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विकास मॉडल के नाम पर धांधली, 15 साल से एक सड़क का बार-बार हो रहा निर्माण, कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

रीवा जिले में 15 सालों से निर्माण हो रही चोरहटा से रतहरा तक 13 किलोमीटर लंबी सड़क को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विरोध जताया है. इसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है.

Road under construction
निर्माणाधीन सड़क
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Published : Nov 15, 2020, 11:23 AM IST

रीवा। चोरहटा से रतहरा तक 13 किलोमीटर की निर्माणाधीन सड़क को लेकर अब कांग्रेस पार्टी विरोध पर उतर आई है. कांग्रेसियों ने सड़क निर्माण में की जा रही लापरवाही को लेकर अपना विरोध जताया. कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' के नारे लगाए. 15 साल से सड़क निर्माण में हो रही लापरवाही को लेकर कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.

15 साल से चल रहा सड़क का निर्माण

बीजेपी द्वारा पिछले 15 सालों में किए गए विकास कार्यों को विकास मॉडल पेश किया जा रहा है. जिसमें रीवा शहर की चोरहटा से लेकर रतहरा तक की मुख्य सड़क भी शामिल है. खास बात यह है कि 15 सालों से अब तक इस सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. हर बार सड़क निर्माण को लेकर सरकार के द्वारा टेंडर जारी किया जाता है, लेकिन कार्य पूरा होने से पहले ही उसे समाप्त कर दिया जाता है. एक बार फिर से इसी सड़क को मॉडल सड़क बनाए जाने को लेकर ठेकेदार द्वारा खोद दी गई है. इस वजह से यातायात बाधित हो रहा है. लोगों को घंटों जाम में खड़ा होना पड़ता है. कई बार एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती है. लोगों की परेशानी को देखते हुए कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करते हुए कलेक्टर के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क

रीवा शहर की मुख्य सड़क व राष्ट्रीय राजमार्ग चोरहटा से लेकर रतहरा बाईपास तक की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है. वर्तमान में इस सड़क का हाल बेहाल है. यहां सड़कों में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क है. जिसके कारण आये दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं. इस 13 किलोमीटर की सड़क में उड़ते धूल के गुब्बार की वजह से लोग अब अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने लगे हैं. यहां से आने जाने वाले राहगीरों को काफी कठनाइयों से होकर गुजरना पड़ता है. दरअसल 15 सालों के दौरान इस सड़क का कई बार निर्माण कार्य हुआ और जिसमे अरबों रुपय खर्च हुए लेकिन अब तक सड़क का निर्माण कार्य वहीं अटका हुआ है, अब एक बार फिर सीवर लाइन, वाटर लाइन, और गैस पाइप लाइन, डालने के लिए सड़क की खोदाई कर दी गई.

अरबों रुपये खर्च के बाद भी अधर में लटका काम

अरबों खर्च होने के बाद भी सड़क की हालत बद से बदतर है.दो साल पहले पूर्व स्थानीय मंत्री द्वारा इस सड़क को मॉडल सड़क में बदलने के लिए भूमि पूजन किया गया था. जिसमें 12 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर की लागत से एक सड़क निर्माण कंपनी को काम दे दिया गया. जिसके बाद ठेकेदार ने मनमानी करते हुए पूरी सड़क को खोद दिया. इस सड़क को दुरस्त करने के लिए पूर्व में कांग्रेस नेताओं ने कई बार धरने प्रदर्शन किए, और ज्ञापन भी सौंपा. जिसके बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

रीवा। चोरहटा से रतहरा तक 13 किलोमीटर की निर्माणाधीन सड़क को लेकर अब कांग्रेस पार्टी विरोध पर उतर आई है. कांग्रेसियों ने सड़क निर्माण में की जा रही लापरवाही को लेकर अपना विरोध जताया. कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' के नारे लगाए. 15 साल से सड़क निर्माण में हो रही लापरवाही को लेकर कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.

15 साल से चल रहा सड़क का निर्माण

बीजेपी द्वारा पिछले 15 सालों में किए गए विकास कार्यों को विकास मॉडल पेश किया जा रहा है. जिसमें रीवा शहर की चोरहटा से लेकर रतहरा तक की मुख्य सड़क भी शामिल है. खास बात यह है कि 15 सालों से अब तक इस सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. हर बार सड़क निर्माण को लेकर सरकार के द्वारा टेंडर जारी किया जाता है, लेकिन कार्य पूरा होने से पहले ही उसे समाप्त कर दिया जाता है. एक बार फिर से इसी सड़क को मॉडल सड़क बनाए जाने को लेकर ठेकेदार द्वारा खोद दी गई है. इस वजह से यातायात बाधित हो रहा है. लोगों को घंटों जाम में खड़ा होना पड़ता है. कई बार एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती है. लोगों की परेशानी को देखते हुए कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करते हुए कलेक्टर के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क

रीवा शहर की मुख्य सड़क व राष्ट्रीय राजमार्ग चोरहटा से लेकर रतहरा बाईपास तक की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है. वर्तमान में इस सड़क का हाल बेहाल है. यहां सड़कों में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क है. जिसके कारण आये दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं. इस 13 किलोमीटर की सड़क में उड़ते धूल के गुब्बार की वजह से लोग अब अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने लगे हैं. यहां से आने जाने वाले राहगीरों को काफी कठनाइयों से होकर गुजरना पड़ता है. दरअसल 15 सालों के दौरान इस सड़क का कई बार निर्माण कार्य हुआ और जिसमे अरबों रुपय खर्च हुए लेकिन अब तक सड़क का निर्माण कार्य वहीं अटका हुआ है, अब एक बार फिर सीवर लाइन, वाटर लाइन, और गैस पाइप लाइन, डालने के लिए सड़क की खोदाई कर दी गई.

अरबों रुपये खर्च के बाद भी अधर में लटका काम

अरबों खर्च होने के बाद भी सड़क की हालत बद से बदतर है.दो साल पहले पूर्व स्थानीय मंत्री द्वारा इस सड़क को मॉडल सड़क में बदलने के लिए भूमि पूजन किया गया था. जिसमें 12 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर की लागत से एक सड़क निर्माण कंपनी को काम दे दिया गया. जिसके बाद ठेकेदार ने मनमानी करते हुए पूरी सड़क को खोद दिया. इस सड़क को दुरस्त करने के लिए पूर्व में कांग्रेस नेताओं ने कई बार धरने प्रदर्शन किए, और ज्ञापन भी सौंपा. जिसके बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

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