रतलाम/भोपाल। बीजेपी की लहर के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा में एक नई पार्टी ने अपनी आमद दे दी है, भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर 33 साल के कमलेश्वर डोडियार ने कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को हराकर जीत दर्ज की है. कमलेश्वर डोडियार बेहद गरीब परिवार से आते हैं, काउंटिंग के अंतिम चरण में जब कमलेश्वर जीत की तरफ बढ़ रहे थे, उस वक्त उनकी मां सीताबाई मजदूरी पर गई हुई थी. कमलेश्वर का पूरा परिवार एक झोपड़ी में रहता है, बारिश से बचने के लिए झोपड़ी पर तिरपाल डालनी पड़ती है.
पहली बार लड़ा चुनाव, दिग्गज को हराया: कमलेश्वर डोडियार रतलाम के सैलाना में पले-बढ़े, स्कूली शिक्षा के बाद बेहद तंगहाली में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद वे 4 सालों तक राजस्थान के कोटा में मजदूरी करते रहे, कॉलेज की पढ़ाई के दौरान वे टिकट बांटकर गुजारा करते थे. बाद में वे एनजीओ के जरिए जयस संगठन से जुड़े, पहली बार वे भारत आदिवासी पार्टी से सैलाना से चुनाव मैदान में उतरे. बताया जा रहा है कि कमलेश्वर ने चुनाव लड़ने के लिए 12 लाख रुपए का कर्ज लिया था, वे काउंटिंग के समय जब जीत के नजदीक पहुंच रहे थे, उस दौरान उनकी मां मजदूरी पर गई हुई थी. जीतने के बाद भी उनके परिवार को पता ही नहीं था कि कमलेश्वर चुनाव जीत गए हैं, हालांकि अब परिवार खुश है, उन्हें उम्मीद है कि बेटा क्षेत्र के लिए कुछ अच्छा करेगा.
कांग्रेस उम्मीदवार को हराया, बीजेपी तीसरे नंबर पर: कमलेश्वर मुकाबला कांग्रेस के पूर्व विधायक हर्ष विजय गेहलोत और बीजेपी की संगीता चारेल से हुआ, लेकिन बीजेपी की लहर में भी वे 4 हजार 648 वोटों से चुनाव जीत गए. कमलेश्वर को 71219 वोट जबकि कांग्रेस को 66 हजार 601 वोट मिले, बीजेपी की संगीता चारेल तीसरे स्थान पर रहीं. इस विधानसभा सीट पर प्रदेश में सबसे ज्यादा 90.08 फीसदी मतदान हुआ था.
चुनाव में तीसरा दल साफ, सिर्फ एक जीता: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा, आप जैसी पार्टियां अपना खाता भी नहीं खोल सकी, यह पार्टी, पूरी दलखम से चुनाव मैदान में उतरी थी, लेकिन इनके एक भी उम्मीदवार जीतकर नहीं आ सके. बसपा ने इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से गठबंधन किया था, सपा-बसपा दावा कर रही थी कि उनके बिना सरकार नहीं बन सकेगी, लेकिन तमाम दावे हवा-हवाई साबित हुए. इस बार विधानसभा में भारत आदवासी पार्टी की जरूरी एंट्री हो गई है.