सिलवानी ( रायसेन) । रायसेन किले के सोमेश्वर महादेव के शिव मंदिर के ताले खोले जाने का मुद्दा गहरा जाने के बाद अब बम्होरी कस्बे में कुछ इसी तरह का मामला गर्मा रहा है. रायसेन किले पर विराजे भगवान सोमेश्वर महादेव ही अकेले कैद नहीं हैं, बल्कि जिले के कस्बा बम्होरी में भगवान शिव पुलिस अभिरक्षा में थाने में रहते हैं. साल में केवल दो बार ही महाशिवरात्रि और सावन महीने के रक्षाबंधन के दूसरे रोज कजलियों के त्यौहार पर भगवान औघड़दानी महादेव की जलहरी को उस स्थान पर ले जाया जाता है, जहां उनकी विधिविधान से चबूतरे पर स्थापना की गई थी.
पुलिस थाना शिफ्ट हो गया, भोलेनाथ कैद हो गए : यहां शिव के थाने में पहुंचने की घटना 1988 से शुरू होती है. तब तत्कालीन थाना प्रभारी ने उस समय के थाना भवन में एक चबूतरे पर शिवलिंग की स्थापना कराई थी. उक्त थाना भवन पुराना होकर जर्जर हो गया था. कुछ समय बाद बम्होरी पुलिस को नया भवन मिल गया और थाना उसमे शिफ्ट हो गया, लेकिन भगवान शिव पुराने भवन में ही रह गए. लोग वहीं जाकर हर दिन पूजन करते थे. एक दिन अचानक पुराना थाना परिसर में विराजे शिवलिंग को कोई उठा ले गया. सुबह लोगों ने देखा कि चबूतरा पर शिवलिंग नहीं है तो दो पक्षों के बीच हंगामा खड़ा हो गया. लोगों ने अनिश्चित समय के लिए बम्होरी के समूचे बाजार बंद कर शिवलिंग को वापस लाकर स्थापना की मांग की. बम्होरी कस्बे में तनाव बढ़ने लगा. कई दिन स्थिति बिगड़ी रही.
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सिर्फ साल में दो बार भक्तों को दर्शन : इस बीच एक रात कोई व्यक्ति वहीं शिवलिंग चबूतरा पर रखकर चला गया. यहां विवाद खत्म हो जाना था,लेकिन प्रशासन ने एहितयात के तौर पर शिवलिंग को पुलिस अभिरक्षा में लेकर नए थाना भवन में रखवा दिया. हिन्दू समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा इसका विरोध करने पर यह व्यवस्था दी कि हर साल महाशिवरात्रि और रक्षाबंधन के दूसरे दिन कजलियों के त्यौहार के दिन शिवलिंग को पुराना थाना भवन लाया जाएगा. जहां सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं को पूजन की अनुमति होगी. यह व्यवस्था तब ही से लागू है. भगवान शिव साल में दो बार पुलिस अभिरक्षा से बाहर आते हैं और शाम को वापस थाने पहुंच जाते हैं. बम्होरी के वर्तमान थाना भवन में भगवान को सम्मानपूर्वक स्थान दिया गया है. हर दिन पूजन भी होता है, लेकिन बम्होरी के हिन्दू समाज की इच्छा के अनुरूप भगवान को वह स्थान फिर नहीं मिल सका जहां उनकी विधिवत स्थापना की गई थी. (Shankar Bhole imprisoned in police station)