रतलाम। जिले में साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए अब साइबर विंग का गठन किया गया है. जो जिले के सभी थानों में दर्ज होने वाले साइबर अपराधों की विवेचना कर अपराधियों की धरपकड़ करेगी. आमतौर पर पुलिस थानों पर विभिन्न अपराधों की विवेचना का लोड रहता है. ऐसे में साइबर अपराधों के मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती. जिसके लिए अब रतलाम पुलिस अधीक्षक ने साइबर मामलों की विवेचना करने के लिए अलग से साइबर विंग का गठन किया है. यह टीम साइबर अपराध दर्ज होने के बाद उस मामले की जांच के साथ ही अपराधियों की धरपकड़ कर सकेगी.
- साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए साइबर विंग
साइबर अपराधों के मामलों में पुलिस थानों पर साइबर मामलों के एक्सपर्ट की कमी और अतिरिक्त कार्यभार की वजह से जांच ठीक से नहीं हो पाती. रतलाम पुलिस अधीक्षक ने साइबर मामलों की अलग से जांच के लिए साइबर मामलों के एक्सपर्ट पुलिसकर्मियों की एक 12 सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें एसआई, एएसआई और पुलिस जवानों की तैनाती की गई है. जो जिले के सभी थानों पर दर्ज होने वाले साइबर अपराधों की विवेचना करके अपराधियों की धरपकड़ भी कर सकेंगे. निश्चित अवधि में मामले की जांच पूरी कर न्यायालय में केस डायरी भी पेश कर सकेंगे.
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- पुलिस को मिलेगी सफलता
पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के अनुसार आमतौर पर पुलिस थानों पर दूसरे अपराधों की विवेचना का वर्क लोड रहता है. वहीं साइबर अपराध के अधिकांश मामले प्रदेश के बाहर से ऑपरेट किए जाते हैं. जिसकी वजह से साइबर अपराध के मामलों में विवेचना ठीक से नहीं हो पाती है. साइबर विंग एक्सक्लूसिवली साइबर अपराधों की विवेचना कर समय सीमा में प्रकरण को न्यायालय में पेश करेगी. पुलिस अधीक्षक के अनुसार पृथक साइबर विंग का गठन करने से साइबर अपराधों के मामले में पुलिस को अधिक सफलता मिल सकेगी.