रतलाम। रेलमंत्री पीयूष ने रतलाम रेलमंडल को बड़ी सौगात दी है. रेलमंत्री ने रतलाम-चित्तौड़गढ़ रेल रूट के विधुतीकरण का शुभारंभ किया साथ ही इलेक्ट्रिक इंजन कि पहली मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाई. सन 2016-17 में इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद रिकॉर्ड 18 महीने में 205 करोड़ की लागत से इस 191 किलोमीटर लंबे रुट का विधुतीकरण पूरा किया गया है.
रतलाम-चित्तौड़गढ़ मार्ग पर दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक इंजन
अब इस रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा. खास बात ये की मुंबई और इंदौर से आने वाली ट्रेनें अब इस रूट पर बिना इंजन बदले, सीधे चंदेरिया की और रवाना की जाएगी, जिससे सभी ट्रेनों के समय में बड़ी बचत होगी. इस रूट के विधुतीकरण से माल परिवहन और यात्री यातायात सुगम होगा वही यात्री सुविधाओं में भी बढोत्तरी होगी.
डिजिटल तरीके हुआ कार्यक्रम
रतलाम रेल मंडल द्वारा आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित किया और रतलाम रेल मंडल को विद्युतीकरण रेल मार्ग की सौगात दी. इस मौके पर रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल हुए.
रेल मंडल के डीआरएम विनीत गुप्ता ने बताया कि इस परियोजना की स्वीकृति 2016-17 में प्राप्त हुई थी, जिसके बाद 205 करोड रुपए की लागत से इस 191 किलोमीटर के रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया गया हैय समय सीमा से पूर्व 18 महीने में ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया गया और नवीन विद्युत रेल मार्ग का आज लोकार्पण किया गया है.
बहरहाल रतलाम से चित्तौड़गढ़ के बीच बने नवीन विद्युत रेल मार्ग पर अब विद्युत इंजन से ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा, जिसस मुंबई और इंदौर की तरफ से आने वाली ट्रेनों में अब इंजन परिवर्तन नहीं करना पड़ेगा, जिससे ट्रेनों के संचालन में समय की भी बचत हो सकेगी.