रीवा। रेलवे विभाग के खिलाफ किसानों ने वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. किसानों का आरोप है कि रेलवे जमीन अधिग्रहित कर नौकरी देने के वादे से मुकर गया है. जिसके खिलाफ नाराज किसानों ने रीवा रेलवे स्टेशन में जमकर नारेबाजी की. इस दौरान रीवा पहुंचे पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द नौकरी देने की मांग की है.
किसानों ने मांग करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक परिवार के किसी भी सदस्य को रोजगार नहीं मिला है. जिसके लिए कई बार देश के प्रधानमंत्री, रेल मंत्री सहित रेलवे के अधिकारियों से गुहार लगाई गई और पत्र भी लिखा गया, लेकिन किसी को भी रोजगार नहीं मिला है. जिससे किसान काफी दुखी और नाराज हैं.
महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह को सौंपा
शनिवार को रीवा दौरे पर पहुंचे पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द रोजगार दिलाने की मांग की है. इस बारे में जब पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो भी नियम है उसके हिसाब से काम किया जा रहा है. समय-समय पर नियम बदलते रहते हैं नियम के हिसाब से जो भी दावेदार होंगे उन्हें रोजगार दिया जाएगा.
बता दें कि सतना-रीवा रेलवे लाइन के लिए 1984 में सतना से रीवा तक कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसमें रीवा हुजूर के ग्राम पड़रा, सुआरन टोला, वारंटो खैरी, गोड़हर, रमकुई करहिया तिघरा, बहेलिया, छीजवार सहित कई गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई थी. इसके अलावा रीवा-ललितपुर रेल परियोजना के तहत भी किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसके बदले में रेलवे से विस्थापित किसानों के परिवार को रोजगार देने की बात कही गई थी.