रीवा। नईगढ़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत छन्दहाई गांव का रहने वाला युवक अनिल साकेत शुक्रवार पाकिस्तान के लाहौर जेल से रिहा होकर अपने वतन अपने घर वापस लौट आया है, जिसके बाद से देशभर में खुशी का माहौल है और अपने लाल की वतन वापसी पर लोग खुशी मना रहे हैं. जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित नईगढ़ी थाना क्षेत्र के छन्दहाई गांव का रहने वाला युवक अनिल साकेत बीते 5 साल पहले 2015 में लापता हो गया था, जिसके बाद परिजनों ने अनिल की गुमशुदगी की रिपोर्ट नजदीकी थाने में दर्ज कराई थी.
2019 में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा नईगढ़ी थाना क्षेत्र से लापता अनिल साकेत की जानकारी मांगी गई और अब 14 सितंबर 2020 को पाकिस्तान सरकार के द्वारा अनिल साकेत के साथ जेल में बंद तकरीबन 111 कैदियों की रिहाई की गई, जिसमें अनिल साकेत भी शामिल था. लेकिन अनिल साकेत की वतन वापसी की जानकारी जैसे ही परिजनों को लगी वैसे ही घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और अनिल की मां भावुक हो गईं.
रीवा का लाल जैसे ही अपनी सरजमीं पर पहुचा तो लोग मासूमियत भरी निगाहों से उसे देखने लगे. हालांकि मीडिया ने जब अनिल से बात करनी चाही तो वह कुछ भी कह पाने में असमर्थ था. हालांकि घर वापस पहुंचते ही अनिल के चेहरे में थोड़ी मुस्कान तो थोड़े आंसू थे. घर पहुंचने के बाद अनिल काफी सहमा हुआ था. लेकिन थोड़ी देर बाद वह धीरे-धीर सब को पहचानने लगा. 5 साल तक मां की आंखों से ओझल अनिल के घर पहुंचने पर उसका फूलों से स्वागत किया गया और मिठाई खिलाई गई. अनिल की मां ने जैसे ही अपने लाल को देखा तो उसकी आंखें नम हो गईं और उसे अपने गले से लगा लिया.
पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर अपने घर वापस लौटे अनिल साकेत की दिमागी स्थिति सही नही थीं. अनिल के साथ रीवा आये आरक्षक बंटी सिंह बताते हैं कि पाकिस्तान पुलिस द्वारा उसे काफी प्रताड़ित किया गया, जिसकी वजह से वह डरा और सहमा हुआ है.