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शहर में घूम रहे आवारा कुत्ते, जिला अस्पताल में बढ़ रही रेबीज के मरीजों की संख्या

रतलाम में आवारा कुत्तों की बढ़ रही संख्या के कारण डॉग बाईटिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस कारण जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40 मरीजों को रेबीज के टीके लगाए जा रहे हैं और नगर निगम का ध्यान इन आवारा कुत्तों की तरफ बिल्कुल नहीं है.

Stray dogs roaming the city
शहर में घूम रहे आवारा कुत्ते
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Published : Jan 6, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Jan 6, 2020, 5:13 PM IST

रतलाम । शहर में बढ़ रही आवारा कुत्तों की तादाद से डॉग बाईटिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसत 40 मरीजों को रेबीज के टीके लगाए जा रहे हैं, जिसमें 20 से अधिक नए मामले आ रहे हैं. लेकिन रतलाम नगर निगम का ध्यान शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों की तरफ बिल्कुल नहीं है.

शहर में घूम रहे आवारा कुत्ते

दरअसल नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों और पशुओं को पकड़ने की मुहिम केवल खानापूर्ति के लिए चलाई जाती है, जिससे शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और कुत्तों के काटने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. जिला अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार प्रतिदिन 40 से अधिक मरीजों को रेबीज के टीके लगाए जाते हैं. जिसमें 20 नए मामले रोज आ रहे हैं. खास बात ये है कि ये संख्या उन मरीजों की है, जो कुत्ते के काटने के बाद रेबीज का टीका लगवाने के लिए शासकीय अस्पताल में पहुंचते हैं. अन्यथा लापरवाही करने वाले और प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने वाले मरीजों की संख्या और भी अधिक हो सकती है.

रतलाम । शहर में बढ़ रही आवारा कुत्तों की तादाद से डॉग बाईटिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसत 40 मरीजों को रेबीज के टीके लगाए जा रहे हैं, जिसमें 20 से अधिक नए मामले आ रहे हैं. लेकिन रतलाम नगर निगम का ध्यान शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों की तरफ बिल्कुल नहीं है.

शहर में घूम रहे आवारा कुत्ते

दरअसल नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों और पशुओं को पकड़ने की मुहिम केवल खानापूर्ति के लिए चलाई जाती है, जिससे शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और कुत्तों के काटने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. जिला अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार प्रतिदिन 40 से अधिक मरीजों को रेबीज के टीके लगाए जाते हैं. जिसमें 20 नए मामले रोज आ रहे हैं. खास बात ये है कि ये संख्या उन मरीजों की है, जो कुत्ते के काटने के बाद रेबीज का टीका लगवाने के लिए शासकीय अस्पताल में पहुंचते हैं. अन्यथा लापरवाही करने वाले और प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने वाले मरीजों की संख्या और भी अधिक हो सकती है.

Intro:रतलाम शहर में बढ़ रही आवारा कुत्तों की तादाद से शहर में डॉग बाईटिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40 मरीजों को रेबीज के टीके लगाए जा रहे हैं। जिसमें 20 से अधिक नए मामले प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। लेकिन रतलाम नगर निगम जिम्मेदारों का ध्यान शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों और पशुओं की समस्या है ही नहीं। जिसकी वजह से हर दिन बड़ी संख्या में कुत्तों के काटने की वजह से रेबीज का टीका लगवाने के लिए मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं । हालांकि जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में रेबीज के टीके उपलब्ध होने का दावा जिला अस्पताल प्रबंधन कर रहा है। लेकिन डॉग बाइटिंग के प्रतिदिन आने वाले मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।


Body:दरअसल निगम प्रशासन द्वारा आवारा कुत्तों और पशुओं को पकड़ने की मुहिम केवल रस्म अदायगी के लिए चलाई जाती है। जिससे रतलाम शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर में आवारा कुत्तों के काटने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिला अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार प्रतिदिन 40 से अधिक मरीजों को रेबीज के टीके लगाए जाते हैं जिसमें 20 नए मामले आ रहे हैं। खास बात यह भी है कि यह संख्या उन मरीजों की है जो कुत्ते के काटने के बाद रेबीज का टीका लगवाने के लिए शासकीय अस्पताल में पहुंचते हैं। अन्यथा लापरवाही करने वाले और प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने वाले मरीजों की संख्या और अधिक भी हो सकती है।


Conclusion:बहरहाल डॉग बाइटिंग की हर दिन होने वाली घटनाओं से नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में निगम के गैर जिम्मेदार किसी बड़ी घटना को दावत देते नजर आ रहे हैं।

बाइट 01- डॉ आनंद चंदेलकर (सिविल सर्जन, रतलाम)
Last Updated : Jan 6, 2020, 5:13 PM IST
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