रतलाम। सीधी बस हादसे की दर्दनाक घटना के बाद भी प्रदेश की सड़कों पर ओवरलोडेड निजी बसें फर्राटा भर रही है. रतलाम जिले में ईटीवी भारत द्वारा किए गए रियलिटी चेक में यहां चल रही बसों में क्षमता से अधिक यात्री बैठाए जा रहे हैं. कई बसों में इमरजेंसी गेट की जगह अतिरिक्त सीट लगा दी गई है. आगजनी की घटना से निपटने के लिए फायर फाइटिंग के भी इंतजाम बसों में नहीं पाए गए हैं. मध्य प्रदेश के सीधी में हुई बस दुर्घटना में 51 लोगों की मौत से ना तो बस ऑपरेटर और ना ही परिवहन विभाग सबक लेने को तैयार है.
बसों में बैठाए जा रहे हैं क्षमता से ज्यादा यात्री
सीधी बस हादसे की घटना के बाद रतलाम में भी जब ईटीवी भारत की टीम ने यात्री बसों का रियलिटी चेक किया तो यहां की बसों में क्षमता से अधिक यात्री पाए गए. वहीं सुरक्षा के कोई इंतजाम बसों में दिखाई नहीं दिए. कोरोना की बिमारी का भय भी यात्रियों में दिखाई नहीं दिया. जहां बस में अधिकांश यात्री बिना मास्क के ही सफर करते दिखाई दे रहे हैं. यात्री बसों में नियमों के मुताबिक एमरजैंसी एग्जिट के लिए गेट भी नहीं पाए गए हैं. कुछ बसों में इमरजेंसी एग्जिट के लिए गेट तो बनाया गए हैं लेकिन उस जगह पर अतिरिक्त सीट लगाकर बस ऑपरेटर यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.
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जिला परिवहन विभाग भी नहीं हुआ एक्टिव
गौरतलब है कि सीधे में हुए बस हादसे के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई है और सभी जिला परिवहन कार्यालयों को अनफिट और नियमों का पालन नहीं कर रहे यात्री वाहनों की चैकिंग और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन रतलाम जिले में कहीं भी परिवहन विभाग की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. रतलाम बस स्टैंड पर पहुंच रही यात्री बसों के रियलिटी चेक में बस ऑपरेटर परिवहन के नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन इन्हें रोकने टोकने वाला कोई भी जिम्मेदार मौजूद ही नहीं है.