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बाल विवाह पर ब्रेक लगाने की पहल, कुंडली मिलान से पहले जांचनी होगी जन्मपत्री - Horoscope matching

जिला प्रशासन ने बाल विवाह रोकने के लिए एक नया आदेश निकाला है. जिसके तहत अब पंडितों को कुंडली मिलान करने से पहले युवक-युवतियों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच करनी होगी.

Rajgarh administration
राजगढ़ प्रशासन
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Published : Jan 8, 2020, 11:33 PM IST

राजगढ़। बाल विवाह जैसे अभिशाप को रोकने के लिए राजगढ़ प्रशासन ने एक नया आदेश निकाला है, जिसके तहत अब पंडितों को कुंडली मिलान करने से पहले युवक-युवतियों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच करनी होगी. ये पहल नातरा-झगड़ा जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित होगी.

बाल विवाह रोकने की नई पहल

प्रदेश में बाल विवाह को लेकर शिकायतों में राजगढ़ जिले का नाम भी शामिल है, जहां बाल विवाह के चलते सालों से चली आ रही नातरा-झगड़ा कुप्रथा को रोकने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है और अनेक उपायों से लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है. इसीलिए प्रशासन ने ये पहल की है.

एसडीएम संदीप अस्थाना ने बताया कि राजगढ़ जिले में एक परंपरा है कि शादी करवाने से पहले पंडितों के पास जाकर 'पाती' लिखवाई जाती है, उसके बाद उनका विवाह संपन्न हो पाता है. पंडितों और मंदिरों को एक आदेश भेजा जा रहा है, जिसमें आप 'पाती' लिखने से पहले लड़के-लड़की का जन्म प्रमाण पत्र या आयु से संबंधित कोई दस्तावेज देखें, उसके बाद ही आप शादी के लिए 'पाती' लिखें.

राजगढ़। बाल विवाह जैसे अभिशाप को रोकने के लिए राजगढ़ प्रशासन ने एक नया आदेश निकाला है, जिसके तहत अब पंडितों को कुंडली मिलान करने से पहले युवक-युवतियों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच करनी होगी. ये पहल नातरा-झगड़ा जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित होगी.

बाल विवाह रोकने की नई पहल

प्रदेश में बाल विवाह को लेकर शिकायतों में राजगढ़ जिले का नाम भी शामिल है, जहां बाल विवाह के चलते सालों से चली आ रही नातरा-झगड़ा कुप्रथा को रोकने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है और अनेक उपायों से लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है. इसीलिए प्रशासन ने ये पहल की है.

एसडीएम संदीप अस्थाना ने बताया कि राजगढ़ जिले में एक परंपरा है कि शादी करवाने से पहले पंडितों के पास जाकर 'पाती' लिखवाई जाती है, उसके बाद उनका विवाह संपन्न हो पाता है. पंडितों और मंदिरों को एक आदेश भेजा जा रहा है, जिसमें आप 'पाती' लिखने से पहले लड़के-लड़की का जन्म प्रमाण पत्र या आयु से संबंधित कोई दस्तावेज देखें, उसके बाद ही आप शादी के लिए 'पाती' लिखें.

Intro:बाल विवाह जैसे महा दंश को रोकने के लिए राजगढ़ प्रशासन ने निकाला यह आदेश, अब पंडितों को कुंडली मिलान करने से पहले करना होगा युवक-युवतियों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच,नातरा- झगड़ा जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिलाने में कारगर होगी यह पहल


Body:कहते हैं कि अगर आपको शादी करनी है तो आपको सबसे पहले अपने साथी के साथ कुंडली मिलान करना होता है और वही इस कुंडली मिलान के बाद ही आपकी शादी की तारीख तय हो पाती है और आपकी शादी हो पाती है और वही इसी में प्रशासन द्वारा एक आदेश निकाला गया है कि कुंडली मिलान करने से पहले पंडितों को युवक-युवतियों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच करनी होगी, बाल विवाह जैसे महा दंश को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा उठाया जा रहा है यह कदम, वही बाल विवाह जो नातरा -झगड़ा कुप्रथा का आरंभ होता है उसको प्रारंभ में खत्म करके जिले को नातरा -झगड़ा प्रथा से मुक्त कराने का प्रयास किया जा रहा है।

जहां प्रदेश में बाल विवाह को लेकर सर्वदेव शिकायतों में राजगढ़ जिले का नाम भी शामिल है जहां बाल विवाह के चलते सालों से चली आ रही नातरा -झगड़ा कुप्रथा को रोकने के लिए जहां जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है और अनेक उपायों के द्वारा बार लगातार लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है वहीं इसी में उसने एक नई पहल शुरू की है जिसमें पंडितों को शादी करवाने से पहले युवक युवतियों के जन्म प्रमाण पत्र या आयु से संबंधित दस्तावेज देखने होंगे और इसी के बाद किसी की शादी करवानी होगी।
वही इस आदेश के बारे में राजगढ़ एसडीएम संदीप अस्थाना ने बताया कि राजगढ़ जिले में जहां एक परंपरा है कि शादी करवाने से पहले पंडितों के पास जाकर लोगों द्वारा 'पाती' लिखवाई जाती है और उसी के बाद उनका विवाह संपन्न हो पाता है वही पंडितों और मंदिरों को एक आदेश भेजा जा रहा है जिसमें आप 'पाती' लिखने से पहले लड़के लड़की की जन्म प्रमाण पत्र या आयु से संबंधित कोई दस्तावेज देखें, उसी के बाद ही आप शादी के लिए 'पाती' लिखे, और उन बच्चों की ही 'पाती' लिखी जाए, जिनकी उम्र लड़के की 21 वर्ष और लड़की की 18 वर्षों से ऊपर हो, वहीं अगर वे इसके बावजूद 'पाती' लिखते हैं तो उनको भी बाल विवाह के अंतर्गत कानून के तहत अपराधी माना जाएगा।


Conclusion:वहीं जहां कैसी क्या इसमें प्रक्रिया रहेगी इसके जवाब में उन्होंने बताया कि हर मंदिर में एक रिकॉर्ड रखा जाएगा जिसमें पंडितों द्वारा लिखी गई समस्त पातियो का विवरण रहेगा और जिसमें लड़के लड़की की उम्र से संबंधित समस्त विवरण भी रहेगा वही उसी रिकॉर्ड के अनुसार चेक किया जाएगा कि पंडितों द्वारा लिखी गई समस्त पातीया सही है या गलत है।

वहीं इसमें कैसा क्या एक्शन लिया जाएगा अगर कोई व्यक्ति गलत पाती लिखता हुआ पाया जाता है तो?
उन्होंने बताया कि हमारे यहां नातरा प्रथा और भारतीय बाल विवाह अधिनियम के तहत उन पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा।


विसुअल

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संदीप अस्थाना राजगढ़ एसडीएम
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