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बैंक कर्मचारी डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में दोषी करार, चार साल की सजा

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Published : Aug 31, 2019, 9:24 PM IST

रीवा में मध्यांचल ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक ड़ेढ लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाए गए हैं. जिन्हें रीवा जिला सत्र न्यायालय ने सुनवाई चार साल की सजा सुनाई है.

जिला सत्र न्यायालय ने आरोपी को सुनाई 4 साल की सजा

रीवा। जिले में मध्यांचल ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक श्यामकुमार को जिला सत्र न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में चार साल की सजा सुनाई है. आरोपी पर ड़ेढ लाख की रिश्वत लेने का आरोप था. बैंक प्रबंधन के खिलाफ शिकायतकर्ता रविंद्र दुबे ने ड़ेढ लाख की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.

जिला सत्र न्यायालय ने आरोपी को सुनाई 4 साल की सजा

रविंद्र दुबे ने कृषी विभाग में कस्टम हाइरिंग की योजना के लिए सतना में आवेदन दिया था. जिसकी स्वीकृती होने के बाद मध्यांचल ग्रामीण बैंक की शाखा चोरमारी को भेजा गया था. जिसके शाखा प्रबंधक श्यामकुमार ने अनुदान देने के बदले शिकायतकर्ता से ड़ेढ लाख रुपए की रिश्वत मांगी. शाखा प्रबंधक ने कहा कि जबतक वह रिश्वत नहीं देगा. तब उसका काम नहीं होगा.

घटना की पूरा जानकारी रविंद्र दुबे ने लोकायुक्त को दी. जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच के लिए ट्रैप टीम का गठन किया. जहां 12 मार्च 2013 को लोकायुक्त ने बैंक के शाखा प्रबंधक श्यामकुमार दुबे को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. यह प्रकरण जिला सत्र न्यायालय रीवा में गया था. जिसमें आरोपी पर आरोप सिद्ध होने के बाद उसे चार साल की सजा सुनाई है.

रीवा। जिले में मध्यांचल ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक श्यामकुमार को जिला सत्र न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में चार साल की सजा सुनाई है. आरोपी पर ड़ेढ लाख की रिश्वत लेने का आरोप था. बैंक प्रबंधन के खिलाफ शिकायतकर्ता रविंद्र दुबे ने ड़ेढ लाख की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.

जिला सत्र न्यायालय ने आरोपी को सुनाई 4 साल की सजा

रविंद्र दुबे ने कृषी विभाग में कस्टम हाइरिंग की योजना के लिए सतना में आवेदन दिया था. जिसकी स्वीकृती होने के बाद मध्यांचल ग्रामीण बैंक की शाखा चोरमारी को भेजा गया था. जिसके शाखा प्रबंधक श्यामकुमार ने अनुदान देने के बदले शिकायतकर्ता से ड़ेढ लाख रुपए की रिश्वत मांगी. शाखा प्रबंधक ने कहा कि जबतक वह रिश्वत नहीं देगा. तब उसका काम नहीं होगा.

घटना की पूरा जानकारी रविंद्र दुबे ने लोकायुक्त को दी. जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच के लिए ट्रैप टीम का गठन किया. जहां 12 मार्च 2013 को लोकायुक्त ने बैंक के शाखा प्रबंधक श्यामकुमार दुबे को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. यह प्रकरण जिला सत्र न्यायालय रीवा में गया था. जिसमें आरोपी पर आरोप सिद्ध होने के बाद उसे चार साल की सजा सुनाई है.

Intro:भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक श्यामकुमार को 4 साल की सजा, जिला सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने की कोर्ट से हुआ फैसला।


Body:कस्टम हैरिंग संचालन हेतु संभागीय कृषि अभियांत्रिकी सतना में शिकायतकर्ता किसान रविन्द्र दुबे ने आवेदन किया था जिसकी स्वीकृत होकर इलाहाबाद बैंक शाखा चोरमारी जिला सतना को भेजा गया स्वीकृत होने के बाद शाखा प्रबंधक श्याम कुमार ने अनुदान हेतु शिकायतकर्ता से डेढ़ लाख की रिश्वत की मांग की थी, शाखा प्रबंधक ने आरोपी से कहा कि उसे रिश्वत के रुपए जब तक प्राप्त नहीं होंगे तब तक कार्यवाही आगे प्रेषित नहीं करेगी जिससे ना तो सब्सिडी प्राप्त होगी और ना ही लोन अकाउंट खुल पाएगा, जिसके बाद शिकायतकर्ता रीवा लोकायुक्त पुलिस को इसकी शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस ने इसकी जांच कराकर 12 मार्च 2013 को शाखा प्रबंधक श्यामकुमार इलाहाबाद बैंक शाखा चोरमारी में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया जिसके बाद यह प्रकरण जिला सत्र न्यायालय रीवा में विचाराधीन था आज इसका फैसला आया, जिसमें आरोपी शाखा प्रबंधक को धारा 7 के तहत 3 वर्ष कारावास एवं 5000 रुपए अर्थदण्ड एवम धारा 13(2) के तहत 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 का अर्थदंड से दंडित किया गया ,जिसके बाद शाखा प्रबंधक को जेल भेज दिया।

बाइट- शरद द्विवेदी, एडीपीओ रीवा


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