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अब कनेरी डैम से बुझेगी रतलाम की 'प्यास', अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों की सजगता से प्रोजेक्ट हुआ पूरा

रतलाम के कनेरी गांव स्थित कनेरी डैम अब पानी से लबालब भर चुका है, जिससे अब न केवल सैकड़ों हेक्टेयर की फसलों की सिंचाई की जा सकेगी, बल्कि रतलाम के उद्योगों को भी भरपूर पानी मिलेगा. इसका श्रेय रतलाम के जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों को जाता है, जिन्हें बंद होने की कगार पर पहुंची इस परियोजना को पूरा कर दिया. पढ़िए पूरी खबर...

Kaneri Dam Project
कनेरी डैम परियोजना
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Published : Sep 5, 2020, 3:53 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 5:17 PM IST

रतलाम। सरकारी अधिकारियों और नेताओं की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी के किस्से आपने जरूर देखे होंगे, लेकिन रतलाम में नेताओं और अधिकारियों की आपसी समझ के कारण बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी 48 करोड़ रूपए की एक बड़ी योजना पूरी हुई है.

रतलाम के कनेरी गांव स्थित कनेरी डैम अब पानी से लबालब भर चुका है. जिससे अब न केवल सैकड़ों हेक्टेयर की फसलों की सिंचाई की जा सकेगी, बल्कि रतलाम के उद्योगों को भी भरपूर पानी मिलेगा.

अब कनेरी डैम से बुझेगी रतलाम की 'प्यास'

पानी से लबालब रतलाम की ये वही डैम परियोजना है, जिसकी फाईल दिल्ली से कुछ कमियों की वजह से लौटा दी गई थी, लेकिन रतलाम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सजगता का ही प्रमाण है कि वन विभाग की अनुमति के लिए, दिल्ली के कई चक्कर लगाने के बाद अब ये प्रोजेक्ट आकार ले चुका है.

रतलाम का कनेरी डैम जिसका भूमिपूजन 2007 में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था. आगामी तीन से चार सालों में कनेरी डैम बनकर तैयार होना था, लेकिन वन विभाग की परमिशन की वजह से मामला दिल्ली में अटक गया है. करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाला यह डैम ठंडें बस्ते में चला गया था, लेकिन स्थानीय नेताओं और अधिकारियों के लगातार प्रयासों से बंद होने वाला कनेरी डैम अब तीन साल में बनकर तैयार हो चुका है.

48 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए कनेरी डेम की कुल क्षमता 12.21 मिलियन क्यूबिक मीटर है. इसके बनने से रतलाम के आसपास के 506 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी. सबसे बड़ी बात ये ही पानी की कमी से बंद हो रहे उद्योगों को भी इसी डैम से 10 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध करवाया जाएगा.

बहरहाल ये डैम इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि जागरूक नेता और सजग अधिकारी चाहे तो बंद पड़ी कई योजनाओं को फिर से जीवित कर सकते हैं. बस जरुरत है तो जनता के प्रति समर्पण और कुछ कर दिखाने वाले जज्बे की, जो रतलाम के इन जिम्मेदारों ने कर दिखाया है.

रतलाम। सरकारी अधिकारियों और नेताओं की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी के किस्से आपने जरूर देखे होंगे, लेकिन रतलाम में नेताओं और अधिकारियों की आपसी समझ के कारण बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी 48 करोड़ रूपए की एक बड़ी योजना पूरी हुई है.

रतलाम के कनेरी गांव स्थित कनेरी डैम अब पानी से लबालब भर चुका है. जिससे अब न केवल सैकड़ों हेक्टेयर की फसलों की सिंचाई की जा सकेगी, बल्कि रतलाम के उद्योगों को भी भरपूर पानी मिलेगा.

अब कनेरी डैम से बुझेगी रतलाम की 'प्यास'

पानी से लबालब रतलाम की ये वही डैम परियोजना है, जिसकी फाईल दिल्ली से कुछ कमियों की वजह से लौटा दी गई थी, लेकिन रतलाम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सजगता का ही प्रमाण है कि वन विभाग की अनुमति के लिए, दिल्ली के कई चक्कर लगाने के बाद अब ये प्रोजेक्ट आकार ले चुका है.

रतलाम का कनेरी डैम जिसका भूमिपूजन 2007 में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था. आगामी तीन से चार सालों में कनेरी डैम बनकर तैयार होना था, लेकिन वन विभाग की परमिशन की वजह से मामला दिल्ली में अटक गया है. करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाला यह डैम ठंडें बस्ते में चला गया था, लेकिन स्थानीय नेताओं और अधिकारियों के लगातार प्रयासों से बंद होने वाला कनेरी डैम अब तीन साल में बनकर तैयार हो चुका है.

48 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए कनेरी डेम की कुल क्षमता 12.21 मिलियन क्यूबिक मीटर है. इसके बनने से रतलाम के आसपास के 506 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी. सबसे बड़ी बात ये ही पानी की कमी से बंद हो रहे उद्योगों को भी इसी डैम से 10 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध करवाया जाएगा.

बहरहाल ये डैम इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि जागरूक नेता और सजग अधिकारी चाहे तो बंद पड़ी कई योजनाओं को फिर से जीवित कर सकते हैं. बस जरुरत है तो जनता के प्रति समर्पण और कुछ कर दिखाने वाले जज्बे की, जो रतलाम के इन जिम्मेदारों ने कर दिखाया है.

Last Updated : Sep 5, 2020, 5:17 PM IST
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