रतलाम। जब पूरा विश्व मंदी के दौर में चल रहा था. उस वक्क सोने और चांदी में अप्रत्यक्ष रूप से तेजी देखने को मिली. सराफा व्यापारियों के मुताबिक लॉकडाउन के समय मार्च में चांदी के दाम 37 हजार प्रति किलो थे और जब लॉकडाउन खुला तो उस समय चांदी के दाम 45 हजार रुपए प्रतिकिलो थे. मात्र ढेड़ महीने के अंदर में चांदी के भाव में जबरदस्ती उछाल आया. चांदी के साथ- साथ सोने के दामों में भी काफी तेज उछाल आया. उसी प्रकार सोने के भाव लॉकडाउन से पहले 44 हजार थे और जब लॉकडाउन खुला तो सोने का भाव 47 हजार तक पार कर गए. लेकिन जो तेजी आई है वो सकारात्मक तेजी है. इतनी सोने में डिमांड नहीं थी.
छोटे व्यापारियों को नुकसान
सराफा व्यापारी कीर्ती बड़जात्या ने बताया कि छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है. उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि कोरोना की वजह से इस बार जो शादियों रद्द हुई हैं उससे छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है. इस वजह से छोटे निवेशकों को तो नुकसान हुआ है. सोने-चांदी के व्यापार के लिए प्रसिद्ध रतलाम का सराफा बाजार लॉकडाउन के बाद आई मंदी और सोने और चांदी के भाव में लगाथार हो रहे उतार-चढ़ाव की वजह से उबर नहीं पा रहा है. सोने-चांदी के रिटेल व्यवसाय और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध रतलाम के सराफा बाजार में व्यवसाय ठप पड़ गया है.
मंदी के बाद भी मांग में डिमांड
कोरोना इफेक्ट की वजह से पहले सोने और चांदी के भाव में भारी उछाल और फिर बिकवाली के दबाव में प्रतिदिन गिर रहे दामों की वजह से रिटेल ग्राहकों ने सराफा बाजार से दूरी बना ली है. गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान सोने के भाव अधिकतम 58 हजार रुपए के स्तर तक पहुंच गए थे, वहीं चांदी भी उच्चतम 69 हजार के भाव पर पहुंच गया था, सोने और चांदी की जबरदस्त बिकवाली की वजह से भाव लुढ़क कर 52 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच चुके हैं. जिसके बाद रिटेल ग्राहकों की खरीददारी न के बराबर बनी हुई है.
मंदी के दौर से गुजर रहा रिटेल व्यापारी
दरअसल देशभर में सोने-चांदी के व्यापार के लिए प्रसिद्ध रतलाम का सराफा बाजार भी कोरोना इफेक्ट के बाद भावों में आए उतार-चढ़ाव से प्रभावित दिखाई दे रहा है. यहां सोने और चांदी के भाव में चल रही अस्थिरता के चलते रिटेल व्यवसाय मंदी के दौर से गुजर रहा है. बीते 1 महीने में सोने के दामों में अधिकतम भाव 58 हजार प्रति 10 ग्राम से 52 हजार प्रति 10 ग्राम तक का उतार-चढ़ाव रहा है. वही चांदी के भाव भी 69 हजार प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंचकर 59 हजार हजार रुपये तक गिर गया है.
सर्राफा व्यापारियों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस से आई अंतरराष्ट्रीय मंदी और वायदा बाजार में भारी बिकवाली है. वहीं स्थानीय व्यापारी मानते हैं कि सोने और चांदी के भावों में तूफानी तेजी और मंदी की एक वजह वायदा बाजार में जारी सट्टेबाजी भी है. जिसकी वजह से सोने और चांदी के दामों में अस्थिरता आ गई है. जिससे स्थानीय सराफा बाजार से रिटेल ग्राहकों ने दूरी बना ली है, हालांकि बारिश का सीजन और त्योहार- शादियों की खरीदी नहीं होने से भी सराफा बाजार में मंदी बनी हुई है.
शादियों के सीजन में शुरू होगा व्यापार
वहीं सराफा व्यापारियों को उम्मीद है कि कोरोना वायरस का असर कम होने और शादियों की खरीददारी शुरू होने पर सोने और चांदी की रिटेल ग्राहकी फिर से शुरू हो जाएगी. बहरहाल सराफा व्यवसायियों को आने वाले समय में कोरोना का असर कम होने और रिटेल ग्राहकों में सोने चांदी की मांग बढ़ने की उम्मीद है. जिसके बाद सोने और चांदी के भाव स्थिर हो सकते हैं.