रतलाम। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले के तीन साल पूरे हो गए हैं. रतलाम में ईटीवी भारत ने नोटबंदी के तीन साल होने पर आम नागरिकों, व्यापारियों से बात की. जहां कुछ लोगों ने इस फैसले की सराहना की तो कुछ लोगों ने इस फैसले को एक गलत फैसला बताया.
आम और नौकरीपेशा लोगों का कहना है कि नोटबंदी को देश भक्ति से जोड़कर हमे काला धन की वापसी, नकली नोटों से मुक्ति और जीडीपी में बढ़ोतरी होने की उम्मीद दिखाई गई थी. लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी छोटे-मोटे व्यापार- व्यवसाय मंदी के दौर से गुजर रहे हैं और बाजार में मुद्रा की कमी भी बनी हुई है.
वहीं पूर्व बैंकर और विशेषज्ञों का कहना है कि जिन चार प्रमुख उद्देश्यों को लेकर नोटबंदी की योजना लागू की गई थी. उनको देखें तो यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा कदम साबित नहीं हुआ है. इससे देश के लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. बहरहाल 8 नवंबर 2014 को देशभर में लागू की गई नोटबंदी को 3 वर्ष बीत चुके हैं. जिसके चलते इस फैसले को सत्ता पक्ष जहां एक अच्छा निर्णय बता रहा है. तो विपक्ष इस पर निशाना साध रहा है. जबकि आम जनता की मिली जुली राय मिल रही है.