रायसेन। विश्व पर्यटन धरोहर में शामिल सांची में दो दिवसीय 67वें महाबोधि महोत्सव मेले का आगाज आज से हो गया है. केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने इसका शुभारंभ किया. शुभारंभ के मौके पर वियतनाम से लाई गईं 80- 80 किलो वजनी भगवान गौतम बुद्ध के शिष्य महामोदग्लायन और सारिपुत्र की अस्थियां दर्शन के लिए रखी गईं.
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने सुबह 6.30 बजे अस्थि कलश की पूजा की. इस दौरान श्रीलंका महाबोधि सोसायटी के अध्यक्ष बान गल्ल उपतिस्स नायक थेरो भी मौजूद रहे. यह अस्थियां वर्ष में एक बार निकाली जाती हैं. इन्हें यहां तलघर में रखा जाता है, जिसकी एक चाबी जिला प्रशासन के पास और दूसरी श्रीलंका माह बोधि सोयायटी के पास रहती है. दो दिवसीय उत्सव में कई बौद्ध अनुयायी भी शामिल होते हैं.
इस अवसर पर प्रहलाद पटेल ने कहा कि इस पूजा में शामिल होना ओर इन पवित्र अस्थियों के दर्शन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. श्रीलंकाई पर्यटकों की सुविधा के लिए सिंहली भाषा मे शाइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं. उन्होंने सांची स्तूप परिसर में लगाए गए सिंहली भाषा के शाइन बोर्ड का निरीक्षण भी किया. शाम के समय संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित महाबोधि उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे.
इन देशों से आएंगे गौतम बुद्ध के अनुयायी
गौरतलब है कि इस वार्षिक उत्सव में जापान, वियतनाम, थाईलैंड, कोरिया, चीन, कंबोडिया जैसे कई बौद्ध देशों से अनुयायी शामिल होते हैं. इससे पहले इन पवित्र अस्थियों को तलघर से निकालकर बाहर रखा जा सकता है, ताकि श्रद्धालु इनका दर्शन कर सकें.