रीवा। जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्र के गंगेव में आयोजित विकास यात्रा का विरोध करने पर जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी व अन्य जनप्रतिनिधियों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इसको लेकर जनपद अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ केस पुलिस प्रशासन जल्द वापस ले. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो मनगवां तहसील का घेराव किया जाएगा. विकास तिवारी का कहना है कि हमने विकास के मुद्दे उठाए हैं. लेकिन हम लोगों पर फर्जी केस लगा दिए गए हैं. ये आपातकाल से भी ज्यादा ज्यादती हमारे साथ है. इसे सहन नहीं किया जाएगा.
यात्रा को काले झंडे दिखाए : बीते दिनों गंगेव में विकास यात्रा के दौरान जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया था और काले झंडे दिखाए थे. जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया. इसको लेकर जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा कि हमारे क्षेत्र जनपद कार्यालय से विकास यात्रा की शुरुआत की जा रही थी. इस संबंध में जनपद के सभी पंच, सरपंच एवं जनपद सदस्य उपस्थित थे. सारे लोगों ने अपने क्षेत्र की समस्याएं बताईं. इस बारे में हम लोगों ने बताया कि क्षेत्र में 200 ट्रांसफार्मर जले हुए हैं. आवारा मवेशियों का प्रकोप पूरे क्षेत्र में है. सड़कें नहीं हैं. इसी बात को लेकर हमारा विरोध था. हमने अपनी बात रखी. हमारी आवाज दबाने के लिए मुकदमे लगा दिए गए.
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यात्रा का विरोध नहीं, अपनी मांगें उठाईं : पुलिस ने विकास यात्रा का विरोध करने वाले जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी समेत 209 जनप्रतिनिधियों पर 147,149,186, 504 के तहत मुकदमा कायम किया है. जनपद अध्यक्ष ने इसे द्वेषपूर्ण बताया है. जनपद अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी जन प्रतिनिधि लोक सेवक की श्रेणी में आते हैं. हम सबके ऊपर की गई एफआईआर तानाशाही रवैया है. फर्जी मुकदमे थोपना अघोषित आपातकाल के बराबर है. हम सभी पंच, सरपंच एवं जनपद के प्रतिनिधियों को कार्य करने में जो व्यवहारिक दिक्कत आती है, उसकी बात करने पर फर्जी मुकदमें लगाए जाते हैं तो ये संविधान का अघोषित आपातकाल है. हम सबके द्वारा शासन की विकास यात्रा का विरोध नहीं किया गया. हम लोगों द्वारा शासन की नीतियों का क्रियान्वयन करने वाले एवं जनता की समस्याओं का हल करने वाले अधिकारियों के तानाशाही रवैया का विरोध किया गया है.