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इस क्लास में डॉक्टर, इंजीनियर नहीं, नेता बनने के सिखाए जा रहे गुर

रतलाम में जनप्रतिनिधियों द्वारा नेता बनने के गुर सिखाने के लिए क्लास लगाई जा रहीं हैं. इस क्लास में अच्छे नेता कैसे बने ये बताया जा रहा है.

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रतलाम में लग रही है नेताओं की पाठशाला
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Published : Sep 23, 2020, 9:52 AM IST

रतलाम। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के साथ विपक्षी सांसदों द्वारा राज्यसभा में किए गए व्यवहार का मुद्दा पूरे देश में गर्माया हुआ है. सांसदों के इस व्यवहार को लेकर उनके आचरण पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस विवाद में आठ सांसद सस्पेंड हो गए हैं. वहीं इन सबके बीच रतलाम में नेता बनने के गुण सिखाए जा रहे हैं. जी हां अब नेताओं की पाठशाला लगना शुरु हो गई है. राजनीति में प्रवेश और जनप्रतिनिधि बनने के लिए नगरी निकाय और लोकल बॉडी के चुनाव को राजनीति की पहली सीढ़ी माना जाता है. जहां राजनीति के गुर सीख कर नेता प्रदेश और देश की राजनीति में प्रवेश करते हैं.

रतलाम में लग रही है नेताओं की पाठशाला

रतलाम में इन दिनों नगरीय निकायों और लोकल बॉडी के वर्तमान और भावी जनप्रतिनिधियों की पाठशाला लगाई जा रही है. जहां वो बेहतर जनप्रतिनिधि बनने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. राजनीति की ये अनोखी पाठशाला न केवल जनप्रतिनिधियों बल्कि शहर के जागरूक मतदाताओं के लिए भी है. नेतागिरी के इस पाठ्यक्रम में सभी नियम कायदों के साथ, सिटीजन चार्टर और नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली जैसे विषयों को शामिल किया गया है. जहां अब बेहतर जनप्रतिनिधि बनने के लिए कई पूर्व और भावी लीडर इस कक्षा को ज्वाइन करने पहुंच रहे हैं.

रतलाम में जनप्रतिनिधियों के लिए चलाई जा रही इस विशेष कक्षा का उद्देश्य ये है कि जनप्रतिनिधियों को हर विषय का जानकार बनाया जा सके. जिससे वो शहर और जनता के लिए किए जाने वाले विकास कार्यों को सही तरीके से क्रियान्वित करवा सकें. रतलाम के कुछ समाजसेवी युवाओं और शहर की संस्था क्रेडाई ने इस विशेष पाठशाला का संचालन निशुल्क शुरू किया है. जिसमें शहर के आम नागरिकों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पाठशाला के संचालकों का कहना है कि कई बार देखने में आता है कि नेताओं में जानकारी की कमी की वजह से विकास योजनाएं जनता तक नहीं पहुंच पाती हैं और शासकीय विभागों की कार्यप्रणाली नियम कायदों की सही जानकारी नहीं होने की वजह से जनप्रतिनिधि चाहते हुए भी जनता को योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा पाते हैं.

आम लोगों और जनप्रतिनिधियों में इसी जानकारी के अभाव को दूर करने के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम को तैयार कर रतलाम के वर्तमान और भावी जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. राजनीति की अनोखी पाठशाला में प्रशिक्षण लेने के लिए कई वर्तमान, पूर्व और भावी पार्षद और जनप्रतिनिधि पहुंच रहे हैं. जिन्होंने इस पहल को सराहनीय और शहर के विकास में मददगार बताया है. जनप्रतिनिधियों की पाठशाला में प्रशिक्षण देने के लिए रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी, कानून, वाणिज्य और मैनेजमेंट के विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की गई है जो रतलाम शहर के लिए जागरूक और जानकार जनप्रतिनिधियों की टीम तैयार करने में मदद कर रहे हैं.

नेताओं में जानकारी की कमी और सरकारी विभागों की आपसी खींचतान में कई योजनाएं जनता तक पहुंच ही नहीं पाती हैं. जनप्रतिनिधियों की इसी कमी को दूर करने वाली इस पाठशाला में जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोगों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिसमें प्रशिक्षण हासिल कर ये जनप्रतिनिधि और शहर के जिम्मेदार नागरिक ना केवल अपने शहर के बल्कि प्रदेश के विकास में भी भागीदार बनेंगे.

रतलाम। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के साथ विपक्षी सांसदों द्वारा राज्यसभा में किए गए व्यवहार का मुद्दा पूरे देश में गर्माया हुआ है. सांसदों के इस व्यवहार को लेकर उनके आचरण पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस विवाद में आठ सांसद सस्पेंड हो गए हैं. वहीं इन सबके बीच रतलाम में नेता बनने के गुण सिखाए जा रहे हैं. जी हां अब नेताओं की पाठशाला लगना शुरु हो गई है. राजनीति में प्रवेश और जनप्रतिनिधि बनने के लिए नगरी निकाय और लोकल बॉडी के चुनाव को राजनीति की पहली सीढ़ी माना जाता है. जहां राजनीति के गुर सीख कर नेता प्रदेश और देश की राजनीति में प्रवेश करते हैं.

रतलाम में लग रही है नेताओं की पाठशाला

रतलाम में इन दिनों नगरीय निकायों और लोकल बॉडी के वर्तमान और भावी जनप्रतिनिधियों की पाठशाला लगाई जा रही है. जहां वो बेहतर जनप्रतिनिधि बनने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. राजनीति की ये अनोखी पाठशाला न केवल जनप्रतिनिधियों बल्कि शहर के जागरूक मतदाताओं के लिए भी है. नेतागिरी के इस पाठ्यक्रम में सभी नियम कायदों के साथ, सिटीजन चार्टर और नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली जैसे विषयों को शामिल किया गया है. जहां अब बेहतर जनप्रतिनिधि बनने के लिए कई पूर्व और भावी लीडर इस कक्षा को ज्वाइन करने पहुंच रहे हैं.

रतलाम में जनप्रतिनिधियों के लिए चलाई जा रही इस विशेष कक्षा का उद्देश्य ये है कि जनप्रतिनिधियों को हर विषय का जानकार बनाया जा सके. जिससे वो शहर और जनता के लिए किए जाने वाले विकास कार्यों को सही तरीके से क्रियान्वित करवा सकें. रतलाम के कुछ समाजसेवी युवाओं और शहर की संस्था क्रेडाई ने इस विशेष पाठशाला का संचालन निशुल्क शुरू किया है. जिसमें शहर के आम नागरिकों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पाठशाला के संचालकों का कहना है कि कई बार देखने में आता है कि नेताओं में जानकारी की कमी की वजह से विकास योजनाएं जनता तक नहीं पहुंच पाती हैं और शासकीय विभागों की कार्यप्रणाली नियम कायदों की सही जानकारी नहीं होने की वजह से जनप्रतिनिधि चाहते हुए भी जनता को योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा पाते हैं.

आम लोगों और जनप्रतिनिधियों में इसी जानकारी के अभाव को दूर करने के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम को तैयार कर रतलाम के वर्तमान और भावी जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. राजनीति की अनोखी पाठशाला में प्रशिक्षण लेने के लिए कई वर्तमान, पूर्व और भावी पार्षद और जनप्रतिनिधि पहुंच रहे हैं. जिन्होंने इस पहल को सराहनीय और शहर के विकास में मददगार बताया है. जनप्रतिनिधियों की पाठशाला में प्रशिक्षण देने के लिए रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी, कानून, वाणिज्य और मैनेजमेंट के विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की गई है जो रतलाम शहर के लिए जागरूक और जानकार जनप्रतिनिधियों की टीम तैयार करने में मदद कर रहे हैं.

नेताओं में जानकारी की कमी और सरकारी विभागों की आपसी खींचतान में कई योजनाएं जनता तक पहुंच ही नहीं पाती हैं. जनप्रतिनिधियों की इसी कमी को दूर करने वाली इस पाठशाला में जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोगों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिसमें प्रशिक्षण हासिल कर ये जनप्रतिनिधि और शहर के जिम्मेदार नागरिक ना केवल अपने शहर के बल्कि प्रदेश के विकास में भी भागीदार बनेंगे.

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