राजगढ़। बाल विवाह जैसे अभिशाप को रोकने के लिए राजगढ़ प्रशासन ने एक नया आदेश निकाला है, जिसके तहत अब पंडितों को कुंडली मिलान करने से पहले युवक-युवतियों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच करनी होगी. ये पहल नातरा-झगड़ा जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित होगी.
प्रदेश में बाल विवाह को लेकर शिकायतों में राजगढ़ जिले का नाम भी शामिल है, जहां बाल विवाह के चलते सालों से चली आ रही नातरा-झगड़ा कुप्रथा को रोकने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है और अनेक उपायों से लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है. इसीलिए प्रशासन ने ये पहल की है.
एसडीएम संदीप अस्थाना ने बताया कि राजगढ़ जिले में एक परंपरा है कि शादी करवाने से पहले पंडितों के पास जाकर 'पाती' लिखवाई जाती है, उसके बाद उनका विवाह संपन्न हो पाता है. पंडितों और मंदिरों को एक आदेश भेजा जा रहा है, जिसमें आप 'पाती' लिखने से पहले लड़के-लड़की का जन्म प्रमाण पत्र या आयु से संबंधित कोई दस्तावेज देखें, उसके बाद ही आप शादी के लिए 'पाती' लिखें.