रतलाम. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच लंबे लॉकडाउन की चिंता सता रही है. इसके चलते मजदूर अभी से अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं. मजदूरों के ज़हन में बीते साल के लंबे लॉकडाउन की यादे फिर से ताजा हो गई है. पलायन के खौफनाक मंजर के एहसास से ही मजदूर चिंचित हो उठे हैं. मौजूदा दौर में एक बार फिर प्रदेश के कई जिलों में 9 दिन लॉकडाउन लग चुका है. ऐसे में बाहर से आने वाले मजदूरों की चिंतात यह है कि कोरोना का संक्रमण ऐसे ही जारी रहा तो लंबा लॉकडाउन भी दूर नहीं है.
- लॉकडाउन ने मजदूरों को घर लौटने पर किया मजबूर
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद जिले में लगने वाले 9 दिन के लॉक डाउन के कारण हर जगह अफरा-तफरी मची हुई है. बाजारों में सामान खरीदने वालों की भारी भीड़ जुटी है. कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन भी जमकर हो रहा है. ऐसे में रोजना काम कर अपनी गृहस्थी चलाने वाले मजदूरों के जहन में एक और लंबे लॉकडाउन का डर बैठ गया है. यही वजह है कि मजदूर अपने गांव और घरों की ओर निकलने लगे है. मजदूरों को इस बात का डर है कि कहीं 9 दिनों का लॉकडाउन 3 महीनें में ना बदल जाए. इस डर से वे अपने घरों की ओर पलायन करने लगे हैं. जिसका नजीता यह हो रही है कि ट्रेनों और बसों में पलायन कर जाने वाले मजदूरों की भारी भीड़ देखी जा रही है.
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- लॉकडाउन से मजदूरों में हड़कंप
शुक्रवार की शाम से लगने वाले 9 दिन के लॉकडाउन से मजदूरों में हड़कंप मच गया है. रतलाम शहर में काम कर रहे मजदूर बसों में भरकर अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं. बस स्टैंड पर भारी भीड़ इस बात की गवाही दे रही है कि कोरोना के कहर से डरे सहमे ये मजदूर अपने घर तक सुरक्षित पहुंचने के लिए कितने बेताब है.