राजगढ़। मध्य प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग सुबह सात बजे से जारी है. राज्य सरकार के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं. मतदाता वोट करने के लिए भारी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. युवा मतदाताओं में भी इस दौरान उत्साह देखने को मिल रहा है. मतदान केंद्रों पर वरिष्ठ लोगों के साथ युवा भी लगातार भारी संख्या में पहुंच रहे हैं.
इस दौरान कई युवा मतदाता ऐसे जो, जिन्होंने पहली बार अपने मतधिकार का उपयोग कर रहे हैं. इस बीच जब ईटीवी भारत ने युवा मतदाताओं से बात की, तो उन्होंने कहा कि, हम विकास को लेकर मतदान कर रहे हैं, ताकि शिक्षा और रोजगार मिले. शिक्षा व्यवस्थाओं में सुधार हो, इन्हीं मुद्दों को लेकर वोट दिया है. युवा मतदताओं को कहना है कि, ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में एक ही पीजी कॉलेज है और पीजी कॉलेज इस क्षेत्र में बनाए जाएं, ताकि छात्रों को ज्यादा मौका मिल सके. इसके अलावा सड़क निर्माण, पानी, और तमाम बुनियादी सुविधाओं को लेकर युवाओं ने अपना किमती वोट दिया.
वहीं युवा मतदाता ने कहा कि, अपने मतधिकार का प्रयोग हर किसी को करना चाहिए, हमने पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है, हमें बेहद खुशी हो रही हैं. युवाओं का कहना है कि, जो पार्टी रोजगार और शिक्षा के स्तर पर सुधार करेंगी, हम उसको ही अपना वोट देंगे. वहीं अभी तक राजगढ़ जिले में 15 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका है और लोग लगातार मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक मध्यप्रदेश में 2020 में 18 से 19 आयु वर्ग के एक लाख 51 हजार से अधिक नए मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं, जो पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. ऐसे में कहा जा सकता है कि, मध्यप्रदेश के उपचुनाव में युवा मतदाता भाग्य विधाता की भूमिका निभा सकता है. यही वजह है कि, युवा मतदाताओं की उपचुनाव में अहम भूमिका को देखते हुए उन्हें लुभाने के लिए पार्टियां जुटी हुई हैं.
एमपी में युवा मतदाता बनाएगा और बिगाड़ेगा खेल
- मध्य प्रदेश में नए और युवा मतदाता जिनकी उम्र 21 से 29 साल है, वे निर्णायक होंगे.
- ऐसे मतदाता 27.38 प्रतिशत हैं, जबकी 30 से 39 की उम्र के 25.58 प्रतिशत वोटर हैं.
- एमपी में कुल 5.34 करोड़ वोटर हैं, जिनमें से 2.75 करोड़ से ज्यादा वोटर युवा हैं.
शिवराज का भांजे-भांजियों पर दांव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को प्रदेश के बच्चों का मामा कहलाना पसंद करते हैं. इसे वो हर मंच से बड़े जोर शोर से कहते भी हैं. उन्होंने चुनाव के ठीक पहले एक बड़ी सियासी चाल चली. शिवराज सरकार ने एमपी की सरकारी नौकरियां राज्य के बच्चों को ही देने का एलान किया. जरुरी कानूनी प्रावधान करने की भी बात कही. जवाब में कांग्रेस कमलनाथ ने युवा संवाद किया और राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा. राज्य की छवि देश में बिकाऊ होने की बात कही.
कांग्रेस का युवा प्लान
कांग्रेस ने युवा संवाद में 15 महीने के कार्यकाल की बात की और अपने फैसलों के जरिए कैसे वो युवाओं के लिए काम कर रहे थे, वो प्लान बताया. निवेश से राज्य के युवा फायदे में रहेंगे. उद्योगों के नियम सरल करने और 70 प्रतिशत स्थानीय रोजगार देने का प्रावधान बताया. एमपी को हार्टिकल्चर, कैपिटल और फूड प्रोसेसिंग हब बनाने का दावा किया.
मतादाता, जो करेंगे नाथ और महा'राज' के भाग्य का फैसला
मध्य प्रदेश में कुल 5 करोड़ 9 लाख मतदाता हैं. इनमें से 12.60 प्रतिशत मतदाता इस चुनाव में वोट डालेंगे. यानि करीब 64 लाख मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनने वाले हैं. वैसे 12 फीसदी संख्या कम हैं, लेकिन ये देश के दस राज्यों में मतदाताओं की संख्या से कहीं ज्यादा है. ऐसे 10 राज्य हैं, जहां के कुल वोटर से भी ज्यादा मतदाता, मध्यप्रदेश उपचुनाव में वोट करेंगे. इनमें से अधिकांश पूर्वोत्तर भारत के हैं.