रीवा। जिले में मध्यांचल ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक श्यामकुमार को जिला सत्र न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में चार साल की सजा सुनाई है. आरोपी पर ड़ेढ लाख की रिश्वत लेने का आरोप था. बैंक प्रबंधन के खिलाफ शिकायतकर्ता रविंद्र दुबे ने ड़ेढ लाख की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.
रविंद्र दुबे ने कृषी विभाग में कस्टम हाइरिंग की योजना के लिए सतना में आवेदन दिया था. जिसकी स्वीकृती होने के बाद मध्यांचल ग्रामीण बैंक की शाखा चोरमारी को भेजा गया था. जिसके शाखा प्रबंधक श्यामकुमार ने अनुदान देने के बदले शिकायतकर्ता से ड़ेढ लाख रुपए की रिश्वत मांगी. शाखा प्रबंधक ने कहा कि जबतक वह रिश्वत नहीं देगा. तब उसका काम नहीं होगा.
घटना की पूरा जानकारी रविंद्र दुबे ने लोकायुक्त को दी. जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच के लिए ट्रैप टीम का गठन किया. जहां 12 मार्च 2013 को लोकायुक्त ने बैंक के शाखा प्रबंधक श्यामकुमार दुबे को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. यह प्रकरण जिला सत्र न्यायालय रीवा में गया था. जिसमें आरोपी पर आरोप सिद्ध होने के बाद उसे चार साल की सजा सुनाई है.