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MP के इस जिले में बढ़ रहे हैं एड्स के मरीज, आंकड़े कर देंगे हैरान - AIDS patients increased

रतलाम में एड्स के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. एआरटी सेंटर में हर महीने 20 नए HIV संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. इस बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्पर्श अभियान चलाया है.

रतलाम में एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ी
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Published : Nov 25, 2019, 10:26 PM IST

रतलाम। जिले में इन दिनों लगातार एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कुल रजिस्टर्ड HIV संक्रमित मरीजों की संख्या 1550 हो गई है. एआरटी सेंटर में हर महीने 20 नए HIV संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं, जो पिछले साल सामने आए 200 मरीजों की संख्या के मुकाबले ज्यादा हैं.

रतलाम में एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ी

हैरान कर रहे हैं आंकड़े
एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. योगेश निखरा की मानें तो नए मरीजों में 20% से अधिक मरीज दोबारा एआरटी सेंटर नहीं पहुंचते हैं और जानकारी के अभाव में HIV का संक्रमण अपने नजदीकियों और अन्य लोगों में फैला रहे हैं. जिला अस्पताल प्रबंधन ऐसे अनरजिस्टर्ड मरीजों की पहचान करने और HIV से संक्रमित लोगों को फिर से एआरटी सेंटर से जोड़ने के लिए स्पर्श अभियान चला रहा है.

जानकारी के अभाव में हो जाती है मरीजों की मौत
इस अभियान के तहत अब तक सिस्टम से नहीं जुड़े मरीजों को जोड़कर उनकी काउंसलिंग और आवश्यक उपचार प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी. HIV जांच के लिए सीमित जांच केंद्र होने से जानकारी के अभाव में ही मरीज की मौत हो जाती थी, जिससे वो एआरटी सेंटर के आंकड़ों में दर्ज ही नहीं हो पाता था, लेकिन अब सभी ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों में की जाने वाली HIV की प्राथमिक जांच की सुविधा से HIV संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या सामने आने लगी है.

हर महीने आ रहे 20 नए मरीज
एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी ने जिले के आंकड़े जारी किए, जिसमें रतलाम जिले में हर महीने 20 नए HIV संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं, जो पिछले साल की तुलना में बहुत ज्यादा है. रतलाम जिले में वर्ष 2017-18 में जहां कुल 200 नए मरीज सामने आए थे. वहीं चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 140 नए मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं जिले में कुल पंजीकृत HIV संक्रमित मरीजों की संख्या 1550 पहुंच गई है.

स्पर्श अभियान से की जा रही मरीजों की पहचान
डॉ. योगेश निखरा ने बताया है कि जिले में अब सभी बड़े स्वास्थ्य केंद्रों पर HIV की प्राथमिक जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है. इसकी वजह से भी HIV संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या सामने आने लगी है. वहीं शासन स्पर्श अभियान चलाकर सिस्टम की पहुंच से दूर ऐसे मरीजों की पहचान कर रही है, जो HIV संक्रमित होने के बाद उपचार कराने के लिए एआरटी सेंटर दोबारा नहीं गए हैं.

एआरटी सेंटर के जरिए रोकथाम की कवायद
बहरहाल HIV संक्रमित मरीजों का ये आंकड़ा चिंताजनक जरूर है, लेकिन जिले में HIV संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या पता चलने और उनकी काउंसलिंग के बाद एआरटी सेंटर के माध्यम से उनका उपचार किए जाने से एड्स जैसी भयानक बीमारी के संक्रमण पर नियंत्रण रखने में मदद मिल सकती है.

रतलाम। जिले में इन दिनों लगातार एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कुल रजिस्टर्ड HIV संक्रमित मरीजों की संख्या 1550 हो गई है. एआरटी सेंटर में हर महीने 20 नए HIV संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं, जो पिछले साल सामने आए 200 मरीजों की संख्या के मुकाबले ज्यादा हैं.

रतलाम में एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ी

हैरान कर रहे हैं आंकड़े
एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. योगेश निखरा की मानें तो नए मरीजों में 20% से अधिक मरीज दोबारा एआरटी सेंटर नहीं पहुंचते हैं और जानकारी के अभाव में HIV का संक्रमण अपने नजदीकियों और अन्य लोगों में फैला रहे हैं. जिला अस्पताल प्रबंधन ऐसे अनरजिस्टर्ड मरीजों की पहचान करने और HIV से संक्रमित लोगों को फिर से एआरटी सेंटर से जोड़ने के लिए स्पर्श अभियान चला रहा है.

जानकारी के अभाव में हो जाती है मरीजों की मौत
इस अभियान के तहत अब तक सिस्टम से नहीं जुड़े मरीजों को जोड़कर उनकी काउंसलिंग और आवश्यक उपचार प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी. HIV जांच के लिए सीमित जांच केंद्र होने से जानकारी के अभाव में ही मरीज की मौत हो जाती थी, जिससे वो एआरटी सेंटर के आंकड़ों में दर्ज ही नहीं हो पाता था, लेकिन अब सभी ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों में की जाने वाली HIV की प्राथमिक जांच की सुविधा से HIV संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या सामने आने लगी है.

हर महीने आ रहे 20 नए मरीज
एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी ने जिले के आंकड़े जारी किए, जिसमें रतलाम जिले में हर महीने 20 नए HIV संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं, जो पिछले साल की तुलना में बहुत ज्यादा है. रतलाम जिले में वर्ष 2017-18 में जहां कुल 200 नए मरीज सामने आए थे. वहीं चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 140 नए मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं जिले में कुल पंजीकृत HIV संक्रमित मरीजों की संख्या 1550 पहुंच गई है.

स्पर्श अभियान से की जा रही मरीजों की पहचान
डॉ. योगेश निखरा ने बताया है कि जिले में अब सभी बड़े स्वास्थ्य केंद्रों पर HIV की प्राथमिक जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है. इसकी वजह से भी HIV संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या सामने आने लगी है. वहीं शासन स्पर्श अभियान चलाकर सिस्टम की पहुंच से दूर ऐसे मरीजों की पहचान कर रही है, जो HIV संक्रमित होने के बाद उपचार कराने के लिए एआरटी सेंटर दोबारा नहीं गए हैं.

एआरटी सेंटर के जरिए रोकथाम की कवायद
बहरहाल HIV संक्रमित मरीजों का ये आंकड़ा चिंताजनक जरूर है, लेकिन जिले में HIV संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या पता चलने और उनकी काउंसलिंग के बाद एआरटी सेंटर के माध्यम से उनका उपचार किए जाने से एड्स जैसी भयानक बीमारी के संक्रमण पर नियंत्रण रखने में मदद मिल सकती है.

Intro:रतलाम जिले में इन दिनों लगातार एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिले में कुल रजिस्टर्ड एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या 1550 हो गई है। जी हां रतलाम जिले के एआरटी सेंटर में हर महीने 20 नए एचआईवी संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं । जो पिछले वर्ष सामने आए 200 मरीजों की संख्या के मुकाबले ज्यादा है । एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी के अनुसार इसकी मुख्य वजह लोगों में जानकारी का अभाव और संक्रमित मरीजों द्वारा बरती जा रही लापरवाही है । एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ योगेश निखरा की मानें तो नए सामने आने वाले मरीजों में 20% से अधिक मरीज दोबारा एआरटी सेंटर नहीं पहुंचते हैं और जानकारी के अभाव में एचआईवी का संक्रमण अपने नज़दीकियों और अन्य लोगों में फैला रहे हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन ऐसे अनरजिस्टर्ड मरीजों की पहचान करने और एचआईवी से संक्रमित लोगों को फिर से एआरटी सेंटर से जोड़ने के लिए स्पर्श अभियान चला रहा है। जिससे अब तक सिस्टम से नहीं जुड़े मरीजों को जोड़कर उनकी काउंसलिंग और आवश्यक उपचार प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी।


Body:दरअसल जिले में एचआईवी जांच के लिए सीमित जांच केंद्र होने से जानकारी के अभाव में ही मरीज की मौत हो जाती थी। जिससे वह एआरटी सेंटर के आंकड़ों में दर्ज ही नहीं हो पाता था। लेकिन अब सभी ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों में की जाने वाली एचआईवी की प्राथमिक जांच की सुविधा से एचआईवी संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या सामने आने लगी है। रतलाम के जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी ने जिले के आंकड़े जारी किए जिसमें रतलाम जिले में हर महीने 20 नए एचआईवी संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। जो पिछले वर्षों की तुलना में बहुत ज्यादा है। रतलाम जिले में वर्ष 2017-18 में जहां कुल 200 नए मरीज सामने आए थे। वही चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 140 नए मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं जिले में कुल पंजीकृत एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या 1550 पहुंच गई है। एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ योगेश निखरा के अनुसार यह आंकड़ा चिंताजनक तो है लेकिन अधिक से अधिक एचआईवी संक्रमित मरीजों का पंजीयन होने और उनका उपचार एआरटी सेंटर से शुरू किए जाने से तेजी से बढ़ रहे एचआईवी के संक्रमण को कम करने में मदद भी मिलेगी क्योंकि एचआईवी के संक्रमण होने की जानकारी के अभाव में कई मरीज अनजाने में ही इसका संक्रमण अपने नज़दीकियों और आसपास के क्षेत्र में फैला रहे है। डॉ योगेश निखरा ने बताया है कि जिले में अब सभी बड़े स्वास्थ्य केंद्रों पर एचआईवी की प्राथमिक जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है इसकी वजह से भी एचआईवी संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या सामने आने लगी है। वही शासन द्वारा स्पर्श अभियान चलाकर सिस्टम की पहुंच से दूर ऐसे मरीजों की पहचान की जा रही है जो एचआईवी संक्रमित घोषित होने के बाद उपचार कराने के लिए एआरटी सेंटर दोबारा नहीं गए हैं।


Conclusion:बहरहाल एचआईवी संक्रमित मरीजों का यह आंकड़ा चिंताजनक जरूर है लेकिन जिले में एचआईवी संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या पता चलने और उनकी काउंसलिंग के बाद एआरटी सेंटर के माध्यम से उनका उपचार किए जाने से एड्स जैसी भयानक बीमारी के संक्रमण पर नियंत्रण रखने में मदद मिल सकती है।

बाइट _01_ डॉ योगेश निखरा (नोडल अधिकारी ए आर टी सेंटर)
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