रायसेन। देश में आपने कई ऐसे धार्मिक स्थाल देखे होंगे, जहां पर लोग अपने खुशहाल सुरक्षित जीवन की मनोकामनाओं के लिए पान प्रसाद चढ़ाते हैं लेकिन आपने कभी ऐसे स्थल के बारे में नहीं सुना होग, जहां पर लोग अपनी सुरक्षित यात्रा को सफल करने के लिए अपने नशे की वस्तुओं को चढ़ाते हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से महज 45 किलोमीटर दूर देवनागर बम्होरी के बीच सुंदर घनी पहाड़ियों में बसे श्री राज बाबा (दरोई बाबा) के चबूतरे की जहां से गुजरने वाले हर यात्री को यहां रुक कर अपनी सुरक्षित यात्रा की सफलता के लिए प्रसाद के तौर पर अपने नशे की वस्तुएं को अर्पण करना जरूरी होता है. लोगों की मान्यता है कि इस स्थल पर रुककर बीड़ी, सुपारी, गांजा प्रसाद अर्पण करने से यात्रा सुरक्षित रहती है.
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गुटका, बीड़ी, गांजा चढ़ाने से सफल होती है यात्रा
बाबा के इस स्थल के संबंध में जब यात्रियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे लगभग 25 वर्षो से यह से गुजर रहे है. यह दारोई बाबा का स्थल है. जहां पर लोग रुककर शीश नवा कर अपने नशे की वस्तुए जैसे गुटका, बीड़ी, गांजा चढ़ाते हैं. जिससे उनकी यात्रा सफल होती है. यह के स्थानीय लोगों की पुरानी प्रथा है. जिसे देख लोग भी इस मान्यता को मानते हैं कि इस स्थल पर बिना रुके जाने से दुर्घटना होने की संभावनाएं बनी रहती है.
नशे का सामान चढ़ाने खुश होते हैं बाबा
वहीं एक अन्य बुजुर्ग यात्री का कहना है कि मैं यहां से 15 साल की उम्र से गुजर रहा हूं. आज मेरी उम्र 60 वर्ष हो गई है. इस जंगल में लूट और दुर्घटना का डर हमेशा बना रहता है. दारोई बाबा के इस स्थल पर रुककर अपने नशे की वस्तुओं को चढ़ाने से बाबा यात्रा को सफल बनते हुए हमारी रक्षा करते है. यहां रुकना बेहद जरूरी है. बाबा को ये नशे की वस्तुए बेहद पसंद है जिसके चलते बीड़ी, गुटका गंजे को बाबा पर चढ़ाया जाता है.
घने जंगल के बीच है आस्था का केंद्र
बात दे कि बाबा के इस स्थल से घने जंगल और टेढ़े-मेढे रास्तों से होकर यात्रियों को गुजरना होता है. इस जंगल में मिश्रित सागोन के सुंदर वृक्ष है. वहीं इस घने जंगल में जंगली जानवरों का भी बसेरा है. स्थल से सूर्य के उदय और सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. गहरी खाइयों को देख मन आत्मविभोर हो जाता है.