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रतलाम नगर निगम ने ऐसी जगह बनाए रैन बसेरे, जहां नहीं पहुंच पा रहे जरूरतमंद लोग - reality check of ratlam raine basera

रतलाम में रैन बसेरा योजना के तहत बनाए गए आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं का ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया, जिसमें व्यवस्था औसत दर्जे की पाई गई.

reality check of ratlam raine basera
रैन बसेरे का रियलिटी चेक
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Published : Jan 16, 2020, 11:42 AM IST

रतलाम। सर्दियों के मौसम में निराश्रित और खुले में सोने वाले लोगों के लिए नगर निगम द्वारा रैन बसेरे संचालित किए जाते हैं. इन्हीं रैन बसेरों और आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं का रियलिटी चेक ईटीवी भारत की टीम ने किया. जब ईटीवी भारत की टीम रतलाम के दो रैन बसेरों में पहुंची, तो एक में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था, वहीं दूसरे में 6 लोग रात गुजारने के लिए पहुंचे थे.

रैन बसेरे का रियलिटी चेक
रियलिटी चेक में पता चला कि नगर निगम ने रैन बसेरों की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर की है, जिनकी जानकारी आम लोगों को है ही नहीं, जिसके चलते जरूरतमंद लोग इन रैन बसेरों में पहुंच ही नहीं पाते हैं. इन रैन बसेरों में एक-एक अटेंडर के साथ 20-20 बेड की व्यवस्था की गई है. वहीं सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से यहां आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाती है. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में रतलाम के सिविक सेंटर और जिला शिक्षा केंद्र के पास बने रैन बसेरों में गिने-चुने लोग ही पहुंचे, जिसकी मुख्य वजह जरूरतमंदों को इन आश्रय स्थलों की जानकारी नहीं होना है. सिविक सेंटर स्थित रैन बसेरे में महिला और पुरुष दोनों के रुकने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसे इतने वीरान और एकांत क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है जहां महिलाओं का जाना भी सुरक्षित नहीं है. वहीं यहां शौचालय भी बेहद गंदे पाए गए.

रतलाम। सर्दियों के मौसम में निराश्रित और खुले में सोने वाले लोगों के लिए नगर निगम द्वारा रैन बसेरे संचालित किए जाते हैं. इन्हीं रैन बसेरों और आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं का रियलिटी चेक ईटीवी भारत की टीम ने किया. जब ईटीवी भारत की टीम रतलाम के दो रैन बसेरों में पहुंची, तो एक में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था, वहीं दूसरे में 6 लोग रात गुजारने के लिए पहुंचे थे.

रैन बसेरे का रियलिटी चेक
रियलिटी चेक में पता चला कि नगर निगम ने रैन बसेरों की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर की है, जिनकी जानकारी आम लोगों को है ही नहीं, जिसके चलते जरूरतमंद लोग इन रैन बसेरों में पहुंच ही नहीं पाते हैं. इन रैन बसेरों में एक-एक अटेंडर के साथ 20-20 बेड की व्यवस्था की गई है. वहीं सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से यहां आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाती है. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में रतलाम के सिविक सेंटर और जिला शिक्षा केंद्र के पास बने रैन बसेरों में गिने-चुने लोग ही पहुंचे, जिसकी मुख्य वजह जरूरतमंदों को इन आश्रय स्थलों की जानकारी नहीं होना है. सिविक सेंटर स्थित रैन बसेरे में महिला और पुरुष दोनों के रुकने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसे इतने वीरान और एकांत क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है जहां महिलाओं का जाना भी सुरक्षित नहीं है. वहीं यहां शौचालय भी बेहद गंदे पाए गए.
Intro:नोट- रैन बसेरों की रियलिटी चेक स्टोरी (डेस्क द्वारा असाइन की गई थी)


सर्दियों के मौसम में निराश्रित और खुले में सोने वाले लोगों के लिए नगर निगम द्वारा रेन बसेरे संचालित किए जाते हैं। इन्हीं रैन बसेरों और आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं का रियलिटी चेक ईटीवी भारत की टीम ने किया। नगर निगम द्वारा संचालित किए जा रहे दो रेन बसेरों में हमारी टीम पहुंची तो एक आश्रय स्थल पर कोई भी व्यक्ति धरने के लिए नहीं पहुंचा था। वहीं दूसरे रेन बसेरे पर भी 6 लोग रात गुजारने के लिए पहुंचे थे। रियलिटी चेक में पता चला कि नगर निगम ने रैन बसेरों की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर की है जिनकी जानकारी आम लोगों को है ही नहीं। जिसके चलते जरूरतमंद लोग इन रेन बसेरों पर पहुंच ही नहीं पाते हैं।


Body:दरअसल सर्दियों के मौसम में निराश्रित लोगों के लिए नगर निगम द्वारा रेन बसेरों की व्यवस्था तो की गई है। जिसमें निगम के एक-एक अटेंडर के साथ 20- 20 बेड की व्यवस्था की गई है। वहीं सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से यहां आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाती है। ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में रतलाम के सिविक सेंटर और जिला शिक्षा केंद्र के पास स्थित आश्रय स्थलों का रात में रियलिटी चेक किया गया तो इन रैन बसेरों में गिने-चुने लोग ही पहुंचे हैं। जिसकी मुख्य वजह जरूरतमंदों को इन आश्रय स्थलों की जानकारी नहीं होना है। सिविक सेंटर स्थित आश्रय स्थल में महिला एवं पुरुष दोनों के रुकने की व्यवस्था की गई है लेकिन इसे इतने वीरान और एकांत क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है जहां महिलाओं का जाना भी सुरक्षित नहीं है। रियलिटी चेक के दौरान इन रैनबसेरों में गिने चुने लोग ही इस सुविधा का लाभ लेते पाए गए हैं।


Conclusion:रियलिटी चेक के दौरान इन आश्रय स्थलों की व्यवस्था औसत दर्जे की पाई गई है। वहीं यहां के सुविधाघर बेहद गंदे और अस्वच्छ पाए गए हैं। जबकि नगर निगम का पूरा अमला इन दिनों स्वच्छता अभियान में जुटा हुआ है।



WT _01_ दिव्यराज सिंह राठौर (संवाददाता, रतलाम)
WT _01_ दिव्यराज सिंह राठौर (संवाददाता, रतलाम)
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