रतलाम में एक भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने एक केस सुनाया है,लोकायुक्त पुलिस ने 2013 में आलोट में पदस्थ आबकारी निरीक्षक को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था, न्यायालय ने आरोपी राजीव थापक को 4 साल की कैद और 7 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने रिश्वतखोर अधिकारी को सुनाई सात साल की सजा,2013 से चल रहा था केस
विशेष भ्रष्टाचार कोर्ट ने रिश्वत लेने के मामले में आरोपी को सात साल की सजा सुनाई है,इसके साथ-साथ 7 हजार रूपए का जुर्माना भी कोर्ट ने सुनाया है.
कोर्ट ने रिश्वतखोर अधिकारी को सुनाई सात साल की सजा
रतलाम में एक भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने एक केस सुनाया है,लोकायुक्त पुलिस ने 2013 में आलोट में पदस्थ आबकारी निरीक्षक को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था, न्यायालय ने आरोपी राजीव थापक को 4 साल की कैद और 7 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
Intro: रतलाम की विशेष भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने आबकारी विभाग के पुर्व उपनिरीक्षक को 4 साल कैद की सजा सुनाई है।लोकायुक्त पुलिस ने 2013 में आलोट में पदस्थ आबकारी निरीक्षक को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था। जिसके बाद आज विशेष न्यायालय ने आरोपी राजीव थापक को 4 साल की कैद और 7 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद खाकी को दागदार करने वाले भ्रष्ट अधिकारी को जिला जेल भेज दिया गया ।
Body:दरअसल मामला जुन 2013 का है जब आलोट में पदस्थ आबकारी उप निरीक्षक राजीव थापक ने शराब दुकान के कर्मचारी राजेश सिंह से दुकान चलाने के लिए ₹35000 की रिश्वत की मांग की थी । जिसके बाद तत्कालीन आबकारी उप निरीक्षक ₹35000 की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुए थे। लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया था। जिसके बाद विशेष भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने इस मामले में फैसला देते हुए भ्रष्ट आबकारी उपनिरीक्षक को 4 वर्ष कारावास और ₹7000 का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।
)
Conclusion:2013 में रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद से ही उपनिक्षक राजीव थापक आबकारी विभाग से निलंबित चल रहे थे और आज सजा मिलने के बाद उन्हें रतलाम जेल भेज दिया गया है।
बाइट _01_ एसके जैन ( उपसंचालक लोक अभियोजन रतलाम
Body:दरअसल मामला जुन 2013 का है जब आलोट में पदस्थ आबकारी उप निरीक्षक राजीव थापक ने शराब दुकान के कर्मचारी राजेश सिंह से दुकान चलाने के लिए ₹35000 की रिश्वत की मांग की थी । जिसके बाद तत्कालीन आबकारी उप निरीक्षक ₹35000 की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुए थे। लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया था। जिसके बाद विशेष भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने इस मामले में फैसला देते हुए भ्रष्ट आबकारी उपनिरीक्षक को 4 वर्ष कारावास और ₹7000 का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।
)
Conclusion:2013 में रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद से ही उपनिक्षक राजीव थापक आबकारी विभाग से निलंबित चल रहे थे और आज सजा मिलने के बाद उन्हें रतलाम जेल भेज दिया गया है।
बाइट _01_ एसके जैन ( उपसंचालक लोक अभियोजन रतलाम