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बीमा क्लेम के लिए किसानों को नहीं लगाने होंगे चक्कर, यहां कर सकते हैं आवेदन

रतलाम जिले के किसानों को फसल के बीमा क्लेम के लिए अब बीमा कंपनियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, किसान अब बीमा को लेकर आ रही समस्याओं की शिकायत या आवेदन कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी को भी दे सकते हैं.

किसान नहीं होंगे परेसान
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Published : Oct 3, 2019, 10:43 PM IST

रतलाम। जिले में अतिवृष्टि के चलते खराब हुई फसलों के बीमा क्लेम के लिए अब किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल नहीं लगने की स्थिति में किसान लिखित आवेदन कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी के पास जमा करवा सकते हैं.

किसान नहीं होंगे परेसान

कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस मोहनिया ने बताया कि बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल नहीं लगने की शिकायत प्राप्त हो रही थी, जिस पर सभी क्षेत्रों के कृषि विस्तार अधिकारियों को किसानों के आवेदन लेने के लिये निर्देशित किया गया है. जहां किसान अपनी फसल खराब होने पर बीमा क्लेम के लिए आवेदन दे सकते हैं.

कलेक्टर ने इसके लिए राजस्व विभाग, कृषि विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों की टीमों का गठन किया है, जो प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर फसलों के नुकसान का सर्वे करने में जुटी हैं. नियमानुसार बीमित फसल खराब होने पर उसकी सूचना बीमा कंपनी को 72 घंटों के अंदर देनी होती है, लेकिन बीमा कंपनी के कॉल नहीं लगने के चलते किसान काफी परेशान रहते थे, जिसे लेकर किसानों ने कृषि विभाग से इसकी शिकायत की थी.

रतलाम। जिले में अतिवृष्टि के चलते खराब हुई फसलों के बीमा क्लेम के लिए अब किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल नहीं लगने की स्थिति में किसान लिखित आवेदन कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी के पास जमा करवा सकते हैं.

किसान नहीं होंगे परेसान

कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस मोहनिया ने बताया कि बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल नहीं लगने की शिकायत प्राप्त हो रही थी, जिस पर सभी क्षेत्रों के कृषि विस्तार अधिकारियों को किसानों के आवेदन लेने के लिये निर्देशित किया गया है. जहां किसान अपनी फसल खराब होने पर बीमा क्लेम के लिए आवेदन दे सकते हैं.

कलेक्टर ने इसके लिए राजस्व विभाग, कृषि विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों की टीमों का गठन किया है, जो प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर फसलों के नुकसान का सर्वे करने में जुटी हैं. नियमानुसार बीमित फसल खराब होने पर उसकी सूचना बीमा कंपनी को 72 घंटों के अंदर देनी होती है, लेकिन बीमा कंपनी के कॉल नहीं लगने के चलते किसान काफी परेशान रहते थे, जिसे लेकर किसानों ने कृषि विभाग से इसकी शिकायत की थी.

Intro:रतलाम जिले में लगातार बारिश से खराब हुई सोयाबीन की फसल के बीमा क्लेम के लिए अब किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल नहीं लगने की स्थिति में किसान लिखित आवेदन कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी को जमा करवा सकते है। कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस मोहनिया ने बताया कि बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल नहीं लगने की शिकायत प्राप्त हो रही थी जिस पर सभी क्षेत्रों के कृषि विस्तार अधिकारियों को किसानों के आवेदन लेने के लिये निर्देशित किया गया है। जहां किसान अपनी फसल खराब होने पर बीमा क्लेम के लिए आवेदन दे सकते हैं। यही नहीं जिला कलेक्टर ने इसके लिए राजस्व विभाग कृषि विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों की टीमों का गठन किया है जो प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने में जुटी हुई है।


Body:गौरतलब है कि जिले में लगातार हो रही बारिश से किसानों की फसलों में लगातार नुकसान हो रहा है। खासकर खेतों में पककर तैयार हुई सोयाबीन की रही सही फसल भी बारिश की वजह से अंकुरित होकर सड़ने लगी है। फसल बीमा योजना में बीमा करवाने वाले किसानों द्वारा बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल किए जाने पर कॉल नहीं लगने की शिकायत मिल रही थी।किसान इस बात को लेकर भी चिंतित थे की नियमानुसार बीमित फसल खराब होने पर उसकी सूचना बीमा कंपनी को 72 घंटों के अंदर देना होती है।कृषि विभाग के उपसंचालओक जीएस मोहनिया ने बताया कि बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल नहीं लगने की शिकायत प्राप्त हो रही थी जिस पर सभी क्षेत्रों के कृषि विस्तार अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जहां किसान अपनी फसल खराब होने पर बीमा क्लेम के लिए आवेदन दे सकते हैं। यही नहीं जिला कलेक्टर ने इसके लिए राजस्व विभाग कृषि विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों की टीमों का गठन किया है जो प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने में जुटी हुई है।


Conclusion:बहरहाल कृषि विभाग, राजस्व विभाग और फसल बीमा योजना अंतर्गत बीमा करने वाली कंपनी के अधिकारियों की टीमों का गठन किया जा चुका है जो जिले के सभी क्षेत्रों में फसलों के हुए नुकसान का सर्वे कर रहे हैं। जिसके आधार पर किसानों की बीमित फसलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाई जाएगी। वही किसानों को फसल बीमा के क्लेम के आवेदन के लिए चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे।

बाइट-01- जीएस मोहनिया( उपसंचालक कृषि विभाग)
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