेगा. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि, रीवा के इस सोलर प्लांट से यहां के उद्योगों को न केवल बिजली मिलेगी, बल्कि दिल्ली की मेट्रो रेल को भी इसका लाभ मिलेगा. रीवा के अलावा, शाजापुर, नीमच और छतरपुर में सौर ऊर्जा संयंत्रों पर काम चल रहा है.

Ultra Mega Solar Project Launched
अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण

पीएम मोदी ने कहा कि, आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है. पहले रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम और सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि, इस सोलर पावर प्लांट की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण ना हो, अब इसी दिशा में तेजी से काम चल रहा है. पीएम ने कहा कि, मध्यप्रदेश के किसानों ने गेहूं उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीदी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. इसके लिए आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं. मैं चाहता हूं कि, ऊर्जा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दे.

Solar power project
सौर ऊर्जा परियोजना

नवकरणीय ऊर्जा में सौर ऊर्जा प्रमुख है

सौर परियोजना से उत्पादित बिजली की लागत ताप और जल विद्युत उत्पादन से जहां कम होती है, वहीं इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता. मध्यप्रदेश में भी नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन को प्राथमिकता देने की रणनीति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पूर्व कार्यकाल में प्रारंभ हुई. आज मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में सिरमौर बन गया है.

cm
भोपाल से जुड़े सीएम

सौर ऊर्जा उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी स्थान पर

सौर ऊर्जा उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी स्थान पर है. विश्व की सबसे बड़ी परियोजना में रीवा सौर परियोजना शामिल है. लगभग 4 हजार करोड़ की लागत से 750 मेगावाट की रीवा सौर परियोजना में पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन प्रारंभ हो गया है. इसके अलावा पांच हजार मेगावाट की छह परियोजनाएं और निर्माणाधीन हैं.

  • ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा।

    इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों, किसानों, आदिवासियों को होगा: श्री @narendramodi #PMInaugratesRewaSolar pic.twitter.com/hKMJaNSx2r

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड कम्पनी का गठन

रीवा सौर परियोजना के लिये मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम और सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया की ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के रूप में रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड कम्पनी का गठन किया गया. इस परियोजना को राज्य-स्तर पर नवाचार के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिये सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में चयनित किया गया. इस परियोजना में उत्पादित विद्युत का न्यूनतम टैरिफ 2 रूपये 97 पैसे यूनिट था, जो समकालीन परियोजनाओं से प्राप्त टैरिफ साढ़े चार की तुलना में कम था.

  • Delhi: Prime Minister Narendra Modi dedicates to the nation the 750 MW Solar Project set up at Rewa, Madhya Pradesh, via video conferencing. pic.twitter.com/O7MCLH6Efb

    — ANI (@ANI) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली मेट्रो को की गई बिजली

रीवा सौर परियोजना 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित है. यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर सयंत्रों में से एक है. परियोजना से उत्पादित बिजली का 76 प्रतिशत अंश प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कम्पनी और 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को प्रदान किया जा रहा है. इस परियोजना से प्रथम बार ओपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यवसायिक संस्थान दिल्ली मेट्रो को बिजली प्रदान की गई. आंतरिक ग्रिड समायोजन हेतु और वर्ल्ड बैंक से ऋण प्राप्त करने वाली ये देश की पहली परियोजना है. विश्व बैंक का ऋण राज्य शासन की गारंटी के बिना और क्लीन टेक्नालॉजी फण्ड (सीटीएफ) के अंतर्गत सस्ती दरों पर दिया गया है.

  • Sure इसलिए क्योंकि ऊर्जा के दूसरे स्रोत खत्म हो सकते हैं, लेकिन सूर्य सदा पूरे विश्व में चमकता रहेगा।
    Pure इसलिए, क्योंकि ये पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
    Secure इसलिए क्योंकि ये हमारी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करता है: पीएम श्री @narendramodi #PMInaugratesRewaSolar pic.twitter.com/lFfIxIIWdh

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रोका जा रहा 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन

पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से देखें तो रीवा सौर परियोजना से प्रतिवर्ष 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोका जा रहा है, जो 2 करोड़ 60 लाख पेड़ों को लगाने के बराबर है. रीवा सौर ऊर्जा परियोजना न केवल प्रदेश को नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि मध्यप्रदेश को अन्य राज्यों एवं व्यवसायिक संस्थानों को बिजली प्रदान करने में अग्रणी रखेगी. मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा की 5 हजार मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. प्रदेश की पहली रीवा सौर परियोजना के लिये गठित कम्पनी रम्स द्वारा आगर, शाजापुर, नीमच, छतरपुर, ओंकारेश्वर तथा मुरैना में स्थापित होने वाली परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया है

  • आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को,उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही,दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा:PM https://t.co/DHxkCCbG1K pic.twitter.com/UD7Nmjgi9H

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • आगर में 550 मेगावाट
  • शाजापुर में 450 मेगावाट
  • नीमच में 500 मेगावाट
  • छतरपुर में 1500 मेगावाट
  • ओंकारेश्वर फ्लोटिंग ओंकारेश्वर बांध स्थल पर 600 मेगावाट
  • मुरैना में 1400 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये सौर पार्कों की स्थापना का काम चल रहा है.

प्रदेश में सोलर पम्प के माध्यम से किसानों को सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के अंतर्गत अब तक 14,250 किसानों के लिये सोलर पम्प स्थापित किये जा चुके हैं. अगले तीन वर्षो में 2 लाख सोलर पम्प लगाने का लक्ष्य है.

  • मध्यप्रदेश के किसानों ने गेहूँ उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, प्रदेश सरकार ने गेहूँ खरीदी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।इसके लिए आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं।मैं चाहता हूँ कि ऊर्जा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दे।: PM श्री @narendramodi #PMInaugratesRewaSolar pic.twitter.com/0wQnPbCt8A

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रूफ टॉप पर सौर ऊर्जा

प्रदेश में अब तक 30 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं. इस साल प्रदेश के 700 शासकीय भवनों पर 50 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टॉप लगाना प्रस्तावित है. सोलर रूफ टॉप संयंत्रों से उत्पादित बिजली की दरें एक रूपये 38 पैसे प्रति यूनिट प्राप्त हुई. सरकार का प्रयास है कि, रूफ टॉप संयंत्र घर-घर लगाए जाएं, ताकि उपयोग के लिये बिजली सस्ती दरों पर मिले.

संयंत्र विकसित करने वाला सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगा

प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिये सोलर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. भोपाल के निकट मंडीदीप में 400 औद्योगिक ईकाइयों के लिये 32 मेगावाट क्षमता की सोलर रूफ टॉप परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. इससे उद्योगों को सस्ती बिजली मिलने से औद्योगिक क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी. सौर ऊर्जा को बढ़ावा समय की मांग है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में एक लाख मेगावाट नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. मध्यप्रदेश इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. निश्चित ही सौर ऊर्जा उत्पादन में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान होगा और मध्यप्रदेश देश का बड़ा केन्द्र बनकर उभरेगा.

रीवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश को उर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात दी हैं. पीएम मोदी ने आज रीवा के अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण किया है. पीएम ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना राष्ट्र को समर्पित की. इस परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन भी भोपाल से जुड़े.

Solar power project
सौर ऊर्जा परियोजना

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, वर्तमान के लिए ही नहीं, सौर ऊर्जा 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों का एक माध्यम होगी. क्योंकि सौर ऊर्जा सुनिश्चित, शुद्ध और सुरक्षित है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि, अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से गरीबों और किसानों को लाभ मिलेगा और एमपी सस्ती बिजली का हब बनेगा. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि, रीवा के इस सोलर प्लांट से यहां के उद्योगों को न केवल बिजली मिलेगी, बल्कि दिल्ली की मेट्रो रेल को भी इसका लाभ मिलेगा. रीवा के अलावा, शाजापुर, नीमच और छतरपुर में सौर ऊर्जा संयंत्रों पर काम चल रहा है.

Ultra Mega Solar Project Launched
अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण

पीएम मोदी ने कहा कि, आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है. पहले रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम और सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि, इस सोलर पावर प्लांट की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण ना हो, अब इसी दिशा में तेजी से काम चल रहा है. पीएम ने कहा कि, मध्यप्रदेश के किसानों ने गेहूं उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीदी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. इसके लिए आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं. मैं चाहता हूं कि, ऊर्जा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दे.

Solar power project
सौर ऊर्जा परियोजना

नवकरणीय ऊर्जा में सौर ऊर्जा प्रमुख है

सौर परियोजना से उत्पादित बिजली की लागत ताप और जल विद्युत उत्पादन से जहां कम होती है, वहीं इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता. मध्यप्रदेश में भी नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन को प्राथमिकता देने की रणनीति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पूर्व कार्यकाल में प्रारंभ हुई. आज मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में सिरमौर बन गया है.

cm
भोपाल से जुड़े सीएम

सौर ऊर्जा उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी स्थान पर

सौर ऊर्जा उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी स्थान पर है. विश्व की सबसे बड़ी परियोजना में रीवा सौर परियोजना शामिल है. लगभग 4 हजार करोड़ की लागत से 750 मेगावाट की रीवा सौर परियोजना में पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन प्रारंभ हो गया है. इसके अलावा पांच हजार मेगावाट की छह परियोजनाएं और निर्माणाधीन हैं.

  • ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा।

    इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों, किसानों, आदिवासियों को होगा: श्री @narendramodi #PMInaugratesRewaSolar pic.twitter.com/hKMJaNSx2r

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड कम्पनी का गठन

रीवा सौर परियोजना के लिये मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम और सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया की ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के रूप में रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड कम्पनी का गठन किया गया. इस परियोजना को राज्य-स्तर पर नवाचार के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिये सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में चयनित किया गया. इस परियोजना में उत्पादित विद्युत का न्यूनतम टैरिफ 2 रूपये 97 पैसे यूनिट था, जो समकालीन परियोजनाओं से प्राप्त टैरिफ साढ़े चार की तुलना में कम था.

  • Delhi: Prime Minister Narendra Modi dedicates to the nation the 750 MW Solar Project set up at Rewa, Madhya Pradesh, via video conferencing. pic.twitter.com/O7MCLH6Efb

    — ANI (@ANI) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली मेट्रो को की गई बिजली

रीवा सौर परियोजना 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित है. यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर सयंत्रों में से एक है. परियोजना से उत्पादित बिजली का 76 प्रतिशत अंश प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कम्पनी और 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को प्रदान किया जा रहा है. इस परियोजना से प्रथम बार ओपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यवसायिक संस्थान दिल्ली मेट्रो को बिजली प्रदान की गई. आंतरिक ग्रिड समायोजन हेतु और वर्ल्ड बैंक से ऋण प्राप्त करने वाली ये देश की पहली परियोजना है. विश्व बैंक का ऋण राज्य शासन की गारंटी के बिना और क्लीन टेक्नालॉजी फण्ड (सीटीएफ) के अंतर्गत सस्ती दरों पर दिया गया है.

  • Sure इसलिए क्योंकि ऊर्जा के दूसरे स्रोत खत्म हो सकते हैं, लेकिन सूर्य सदा पूरे विश्व में चमकता रहेगा।
    Pure इसलिए, क्योंकि ये पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
    Secure इसलिए क्योंकि ये हमारी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करता है: पीएम श्री @narendramodi #PMInaugratesRewaSolar pic.twitter.com/lFfIxIIWdh

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रोका जा रहा 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन

पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से देखें तो रीवा सौर परियोजना से प्रतिवर्ष 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोका जा रहा है, जो 2 करोड़ 60 लाख पेड़ों को लगाने के बराबर है. रीवा सौर ऊर्जा परियोजना न केवल प्रदेश को नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि मध्यप्रदेश को अन्य राज्यों एवं व्यवसायिक संस्थानों को बिजली प्रदान करने में अग्रणी रखेगी. मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा की 5 हजार मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. प्रदेश की पहली रीवा सौर परियोजना के लिये गठित कम्पनी रम्स द्वारा आगर, शाजापुर, नीमच, छतरपुर, ओंकारेश्वर तथा मुरैना में स्थापित होने वाली परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया है

  • आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को,उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही,दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा:PM https://t.co/DHxkCCbG1K pic.twitter.com/UD7Nmjgi9H

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • आगर में 550 मेगावाट
  • शाजापुर में 450 मेगावाट
  • नीमच में 500 मेगावाट
  • छतरपुर में 1500 मेगावाट
  • ओंकारेश्वर फ्लोटिंग ओंकारेश्वर बांध स्थल पर 600 मेगावाट
  • मुरैना में 1400 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये सौर पार्कों की स्थापना का काम चल रहा है.

प्रदेश में सोलर पम्प के माध्यम से किसानों को सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के अंतर्गत अब तक 14,250 किसानों के लिये सोलर पम्प स्थापित किये जा चुके हैं. अगले तीन वर्षो में 2 लाख सोलर पम्प लगाने का लक्ष्य है.

  • मध्यप्रदेश के किसानों ने गेहूँ उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, प्रदेश सरकार ने गेहूँ खरीदी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।इसके लिए आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं।मैं चाहता हूँ कि ऊर्जा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दे।: PM श्री @narendramodi #PMInaugratesRewaSolar pic.twitter.com/0wQnPbCt8A

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रूफ टॉप पर सौर ऊर्जा

प्रदेश में अब तक 30 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं. इस साल प्रदेश के 700 शासकीय भवनों पर 50 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टॉप लगाना प्रस्तावित है. सोलर रूफ टॉप संयंत्रों से उत्पादित बिजली की दरें एक रूपये 38 पैसे प्रति यूनिट प्राप्त हुई. सरकार का प्रयास है कि, रूफ टॉप संयंत्र घर-घर लगाए जाएं, ताकि उपयोग के लिये बिजली सस्ती दरों पर मिले.

संयंत्र विकसित करने वाला सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगा

प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिये सोलर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. भोपाल के निकट मंडीदीप में 400 औद्योगिक ईकाइयों के लिये 32 मेगावाट क्षमता की सोलर रूफ टॉप परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. इससे उद्योगों को सस्ती बिजली मिलने से औद्योगिक क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी. सौर ऊर्जा को बढ़ावा समय की मांग है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में एक लाख मेगावाट नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. मध्यप्रदेश इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. निश्चित ही सौर ऊर्जा उत्पादन में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान होगा और मध्यप्रदेश देश का बड़ा केन्द्र बनकर उभरेगा.

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